दिल्ली / जयपुर / भोपाल / रायपुर: लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी शासित राज्यों में नया कानून प्रभावशील हो जायेगा। इससे आम जनता को ना केवल सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचेगा, बल्कि शासन – प्रशासन में काबिज सरकारी अधिकारी और कर्मचारी पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे। इससे सबसे ज्यादा लाभ जनता को होगा। वो बेफिक्री के साथ सिटीजन चार्टर के प्रावधानों का लाभ उठा सकेंगे।
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बीजेपी ने शासन – प्रशासन को प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक शासकीय सेवक की जिम्मेदारी तय कर दी है। समय सीमा के भीतर कार्य और कायदे कानूनों का समुचित पालन करने वाले सेवक ही अब सरकार की गोद में बैठ पाएंगे। शेष निकम्मे – कामचोर और भ्रष्ट आचरण प्रदर्शित करने वाले सरकारी सेवकों की छुट्टी हो जाएगी। जांच के बाद उन्हें अनिवार्य सेवानिवृति के साथ सरकारी सेवा से विदाई दे दी जायेगी। इसका सीधा लाभ जनता को मिलेगा।
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सरकारी कार्यों में लेन – देन और भ्रष्टाचार पर रोक के साथ – साथ कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना साकार होगी। बीजेपी नए कलेवर के साथ अपने विभिन्न राज्यों में इस कानून को प्रभावशील तरीके से लागू भी करेगी। इसका खांका खींच लिया गया है। सरकारी सेवा का राजस्थान मॉडल सुर्ख़ियों में है। इसके पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ का ‘पीडीएस मॉडल’ देशभर में चर्चित रहा है।
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बीजेपी शासित कई राज्यों में इसे लागू भी किया गया था। अब बारी राजस्थान के उस नए कानून की है, जिसे प्रभावी तरीके से लागू करने के निर्देश दिए गए है।राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए सरकार के द्वारा कड़े नियम बनाएं जा रहे है। इसके लिए कार्मिक और सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है।
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इस आदेश को भ्रष्ट नौकरशाहों और अपनी कुर्सी से अक्सर नदारत रहने वाले कर्मियों के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। अब उनकी नौकरी खतरे में नजर आने लगी है। बताते है कि अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कोताही बरतने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है।
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राज्य की भजन लाल शर्मा सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति का यह आदेश फौरीतौर पर जारी करने के निर्देश दिए थे। राज्य के प्रमुख सचिव हेमंत कुमार गेरा के द्वारा जारी आदेश के बाद सरकारी महकमों में खलबली मच गई है। हज़ारों अफसरों और कर्मचारियों का ‘CR’ खंगाला जा रहा है। इसके तहत 15 वर्ष की सेवा या 50 साल की आयु पूरी कर चुके कर्मचारी अनिवार्य सेवानिवृत्ति के दायरे में आ गए है।
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प्रशासनिक मामलों के जानकार बताते है कि कांग्रेस शासनकाल में सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार अनिवार्य शिष्टाचार बन गया था। यह कांग्रेस सरकार की केंद्रीय नीति की झलक है, जबकि मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने पर जोर देते रही है। उनके मुताबिक राजस्थान के अलावा छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस शासनकाल में अंजाम दिए गए घोटालों की जांच को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियां दो चार हो रही है। लिहाजा तमाम बीजेपी शासित राज्यों में सरकारी संस्थानों से भ्रष्टाचार समाप्त करने का बीड़ा उठाया गया है। यहाँ भी निजी सेक्टर की तर्ज पर कार्यों और सेवाओं को तवज्जो दी जाएगी।
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नए प्रावधानों के मुताबिक अनिवार्य सेवानिवृत्ति में “ऐसे सरकारी अधिकारी / कर्मचारी जिन्होनें 15 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु जो भी पहले पूर्ण कर ली है, एवं अपनी अकर्मण्यता, संदेहास्पद सत्यनिष्ठा, अक्षमता एवं अकार्यकुशलता अथवा असंतोषजनक कार्य निष्पादन के कारण जनहितार्थ आवश्यक उपयोगिता खो चुके है, ऐसे सरकारी अधिकारी/कर्मचारी की स्क्रीनिंग कर तीन माह के नोटिस अथवा उसके स्थान पर तीन माह के वेतन व भत्तों के भुगतान के साथ तुरन्त प्रभाव से राज्य सेवा से सेवानिवृत्ति किया जा सकेगा।” बताते है कि यह प्रावधान सरकारी सेवा में काफी पहले से है, लेकिन इसे लागू करने में तत्कालीन सरकारों ने कोई रूचि नहीं दिखाई थी। हालांकि अब ‘मोदी राज’ में भ्रष्टाचार के खिलाफ बीजेपी की मुहिम अपना रंग दिखा रही है।
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अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए सभी विभागों को आदेश जारी किया गया है। इसके बाद ऐसे कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। जो सरकारी सेवा में अपनी आवश्यक उपयोगिता खो चुके है। या आगे काम करने के इच्छुक नहीं है। ऐसे सरकारी कर्मचारियों को विभाग की प्रक्रिया के तहत सेवानिवृत्ति दी जाएगी। कार्मिक विभाग के द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में विस्तृत आदेश जारी किया गया है।
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जानकार यह भी बता रहे है कि बीजेपी शासित तमाम राज्यों में लोकसभा चुनाव के उपरांत इस कड़े कानून को लागू किये जाने की प्रभावी पहल होगी। इसके साथ ही सरकारी सेवकों के वेतन भत्तों और दूसरी समस्याओं का त्वरित निराकरण भी होगा। बीजेपी सरकार की इस पहल से जहा सरकारी दफ्तरों में खलबली है, वही जनता राहत की सांस ले रही है।
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