प्रदेश में स्कूल परिसर, पंचायत भवनों, सामुदायिक भवनों सहित सार्वजनिक स्थानों में लग सकेगा कोरोना वैक्सीन, रोज एक लाख लोगों को दिया जाएगा डोज

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रायपुर / कोरोना वायरस के खिलाफ देश में आज से वैक्सीन का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। पहले चरण में मेडिकल केयर और फ्रंटलाइन वर्कर्ज़ को वैक्सीन लगाई गई थी, वहीं अब 60 साल से ऊपर के लोगों को लगाई जाएगी। साथ ही वे लोग जिनकी उम्र 45 साल से ज़्यादा है, लेकिन गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, वे भी दूसरे चरण में वैक्सीन लगवा पाएंगे। निजी अस्पतालों में प्रति खुराक 250 रुपये शुल्क लिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने उन 20 बीमारियों की लिस्ट जारी की, जिनमें से किसी शख्स को एक भी बीमारी है और उसकी उम्र 45 साल या उससे ऊपर है, तो वह भी कोरोना की वैक्सीन लगवा सकता है।

कोरोना टीकाकरण अभी सिर्फ अस्पतालों में हो रहा है, लेकिन जरूरत तथा आम लोगों की हिचक दूर करने के सरकार इसे जल्दी ही स्कूल परिसर, पंचायत भवनों, सामुदायिक भवनों तथा ऐसी सार्वजनिक जगहों पर शुरू करने जा रही है। दूसरी कोरोना लहर से लोगों को बचाने के लिए टीकाकरण की संख्या कई गुना बढ़ाई जा रही है। अभी प्रदेश में 900 सेंटर में टीके लग रहे हैं, जिनकी संख्या सोमवार से 1200 और दो हफ्ते के भीतर 2000 से ज्यादा हो जाएगी। बूथ बढ़ाने के साथ-साथ इन्हीं दो हफ्तों में रोजाना एक लाख लोगों को टीके लगाने की तैयारी है। सार्वजनिक स्थानों पर कोरोना टीकाकरण के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग से गाइडलाइन मांगी गई है।

लेकिन इससे पहले ही सिस्टम बनाया जा रहा है, जिसे तुरंत लागू कर दिया जाएगा। प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा लोगो को दूसरे चरण में टीके लगाए जाने हैं। अभी 60 साल या अधिक या 45 से 59 साल के बीच गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को वैक्सीन लग रहे हैं। यह काम तो हेल्थ विभाग के सेटअप में हो जाएगा, लेकिन आम लोगों का टीकाकरण मुश्किल होगा। अभी हर दिन औसतन करीब 40 से 45 हजार टीके लगाए जा रहे हैं। एक लाख टीके हर दिन लगाए जाने से 30 लाख टीको को लगाने का टारगेट करीब डेढ़ माह में पूरा हो जाएगा। एसीएस रेणु पिल्लई ने भी निर्देश दिए हैं कि जल्दी ही एक लाख टीके रोज लगाने के इंतजाम किए जाएं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक टीकाकरण ऐसी जगह होना चाहिए, जहां साइड इफेक्ट होने पर इलाज किया जा सके। पहले सामुदायिक भवनों, पंचायत भवनों और स्कूलों में टीकाकरण होना था, लेकिन बाद में यह प्लान अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सिमट गया। केंद्र के निर्देश के बाद ऐसी जगह टीकाकरण केंद्रों का सेटअप लगेगा, जहां वैक्सीनेशन, वेटिंग और आब्जर्वेशन के लिए तीन कमरे हों।