कोरोना की रफ्तार फिर से आउट ऑफ कंट्रोल, होली पर भी मंडराया कोरोना का साया, देश के इन शहरों में आज रात से पूर्ण लॉकडाउन

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नई दिल्ली / कोरोना  की नई लहर खतरनाक होती जा रही है |  जिस महामारीके खिलाफ एक साल से पूरा देश एकजुट होकर लड़ा, अब उसी लड़ाई के जीत के करीब पहुंचकर हिंदुस्तान पिछड़ने लगा है और कोरोना बढ़ने लगा है |  18 मार्च को देश में कोरोना के जितने नए केस सामने आए हैं, वो 2021 में कोरोना के सबसे ज्यादा डराने वाले आंकड़े हैं |  ये 110 दिन बाद पहला मौका है, जब देश में कोरोना के केस फिर से 39 हजार के पार पहुंचे हैं |  साफ है कि कोरोना की रफ्तार फिर से आउट ऑफ कंट्रोल होने लगी है | क्या इसकी वजह हैदेश एक बार फिर लॉकडाउन की तरफ बढ़ रहा है? कोरोना के तेजी से बढ़ते केस और लोगों की लापरवाही देखते हुए इस बात की आशंका जताई जा रही है। लोग मास्क पहनने और शारीरिक दूरी का पालन करने के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि महाराष्ट्र, पंजाब और मध्य प्रदेश में नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाया गया है। बीते 24 घंटों में जो नए केस सामने आए हैं, इनमें पांच राज्यों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है।

ये राज्य हैं, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक और छत्तीसगढ़। इस बीच, देश के कई शहरों में शनिवार रात से सोमवार सुबह तक पूर्ण लॉकडाउन की तैयार हो गई है। इनमें मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल और जबलपुर भी शामिल है। तीन शहरों में शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक यानी कुल 32 घंटे का लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया गया है। 31 मार्च तक इन तीन शहरों में स्कूल-कॉलेज भी बंद रहेंगे। इस दौरान आवश्यक सेवाएं और उद्योग चालू रहेंगे। बिना अनुमति सामाजिक समारोह भी नहीं आयोजित किए जाएंगे।

होली पर कोरोना का साया:

इस साल 28 मार्च को होलिका दहन है जब कि 29 मार्च को होली खेली जाएगी, लेकिन लोगों की लापरवाही ने होली के रंग में भंग का काम कर दिया है। अधिकांश राज्य अपने यहां होली के जश्न पर रोक लगाने का मन बना चुके हैं। इस बार भी होली के सार्वजनिक आयोजनों पर रोक रहेगी। छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक कार्यक्रमों के साथ ही नगाड़ा और डीजे पर रोक लगा दी है।

कोरोना महामारी से सबसे बुरी तरह से प्रभावित महाराष्ट्र एक बार फिर इसकी गंभीर चपेट में फंसता जा रहा है। राज्य में रोजाना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कहना पड़ गया है कि हालात को काबू में करने के लिए लॉकडाउन भी एक विकल्प है। इस बीच, राज्य सरकार ने थियेटर और ऑडिटोरियम को 31 मार्च तक 50 फीसद क्षमता से चलाने का आदेश दिया है। इस संबंध में शुक्रवार को जारी अधिसूचना में स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर निजी क्षेत्र के दफ्तरों को भी कर्मचारियों की 50 फीसद क्षमता के साथ काम करने को कहा गया है। जबकि, सरकारी और अर्धसरकारी दफ्तरों के लिए वहां के हेड को कर्मचारियों की संख्या को निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है। उत्पादन इकाइयों को 100 फीसद क्षमता के साथ काम करने की अनुमति होगी। हालांकि, उत्पादन इकाइयों में शारीरिक दूरी को बनाए रखने के लिए अधिक पारियों में काम कराने की सलाह दी गई है। साथ ही प्रत्येक कर्मचारी के लिए मास्क और इकाई के प्रवेश द्वार पर ही तापमान की जांच करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

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सूरत में कर्फ्यू की अवधि एक घंटे बढ़ी

गुजरात की औद्योगिक नगरी सूरत में भी तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। पिछले एक दिन में तीन सौ से ज्यादा नए मरीजों के मिलने के बाद शहर में रात के कर्फ्यू के समय को बढ़ा दिया गया है। अब शुक्रवार से ही रात 10 के बजाय नौ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू प्रभावी होगा। वहीं, अहमदाबाद में मॉल और मल्टीप्लेक्स को सप्ताहांत में बंद रखने का भी आदेश दिया गया है। शहर में रात का कर्फ्यू पहले से ही लागू है।

पंजाब के 11 जिलों में सभी शिक्षण संस्थान 31 तक बंद

पंजाब में 11 जिलों में कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा है। इन 11 जिलों (लुधियाना, जालंधर, पटियाला, मोहाली, अमृतसर, होशियारपुर, कपूरथला, नवांशहर, फतेहगढ़ साहिब, रोपड़ और मोगा) में 31 मार्च तक मेडिकल कालेजों को छोड़ कर सभी शिक्षण संस्थान बंद करने के आदेश दिए गए हैं। परीक्षाएं भी स्थगित रहेंगी। सिनेमा घर, मल्टीप्लेक्स, रेस्टोरेंट व माल रविवार को बंद रहेंगे। अंतिम संस्कार व विवाह आदि में 20 से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे। घर में किसी भी आयोजन पर 10 से ज्यादा मेहमान इकट्ठा नहीं हो पाएंगे। के सरकारी दफ्तरों में पब्लिक डीलिंग पर रोक रहेगी। सिर्फ जरूरी सेवाओं के लिए ही दफ्तर आने की छूट रहेगी।

राज्य सरकारें भी पूरी कोशिश कर रही हैं लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद नाइट कर्फ्यू जैसी सख्तियों का भी असर कुछ खास नहीं दिख रहा है |  ऐसे में इस वक्त सबसे कारगर जो चीज हो सकती है, वो है वैक्सीनेशन का दायरा और रफ्तार बढ़ाना |  यानी एज ग्रुप की पाबंदी हटाकर सभी लोगों को वैक्सीन देना या फिर कम से कम उस इलाके के सभी लोगों को वैक्सीनेट करना, जहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है |  ये बात हम लगातार कहते आ रहे हैं और इस बीच जो खबरें आ रही हैं, वो इशारा कर रही हैं कि शायद सरकार इसी ओर कदम बढ़ाने की तैयारी कर रही है |

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 पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के करीब 41 हजार नए मरीज सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में देश में 40 हजार 953 नए कोरोना मामले सामने आए  हैं। इस वक्त देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 2 लाख 88 हजार 394 है और अबतक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1 लाख 59 हजार 558 हो चुके हैं। बात अगर कोरोना के खिलाफ टीकाकरण की करें तो अब तक 4 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, रविवार सुबह तक 4 करोड़ 20 लाख 63 हजार 392 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 16 जनवरी यानी जब से वैक्सीनेशन शुरू हुआ था, तब से 18 मार्च तक यानी 62 दिनों में देश में करीब 4 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. इसमें दूसरी डोज वाले लोग भी शामिल हैं और इस हिसाब से अब तक करीब 3 प्रतिशत आबादी को ही वैक्सीन लगाई जा सकी है |  इस हिसाब से 130 करोड़ की आबादी को वैक्सीनेट करने में कई साल लग जाएंगे |  साइंटिफिक रूप से यह आवश्यक नहीं है कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन दी जाए |  ना ही दुनियाभर के हर आदमी को वैक्सीनेट किया जाएगा |  वैक्सीन डोज के लिए प्राथमिकता का चुनाव करना एक डायनेमिक  प्रोसेस है | कोरोना वायरस का नेचर भी डायनेमिक है | इसलिए सभी चीजें वैज्ञानिक तथ्यों, जांच और समग्र वैज्ञानिक और स्वास्थ्य समुदाय की दृष्टि पर आधारित है, जैसा एक्सपर्ट द्वारा मौजूदा स्थिति को देखकर तय किया जाएगा, वैक्सीनेशन अभियान उसी तर्ज पर काम करेगा | 

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 सरकार भले ही इस वक्त सभी को वैक्सीनेट करने की बात नहीं कर रही हो, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक्सपर्ट्स जो तय करेंगे |  उस हिसाब से वैक्सीनेशन आगे बढ़ाने की बात कह रही है और मौजूदा स्थिति के हिसाब से बहुत सारे एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि कम से कम उन शहरों और इलाकों में सबसे पहले लोगों को वैक्सीनेट किया जाए, जहां संक्रमण के मामले बेतहाशा बढ़ रहे हैं और शायद सरकार ने भी इस ओर सोचना शुरू कर दिया है |  देश में इस वक्त दो वैक्सीन लगाई जा रही है |  एक है कोविशील्ड, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है और दूसरी है कोवैक्सीन, जिसे भारत बायोटेक बना रही है | कोविशील्ड, ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन है, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड के नाम से बना रहा है और इसकी सप्लाई के लिए भारत के साथ-साथ यूके से भी करार है |  जिसके तहत उसे 1 करोड़ डोज की सप्लाई करनी है और अब तक 50 लाख डोज दी जा चुकी हैं | 

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लेकिन इस बीच खबर आई है कि सीरम इंस्टीट्यूट ने यूके को ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की सप्लाई अगले कुछ हफ्तों के लिए फिलहाल रोक दी है | ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भले ही इसे टेक्नीकल दिक्कत बता रहे हों, माना ये जा रहा है कि भारत भी अब बड़े पैमाने पर टीकाकरण की तैयारी में है | जिसमें वैक्सीन की कमी न पड़े, इसलिए विदेशों में सप्लाई को फिलहाल रोका गया है |  इस बारे में अभी तक भारत सरकार की ओर से कुछ भी नहीं कहा गया है| लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट की ओर जो बयान दिया गया है, वो काफी कुछ कह रहा है |  ब्रिटेन को कुछ हफ्ते पहले 50 लाख डोज डिलीवर की जा चुकी हैं | भारत में वैक्सीनेशन प्रोग्राम की मौजूदा जरूरतों और हालात के आधार पर बाद में बाकी डोज सप्लाई करने की कोशिश करेंगे |  जाहिर है… अगर कोरोना के बेलगाम होते रफ्तार पर लगाम लगाना है तो टीके का डोज जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना होगा और उन्हें सबसे पहले टीका लगाना होगा जो कोरोना के बढ़ते संक्रमण से डेंजर जोन में हैं |