दिल्ली वेब डेस्क / देश में कोरोना की जमात के रूप में अब तब्लीगी समुदाय पर तंज कसा जाने लगा है | प्रशासन इस समुदाय से लगातार आगे आकर खुद ब खुद जांच कराने पर जोर दे रहा है | लेकिन तब्लीगी जमात इसे नजर अंदाज कर संक्रमण को फैलने में मदद कर रही है | देशभर में हायतौबा मचने के बावजूद तब्लीगी जमात के कर्ता-धर्ता ना तो सामने आ रहे है और ना ही संक्रमण रोकने में मदद कर रहे है | इसके चलते जमातियों में वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यही नहीं यह समुदाय देश के स्वस्थ्य लोगों के लिए भी मुसीबत बनता जा रहा है |
सरकार ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ा दिया है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया है कि देश में कोरोना के 29 फीसदी मामले सिर्फ तब्लीगी जमात से जुड़े हुए हैं। जबकि दिल्ली में कोरोना के 63 फीसदी मामले तब्लीगी जमात से जुड़े हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में जमात से जुड़े ज्यादातर मामले सामने आए हैं। देश के 23 राज्यों में मरकज से जुड़े लोग कोरोना संक्रमित हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात का मार्च के मध्य में एक बड़ा धार्मिक आयोजन हुआ था। ये इलाका बाद में कोरोना वायरस का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना। निजामुद्दीन मरकज में आयोजित कार्यक्रम में कम से कम 9000 जमाती शामिल हुए थे, जो बाद में देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचार के लिए निकल गए और महामारी फैलती चली गई। इनमें सैकड़ों की संख्या में विदेशी नागरिक भी शामिल थे।
मरकज में पुलिस कार्रवाई के दौरान ही करीब 2300 जमातियों को निकालकर क्वारंटीन किया गया था। पूरे देश में मरकज में शामिल रहे जमातियों की पहचान करने का अभियान चलाया गया, जिसके तहत विभिन्न राज्य सरकारों की मदद से हजारों जमातियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को क्वारंटीन किया जा चुका है।
संयुक्त सचिव ने बताया कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या 14,378 हो गई हैं, जिनमें से 4291 मामले तब्लीगी जमात से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह देश के कुल मामलों का 29.8 फीसदी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 991 नए मामले सामने आए हैं और 43 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 1992 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं।