कोरोना संक्रमण: 40 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए बूस्टर डोज जरूरी, INSACOG के वैज्ञानिकों ने की सिफारिश

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नई दिल्ली : देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और नए कोरोना वैरिएंट की दस्तक को लेकर बूस्टर खुराक लगाने की चर्चा एक बार फिर से तेज हो गई है। भारतीय SARS-CoV-2 जेनेटिक्स कंसोर्टियम या INSACOG ने कहा कि 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर खुराक लेनी चाहिए। INSACOG लैब ने अपनी साप्ताहिक बुलेटिन में 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर खुराक लेने की सिफारिश की है। लोकसभा में कोरोना महामारी की स्थिति पर चर्चा के दौरान सांसदों ने कोविड के टीकों की बूस्टर खुराक की मांग की थी। इसी बीच लैब के वैज्ञानिकों ने यह सिफारिश की है। 

वैज्ञानिकों ने बताया कि टीका नहीं लेने वाले लोग सबसे पहले टीकाकरण करवाए । वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि वर्तमान टीका कोरोना के खरतनाक वैरिएंट ओमिक्रॉन से लड़ने में उतना ताकतवर नहीं है। लिहाजा और 40 से अधिक उम्र वाले लोग बूस्टर खुराक लेने पर भी विचार करें। 

बंगाल में बूस्टर डोज परीक्षण की तैयारी
वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार जल्द ही कोरोना के बूस्टर डोज का परीक्षण करने की योजना बना रही है। कई अस्पतालों और मेडिकल लैबों में इसका परीक्षण भी शुरू कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि बूस्टर डोज परीक्षण के लिए अभी तक छह अस्पताल आगे आए हैं। इसमें स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन, कॉलेज ऑफ मेडिसिन और सगोर दत्ता अस्पताल, निल रतन सरकार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल तीन सरकारी चिकित्सा सुविधाएं हैं, जिन्होंने इस संबंध में रुचि दिखाई है। अधिकारी ने आगे बताया “हमने भारत के औषधि महानियंत्रक को भी लिखा है, और सकारात्मक जवाब मिलने की उम्मीद है।”