कोरोना ने बढ़ाई सुरक्षा एजेंसियों की चिंता , मास्क की आड़ में भाग सकते हैं वांटेड

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दिल्ली वेब डेस्क / कोरोना के बढ़ते प्रभाव ने सुरक्षा एजेंसियों की टेंशन बढ़ा दी है। नेपाल आने-जाने वाले लोग सोनौली सीमा पर मास्क पहन कर पहुंच रहे हैं। ऐसे में पहचान में मुश्किल आ रही है। जांच एजेंसियों को चिंता इस बात की है कि कहीं मास्क पहन कर कोई भगोड़ा नेपाल भाग न जाए।

इंडो-नेपाल का सोनौली बार्डर सुरक्षा को लेकर अति संवदेनशील है। यहां लश्कर के कई आतंकी घुसपैठ की कोशिश में गिरफ्तार हो चुके हैं। हर दिन डेढ़ से दो हजार विदेशी पर्यटकों की जांच के बीच आतंकी व देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों को ढूंढना वैसे ही दुश्कर कार्य है।

अब कोरोना से बचाव के लिए लोग मास्क पहुंच कर सरहद पर पहुंच रहे हैं, जिससे जांच व पहचान में दिक्कतें आनी शुरू हो गई है। सुरक्षा कर्मी चेहरे पर लगे मास्क को इसलिए नहीं हटा रहे हैं कि किसी में कोरोना वायरस का संक्रमण तो नहीं है।

सीमा सुरक्षा बल ने इंडो-नेपाल बार्डर के सोनौली में स्थित इंडिया गेट पर हाई रेज्यूलेशन वाला क्लोज सर्किट कैमरा लगा रखा है। इस कैमरे की खासियत यह है कि इसके फोकस लेंस में चेहरा आते ही कैमरा अधिकांश लोगों को पूरा ब्योरा बता देता है। देश विरोधी गतिविधियों लिप्त लोगों व चिह्नित अपराधियों के डेटाबेस के चलते उसमें से कोई सीमा पर पहुंचता है तो उसकी फौरन पहचान हो जाती है। लेकिन कोरोना के चलते मास्क लगाकर पहुंचने से हाई रेज्यूलेशन वाला कैमरा भी चेहरा नहीं पहचान पा रहा है।