अमेरिका के बाद अब कई देश चाइनीज AI चैटबॉट डीपसीक पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। अब इस फेहरिस्त में शामिल होने वाला सबसे नया देश दक्षिण कोरिया है। DeepSeek को साउथ कोरिया में बड़ा झटका लगा है। देश की पर्सनल इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन कमिशन ने DeepSeek के AI चैटबॉट एप्स की डाउनलोडिंग फिलहाल रोक दी है। साउथ कोरियन अधिकारियों के मुताबिक, कंपनी से डेटा प्राइवेसी को लेकर उठे सवालों पर स्पष्टीकरण मांगा गया है, जिसके बाद ऐप्स को दोबारा उपलब्ध कराने पर विचार किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, DeepSeek के AI ऐप्स को शनिवार शाम को Apple App Store और Google Play Store के साउथ कोरियन वर्जन से हटा दिया गया। हालांकि, जिन यूजर्स ने पहले ही ऐप डाउनलोड कर रखा है या इसे अपने पर्सनल कंप्यूटर पर इस्तेमाल कर रहे हैं, वे अब भी इसका उपयोग कर सकते हैं। साउथ कोरिया के पर्सनल इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन कमिशन के निदेशक नाम सियोक ने DeepSeek यूजर्स को एप को डिलीट करने या इसमें अपनी निजी जानकारी दर्ज न करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि जब तक कंपनी जरूरी सुधार नहीं करती, तब तक यूजर्स को सतर्क रहना चाहिए।
गोपनीयता को लेकर चिंता इतनी बढ़ गई कि कई सरकारी संस्थानों और कंपनियों ने DeepSeek को अपनी नेटवर्क सर्विस से ब्लॉक कर दिया है। कुछ कंपनियों ने तो अपने कर्मचारियों को इसे वर्कस्पेस में इस्तेमाल करने से भी मना कर दिया है। साउथ कोरियन प्राइवेसी कमिशन पिछले महीने से DeepSeek की सेवाओं की समीक्षा कर रहा था। जांच में सामने आया कि कंपनी अपने डेटा ट्रांसफर को लेकर पारदर्शी नहीं है और यूजर्स की जरूरत से ज्यादा पर्सनल जानकारी इकट्ठा कर रही है। यही वजह है कि एप पर तत्काल एक्शन लिया गया।
हालांकि, DeepSeek को साउथ कोरिया में तेजी से लोकप्रियता मिल रही थी। Wiseapp Retail की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी के चौथे सप्ताह में लगभग 12 लाख स्मार्टफोन यूजर्स ने इस AI मॉडल का इस्तेमाल किया। यह ChatGPT के बाद दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला AI मॉडल बन गया था।