लेटरल एंट्री भर्ती को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर SC-ST और OBC वर्ग के अधिकारों को छीनने का आरोप लगाया, तो कानून मंत्री अरुण राम मेघवाल ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को ही लेटरल एंट्री की शुरुआत का जिम्मेदार ठहराया। वहीं, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की मांग उठाई है। इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
लेटरल एंट्री का मतलब है बिना परीक्षा के सीधी भर्ती। इस प्रक्रिया के तहत केंद्र सरकार निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को UPSC के बड़े पदों पर सीधे भर्ती करती है। इनमें राजस्व, वित्त, अर्थशास्त्र, कृषि, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लंबे समय से काम कर रहे लोग शामिल होते हैं।
UPSC द्वारा 17 अगस्त को 100 पदों के लिए लेटरल एंट्री भर्ती के लिए वैकेंसी जारी की गई। राहुल गांधी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि SC-ST और OBC वर्ग के अधिकारों को लेटरल एंट्री के माध्यम से खुलकर छीना जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार RSS के लोगों को सरकारी नौकरियों में भर्ती कर रही है।
राहुल गांधी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 1976 में वित्त सचिव और मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष लेटरल एंट्री के माध्यम से बनाया गया था। सोनिया गांधी को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल का प्रमुख भी इसी प्रक्रिया के तहत बनाया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही लेटरल एंट्री की शुरुआत की थी।
मेघवाल ने दावा किया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1961 में और राजीव गांधी ने 1989 में लोकसभा में OBC आरक्षण का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री सभी के लिए खुली है और सभी वर्गों के लोग आवेदन कर सकते हैं। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अब अचानक राहुल को OBC का प्रेम उमड़ पड़ा है और वे SC, ST और OBC छात्रों को गुमराह कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी लेटरल एंट्री भर्ती पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकारी नियुक्तियों में आरक्षण होना चाहिए, इसमें कोई यदि-मगर नहीं होना चाहिए। चिराग ने कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री आरक्षण के समर्थन में हैं, लेकिन लेटरल एंट्री के माध्यम से कुछ पदों पर सीधी भर्ती की जा रही है, जिसमें आरक्षण का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
राहुल गांधी ने 18 अगस्त को UPSC की भर्ती अधिसूचना के बाद सोशल मीडिया पर लिखा कि नरेंद्र मोदी संविधान पर हमला कर रहे हैं और संघ लोक सेवा आयोग के बजाय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों को सरकारी नौकरियों में भर्ती कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लेटरल एंट्री के माध्यम से SC, ST और OBC वर्ग के अधिकारों को छीना जा रहा है।