
लंदन। भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स टेस्ट मुकाबले में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय टीम ने आरोप लगाया है कि मैच के दौरान गेंद बदलने में नियमों का सही तरीके से पालन नहीं किया गया, जिससे टीम को 22 रन से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ इंग्लैंड पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे हो गया है।
विवाद की जड़ इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान तब पैदा हुई जब दूसरी नई गेंद महज 10 ओवर के भीतर ही खराब हो गई। नियमों के मुताबिक, ऐसी स्थिति में उसी उम्र की गेंद से बदलाव किया जाना चाहिए, लेकिन अंपायरों ने बताया कि उनके पास 10 ओवर पुरानी गेंद उपलब्ध नहीं है। इसके बजाय भारतीय टीम को 30-35 ओवर पुरानी गेंद थमा दी गई।
बुमराह का कहर और अचानक बदला मैच का रुख
बॉल चेंज से पहले जसप्रीत बुमराह घातक लय में थे। उन्होंने मात्र 14 गेंदों में बेन स्टोक्स, जो रूट और क्रिस वोक्स के विकेट चटका दिए थे। लेकिन गेंद बदलने के बाद उनकी धार कमजोर होती दिखी। आंकड़ों के मुताबिक नई गेंद 1.869° स्विंग और 0.579° सीम कर रही थी, जबकि बदली गई गेंद सिर्फ 0.855° स्विंग और 0.594° सीम दे रही थी। इससे इंग्लिश बल्लेबाजों के लिए रन बनाना आसान हो गया।
टीम इंडिया की आपत्ति और ICC से शिकायत
भारतीय टीम प्रबंधन ने इस पूरे घटनाक्रम को “न्याय के खिलाफ” बताया है। उन्होंने कहा कि यदि पहले ही स्पष्ट कर दिया जाता कि 10 ओवर पुरानी गेंद नहीं मिलेगी, तो टीम खराब गेंद से ही खेलना पसंद करती। उन्होंने इस मुद्दे को आईसीसी मैच रेफरी के समक्ष उठाया है और नियमों में सुधार की मांग की है।
क्या कहता है नियम?
आईसीसी के नियमों के मुताबिक, जब गेंद खराब हो जाती है तो उसे उसी उम्र की गेंद से बदला जाना चाहिए। भारत का कहना है कि इस नियम का पालन नहीं हुआ, जिससे इंग्लैंड को अनजाने में फायदा मिल गया।