रायपुर/खैरागढ़/बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में ACB की कार्रवाई जोरो पर है, गाहे – बगाहे ही सही, हर माह आधा दर्जन से ज्यादा रिश्वतखोर कर्मचारी उसके हत्थे चढ़ रहे है। एंटी करप्शन ब्यूरो की लगातार कार्यवाही के बावजूद सरकारी दफ्तरों में लेन -देन का चलन कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जिला मुख्यालय से लेकर संभाग के दफ्तर हो या फिर कई विभागों के प्रदेश मुख्यालय, ऐसे सरकारी ठिकानों में हर कार्य का दाम फिक्स बताया जाता है। जबकि सरकार अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को भरपूर वेतन प्रदान कर रही है।
प्रदेश में भ्रष्टाचार सिर्फ सरकारी दफ्तरों में शिष्टाचार का रूप ले चूका है। जबकि प्राइवेट सेक्टर में अभी भी इसमें लगाम लगी हुई है। छत्तीसगढ़ ACB ने लगातार छापेमारी कर रिश्वतखोरों को रंगे हाथों धर दबोचना शुरू कर दिया है। पीड़ित तस्दीक करते है कि फौरी कार्यवाही से लोगों को राहत मिल रही है। ताजा मामला बिलासपुर और खैरागढ़ का है। एसीबी ने खैरागढ़ में प्रभारी एसडीओ, जनपद पंचायत छुईखदान को 30 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एसडीओ ने एक किसान से बिल भुगतान के एवज में रिश्वत की मांग की थी। बताते है कि गिरफ्तार अफसर इलाके के सरपंच से ही मुँह मांगी रकम मांग रहा था।
जानकारी के मुताबिक जगन्नाथ वर्मा, सरपंच, ग्राम पंचायत मोहगांव, गंडई, जिला-खैरागढ़-छुईखदान-गंडई ने पंचायत में नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी के तहत गौठान में लघु वनोपज बिल्डिंग, कचरा शेड बिल्डिंग, कुटकुट शेड एवं महिला शेड निर्माण कार्य के बिल भुगतान हेतु प्रस्तुत किये थे। बताते है कि आरोपी सौरभ ताम्रकार, उप अभियंता, उप संभाग खैरागढ़ प्रभारी एसडीओ, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, उपसंभाग छुईखदान, जिला-खैरागढ़ बिल के भुगतान के एवज में पूरे 30,000 रुपये मांगे थे। पीड़ित ने इसकी शिकायत ACB से की थी।
उधर बिलासपुर में ACB की टीम ने सरपंच और सचिव को 18 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह दोनों शख्स NOC और नक्शा प्रदान करने के लिए 25 हज़ार मांग रहे थे। बताते है कि सौदा 18 हज़ार में पटा था। हालांकि पीड़ित ने ACB को हकीकत बताई और रिश्वतखोर को सबक सिखाने की गुहार भी लगाई। पीड़ित लुकेश कुमार बघेल, संतोषी नगर, रायपुर ने एन्टी करप्शन ब्यूरो के रायपुर कार्यालय में शिकायत में बताया था कि उसके नाम पर ग्राम डोमा, तहसील व जिला रायपुर में जमीन है।
जमीन पर आवास बनाने के लिये बैंक लोन लेने के लिए पंचायत से एन.ओ.सी. व नक्शे की आवश्यकता है। इसके लिए हज़ारों में रिश्वत मांगी जा रही है। बताते है कि ACB की टीम ने जाल बिछाया और केमिकल लगा नोट पीड़ित को सौंपा। मौके पर आरोपी धर्मेन्द्र कुमार साहू ने स्वयं रिश्वत न लेते हुए अपने ही कक्ष में उपस्थित ग्राम डोमा के सरपंच देव सिंह बघेल को रिश्वत की रकम 18000 रु० पकड़ा दिए। इस जुगलबंदी को भांपते हुए ACB ने फ़ौरन कार्यवाही की। आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अभिनियम के तहत कार्यवाही की गई है।