
संसद में पेश होगा संविधान संशोधन बिल 2025
केंद्र सरकार ने नेताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए संविधान संशोधन बिल 2025 और अन्य दो महत्वपूर्ण विधेयक लोकसभा में पेश करने का निर्णय लिया है। इन विधेयकों के तहत प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या अन्य मंत्री यदि किसी गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिन से अधिक हिरासत में रहते हैं, तो उन्हें उनके पद से हटाया जाएगा।
केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2025
केंद्र शासित प्रदेश अधिनियम, 1963 में पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि गंभीर आपराधिक आरोप में गिरफ्तार मंत्री को हटाया जा सके। अब विधेयक की धारा 45 में संशोधन कर यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इससे मंत्रियों को भी उनके पद से हटाया जा सकेगा।
संविधान का 130वां संशोधन
संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पांच साल या उससे अधिक सजा वाले अपराध में 30 दिन तक हिरासत में रहे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री अपने पद से हट जाएं।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025
2019 के अधिनियम में इस तरह का प्रावधान नहीं था। अब धारा 54 में नया खंड (4A) जोड़ा जाएगा। इसके तहत उपराज्यपाल 31वें दिन मंत्री को हटाएंगे, और यदि मुख्यमंत्री कार्रवाई नहीं करते हैं, तो मंत्री स्वतः पद से हट जाएगा।
जनता का विश्वास कायम रखना
विधेयक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निर्वाचित नेता जनता की उम्मीदों के अनुसार कार्य करें। गंभीर आपराधिक मामलों में हिरासत में रहे मंत्री जनता के विश्वास और संविधान की नैतिकता को कमजोर कर सकते हैं। इसलिए यह कदम लोकतंत्र और सुशासन को मजबूत करने के लिए आवश्यक माना गया है।