नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दूसरे सप्ताह की शुरुआत से पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने लोकसभा सांसदों को तीन लाइन का व्हीप जारी कर दिया है। यह व्हीप 29 से 31 जुलाई 2025 तक लागू रहेगा, जिसके तहत सांसदों को अनिवार्य रूप से संसद में उपस्थित रहना होगा और पार्टी के निर्देशानुसार मतदान करना होगा।
तीन लाइन का व्हीप: क्यों होता है अहम?
भारतीय संसदीय व्यवस्था में तीन लाइन का व्हीप सबसे सख्त अनुशासनात्मक निर्देश होता है। इसके तहत सांसदों की सदन में उपस्थिति और पार्टी के स्टैंड के मुताबिक वोट देना अनिवार्य होता है। यदि कोई सांसद इसका उल्लंघन करता है, तो सदस्यता समाप्ति तक की कार्रवाई संभव होती है।
कांग्रेस द्वारा यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि संसद में कुछ महत्वपूर्ण विधेयक और संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा प्रस्तावित है, जिनमें पार्टी एकजुटता दिखाना चाहती है।
29 से 31 जुलाई तक सांसदों की उपस्थिति अनिवार्य क्यों?
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने यह व्हीप ऐसे समय पर जारी किया है जब सरकार द्वारा संवेदनशील और विवादित विधेयकों को पेश करने की संभावना जताई जा रही है। विशेषकर 29 जुलाई (सोमवार) को ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर होने वाली बहस को लेकर पार्टी गंभीर है।
विपक्ष की एकजुट रणनीति
कांग्रेस का यह व्हीप न केवल पार्टी लाइन बनाए रखने के लिए है, बल्कि यह विपक्षी दलों की समन्वित रणनीति का भी हिस्सा है। पार्टी चाहती है कि सभी सांसद संसद में उपस्थित रहें, ताकि सरकार से जवाबदेही तय कराई जा सके और विपक्ष की आवाज को एकजुट स्वर मिले।
