कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जेल में, अब बारी पार्टी महासचिव की, जेल के आउटर में पूर्व मुख्यमंत्री करप्शन बघेल, गृह नगर पाटन में भी लगी मुहर, छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की करारी हार…

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दिल्ली/रायपुर: कांग्रेस के नव नियुक्त राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब प्रभारी भूपे बघेल को सिर मुंडाते ही ओले पड़े जैसे हालातों का सामना करना पड़ रहा है। कई आपराधिक प्रकरणों को लेकर उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है, उसकी धार भी अब दिनों-दिन पैनी होती नजर आ रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और बिहार सह प्रभारी विधायक देवेंद्र यादव इन दिनों जेल की हवा खा रहे है। बलौदाबाजार आगजनी कांड में लंबे अरसे से जेल से रिहाई का इंतजार कर रहे देवेंद्र यादव की मुश्किलें अभी ख़त्म होती नजर नहीं आ रही है। इस बीच अब बारी जेल यात्रा की पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव करप्शन बघेल की बताई जा रही है।

जानकारी के मुताबिक 2200 करोड़ के शराब घोटाले, 15 हज़ार करोड़ के महादेव ऐप और PSC घोटाले में बघेल के खिलाफ पुख्ता सबूत एजेंसियों के हाथ लगे है। जानकारी के मुताबिक विधानसभा चुनाव 2023 में प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री करप्शन बघेल का तीखा विरोध शुरू हो गया था। प्रदेश में घोटालों की लंबी फेहरिस्त में बघेल का नाम अव्वल नंबर पर होने के चलते कांग्रेस को जमकर नुकसान उठाना पड़ा था। बताते है कि लगभग डेढ़ साल बाद भी मतदाताओं में करप्शन बघेल को लेकर जनता की नाराजगी दूर नहीं हुई है। लिहाजा मतदाताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री के गृहनगर पाटन नगर पालिका क्षेत्र से कांग्रेस को आउट कर दिया है। यहां बीजेपी ने भारी मतों से जीत दर्ज की है।

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल को जोर का झटका दिया है। उनके विधानसभा क्षेत्र पाटन के नगर पंचायत और दो नगर पालिका अमलेश्वर व कुम्हारी में कांग्रेस प्रत्याशियों को बुरी तरह करारी हार का सामना करना पड़ा है। पाटन में कांग्रेस की बुरी हार से कार्यकर्ता हैरत में है। पाटन नगर पंचायत में बीजेपी प्रत्याशी योगेश निक्की भाले ने 557 वोटों से जीत दर्ज की है। यहां पार्षद पद पर भाजपा के 8 और कांग्रेस के 7 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। अमलेश्वर नगर पालिका अध्यक्ष पद पर बीजेपी प्रत्याशी दयानंद सोनकर ने जीत हासिल की है।अमलेश्वर नगर पंचायत में पहली बार चुनाव हुए थे।

इससे पहले यह ग्राम पंचायत थी। भूपेश बघेल के कार्यकाल में ही अमलेश्वर को नगर पंचायत घोषित किया गया था। हालांकि वे इसे सुनिश्चित बता रहे थे। नगर पंचायत पाटन में कांग्रेस उम्मीदवार की हार से बीजेपी उत्साहित है। बहरहाल, चुनावी उठा-पटक के बीच विभिन्न आपराधिक प्रकरणों को लेकर एजेंसियों की जारी विवेचना का रुख पूर्व मुख्यमंत्री की ओर इशारा कर रहा है। सूत्र तस्दीक करते है कि 2200 करोड़ के शराब घोटाले में EOW जबकि 15 हज़ार करोड़ के महादेव ऐप सट्टा घोटाले और CGPSC स्कैम में जांच एजेंसियां कभी भी करप्शन बघेल के ठिकानों का रुख कर सकती है।