
दिल्ली / रायपुर : – छत्तीसगढ़ कांग्रेस के भीतर भ्रष्टाचार को लेकर अजीबों – गरीब हालात बन गए है, पार्टी लगातार अपने ही वरिष्ठ नेताओं के रुख को लेकर शर्मसार हो रही है | शराब घोटाले के विरोध में कल आयोजित धरना – प्रदर्शनों को लेकर नेताओं के बीच मदभेद उभर आये है | पूर्व मुख्यमंत्री के आरोपी पुत्र के समर्थन में कांग्रेस के आंदोलनों को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित बताई जा रही है | बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल इन दिनों ED की हिरासत में है | उन्हें अदालत के निर्देश पर 5 दिनों की ED रिमांड में भेजा गया है | बताया जा रहा है कि कांग्रेस की प्रदेश ईकाई ने पूर्व मुख्यमंत्री के दबाव में इसके विरोध में राज्य की ईकाई ने विभिन्न जिलों में धरना प्रदर्शनों का एलान किया है | इसे लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है, कांग्रेस के रुख को लेकर पार्टी के कई वरिष्ठ नेता पसोपेश में बताये जा रहे है | कांग्रेस के बैनर तले आयोजित ऐसे धरना प्रदर्शनों पर राज्य के कई नेताओं ने ऐतराज जताया है | सार्वजानिक भ्रष्टाचार और घोटालों के सबूतों के उजागर होने के बावजूद आरोपियों को पार्टी के समर्थन को लेकर विवाद की स्थिति देखी जा रही है |

बताया जा रहा है कि मामले के तूल पकड़ने के बाद ज्यादातर नेताओं ने इस वक्त दिल्ली में डेरा डाला हुआ है | ये नेता राहुल और प्रियंका गाँधी से मेल -मुलाक़ात के लिए ज़ोर -शोर से जुटे हुए है | आलाकमान को अपनी -अपनी राय से अवगत कराने के लिए कुछ नेताओं ने समूह के साथ तो किसी ने व्यक्तिगततौर पर राहुल और प्रियंका से मेल -मुलाक़ात का वक्त माँगा है | पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के समर्थन में लगभग आधा दर्जन विधायकों का एक दल पार्टी मुख्यालय में डटा बताया जाता है | यह भी बताया जा रहा है कि कई नेताओं ने इस मामले को लेकर मलिकार्जुन खड़गे को अपनी राय से अवगत कराया है | उन्होंने साफ़ किया है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने पूर्व मुख्यमंत्री के दबाव में कुख़्यात लुटेरों और घोटालेबाजो के सामने सरेंडर कर दिया है |

मामला शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल के ED के हत्थे चढ़े जाने के बाद उत्पन्न स्थिति से जोड़कर देखा जा रहा है | कांग्रेस के बैनर तले ऐसे आंदोलन को लेकर पार्टी के ही भीतर ही भीतर तेजी से असंतोष फ़ैल रहा है | पूर्व मुख्यमंत्री ने ED की कार्यवाही को झूठा करार देते हुए इसे कांग्रेस की लड़ाई जाहिर किया है | जबकि शिकायतकर्ता वरिष्ठ नेताओं की दलील है कि चैतन्य बघेल का कांग्रेस से कोई लेना -देना नहीं है, वे न तो पदाधिकारी और कार्यकर्त्ता है, उनकी पहचान पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र मात्र से जुडी है | इन नेताओं ने दावा किया है कि चैतन्य के समर्थन में सड़कों पर उतरने से भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई कमजोर साबित होगी | माना जा रहा है कि अलाकमान के फ़रमान जल्द सामने आएगा ? इसका इंतजार किया जा रहा है |

राज्य में शराब घोटाले से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है | भ्रष्टाचार के मामले में सत्ता से हाथ धो बैठी कांग्रेस को पहले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में और इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव में तगड़ा झटका लगा है | इन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की गैर जिम्मेदारी सामने आई है | पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं का भी एक बड़ा वर्ग दावा कर रहा है कि शराब समेत दर्जनों घोटालों से पार्टी की छवि धूमिल हुई है | इस मामले में बीजेपी और केंद्र को जिम्मेदार ठहराना बेमानी है |

उनके मुताबिक़ कांग्रेस कार्यकाल में मुख्यमंत्री का दरबार वरिष्ठ नेताओं के बजाय घोटालेबाजों और लुटेरों की चरणवंदना में जुटा रहा | इसका खामियाजा पार्टी को आज भी भोगना पड़ रहा है | उनकी दलील है कि भ्रष्टाचार के समर्थन से आम जनता के बीच फिर गलत सन्देश जा रहा है | ऐसे में आम जनता के बीच पार्टी के ईमानदार और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जवाब तक देना मुश्किल हो रहा है | पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र मोह में 22 जुलाई को आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान, प्रदेश कांग्रेस ईकाई का एकतरफा फैसला है | उनका यह भी दावा है कि बगैर सोचें -समझे फैसला लेने से प्रदेश अध्यक्ष की छवि सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री की कटपुतली के रूप में निर्मित हो रही है |

पार्टी के प्रति निष्ठावान कई कार्यकर्ता दलील दे रहे है कि ढाई करोड़ रूपए महीना अवैध रूप से वसूलने के गंभीर आरोपों में लिप्त आदिवासी नेता और विधायक एवं पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के जेल की हवा खाने के बावजूद बघेल और कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने सड़को पर कोई आंदोलन नहीं किया था | पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने गुप् -चुप तरीक़े से रायपुर सेन्ट्रल जेल में लखमा से औपचारिक मुलाकात कर अपना पल्ला झाड़ लिया था | लेकिन अब जब बारी उनके पुत्र की आई है तो रायपुर से लेकर दिल्ली तक हाय -तौबा मचा रहे है | उनका दोहरा रवैया सबके सामने है | इन कार्यकर्ताओं की यह भी दलील है कि विभिन्न घोटालो के आरोपी कांग्रेस पर भारी पड़ रहे है | आम कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर प्रदेश अध्यक्ष तुगलकी फैसले ले रहे है | उन पर दागी नेताओं का दबाव साफ़ झलक रहा है |

प्रदेश में TS सिंहदेव, चरणदास महंत, ताम्रध्वज साहू समेत अन्य दिग्गज नेताओं की ऐसे आंदोलनों में हिस्सेदारी को लेकर अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है | ये नेता भ्रष्टाचार और घोटालो से अपनी सहमती – असहमति तक जाहिर करने के मामले में प्रेस -मीडिया से दूरिया बना चुके है | हालांकि चैतन्य बघेल की गिरफ़्तारी के दौरान नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत रायपुर की अदालत में नजर आये थे | वे अपने किसी निजी कार्य से अदालत परिसर में उपस्थित हुए थे ? या किसी घोटालेबाज को समर्थन देने ? यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है | उधर, कांग्रेस के आर्थिक नाकाबंदी के ऐलान के बाद बीजेपी भी मैदान में डट गई है | उसने कांग्रेस की मंशा को लेकर एतराज़ जताया है |

वरिष्ठ बीजेपी नेता नरेश चंद्र गुप्ता ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है | उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले महाभ्रष्ट मुख्यमंत्री जनता पर थोपा था, अब वो भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के समर्थन में उतर आई है | नरेशचंद्र गुप्ता ने साफ़ किया कि पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र को शराब सिंडिकेट से सालाना 1 हजार करोड़ प्राप्त होते थे, जबकि पूर्व आबकारी मंत्री लखमा हर माह 3 करोड़ से ज्यादा के सरकारी राजस्व पर हाथ साफ़ करते थे | ED ने तमाम आरोपियों का काला चिटठा उजागर किया है | उन्होंने कांग्रेस के प्रदर्शनों को ड्रामा करार दिया है |

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से लेकर बीजेपी के कई नेता कांग्रेस के रुख और पूर्व मुख्यमंत्री के काले कारनामों पर जमकर हमला कर रहे है | भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि “देखते हैं कि अभी और किसका-किसका नंबर लगेगा. कुछ लोग पहले से जेल में है कुछ बेल में है और कुछ और लोग जेल जा सकते हैं | भ्रष्टाचार के मामले में बीजेपी और कांग्रेस आमने -सामने है | फ़िलहाल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बयानों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री पर लटकती गिरफ़्तारी की तलवार से राजनैतिक गलियारा गरमाया हुआ है |