छत्तीसगढ़ में बस्तर की झीरम घाटीमें शहीद हुए नेताओं को कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- नेताओं को न्याय नहीं मिलने का मलाल है हमें , नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर किया था हमला  

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रायपुर। झीरम घाटी में नक्सली हमले में मारे गए दिवंगतों को कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस अवसर पर मौजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिवंगत नेताओं को याद करते हुए कहा कि अभी तक नेताओं को न्याय नहीं मिला, इस बात का हमें मलाल है.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर विश्वविद्यालय का नाम महेंद्र कर्मा के नाम पर रखने की घोषणा करते हुए कहा कि आज से ठीक 7 साल पहले एक भयानक दुर्घटना घटित हुई, झीरम हमले में हमारे प्रथम पंक्ति के नेता शहीद हुए. आज का दिन हम भूल नहीं सकते. सीएम बघेल ने कहा 25 मई 2013 को तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के नेतृत्व में विद्याचरण, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, दिनेश पटेल समेत तमाम कांग्रेस के नेतागण परिवर्तन यात्रा में निकले थे. झीरम घाटी में नक्सल हमले में जो एक राजनीतिक अपराधिक षड्यंत्र था, उसकी शिकार हुए. हमारे प्रथम पंक्ति के सारे नेता काल के गाल में समा गए. एक भीषण षडयंत्रपूर्वक हत्या हुई है, इन नेताओं के यादें हम सबके मन में है. राजनीतिक नरसंहार वहां किया गया, लेकिन उन आत्माओं को एक-एक करके न्याय नहीं मिल पाया है, षड्यंत्र से पर्दा उठा नहीं है.

उनहोंने कहा कि सब लोग उसे जानने की इच्छुक हैं, लेकिन आप सब जानते हैं कि अनेक बाधाएं हैं, और उन बाधाओं को हम लोग दूर करेंगे. जब सच सामने आएग्क़ तो अपराधी कटघरे में खड़े होंगे, तभी उन महापुरुषों को श्रद्धांजलि मिलेगी. हमारे सुरक्षाकर्मी भी बड़ी संख्या में हताहत हुए थे, और आज के दिन पूरे छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय अशासकीय कार्यालयों में झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाया जाएगा. इस प्रकार का आदेश छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी किया गया है. बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की यादों को बनाए रखने के लिए बस्तर विश्वविद्यालय महेंद्र कर्मा के नाम से जाना जाएगा.

एनआईए जांच को लेकर सीएम बघेल ने कहा कि एक तकनीकी समस्या है क्योंकि राज्य सरकार ने ही एनआईए को जांच जिम्मा सौंपा था, और जांच को कम्प्लीट कर लिया गया. लेकिन जो षडयंत्र हुआ है, उसके बारे में कोई जांच नहीं हुई. जो नक्सली पकड़े गए है, एनआईए कोर्ट ने जो आदेश दिया कि जिन्होंने आत्मसमपर्ण किया उसका बयान लिया जाए, वह भी नहीं लिया गया और जो लोग घटना स्थल में थे, उनसे भी बयान नहीं लिया गया. चाहे वह फूलों देवी नेताम हो या चाहे अन्य साथी, उनके भी बयान एनआईए ने नहीं लिया. जांच ही अधूरी है इस मामले में जांच पूरी हो इसके लिए कौन जिम्मेदार है, तथ्य सामने आना चाहिए.

कोरोना को लेकर सीएम बघेल ने कहा यह सबसे पहले हवाई यात्रियों के द्वारा छत्तीसगढ़ में आया, हम सब लोगों ने डट के सामना किया और उसे नियंत्रित किया, फिर तबलीगी जमात के लोग आए उसे भी नियंत्रित करने का काम किया और यह सफलता मिली. इसमें छत्तीसगढ़ के आम नागरिक, छत्तीसगढ़ शासन के अधिकारी-कर्मचारी, सभी जनप्रतिनिधि गण सभी सामाजिक संगठन और सभी औद्योगिक, व्यावसायिक, सारे संगठन और साथ ही हमारे मीडिया हाउस के सभी साथियों ने बहुत ही बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तब जाकर हम लोगों ने कोरोना को नियंत्रित किया.

उन्होंने कहा कि अभी तीसरे फेस में जो श्रमिक आ रहे हैं, या छात्र-छात्राएं आ रहे हैं या अभी जो लोग बाहर फंस गए है, वह लोग वापस आ रहे हैं, उसी में से जो संक्रमित व्यक्ति आ रहे हैं तो निश्चित रूप से संख्या बढ़ी है, और डरने, घबराने जैसी कोई बात नहीं है. जैसे प्रथम चरण में और दूसरे चरण में हम सब ने मिलकर नियंत्रण किया है, तीसरे को भी हम लोग नियंत्रित कर लेंगे. यह सब सहयोग से संभव होगा, और मैं समझता हूं कोरोना को हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ से हरा देंगे.

भाजपा के बयान पर सीएम ने पलटवार करते हुए कहा कि दूसरे राज्य के लोगों के बारे में मैं कैसे फैसला कर सकता हूं. नेशनल डिजास्टर एक्ट लागू है, उसको भारत सरकार फैसला कर सकती है. सभी ने मेहनत किया अपनी जान जोखिम में देकर सभी ने भाग लिया. टैब जाकर नियंत्रण कर आए 15 जून के बाद स्थिति स्पस्ट हो जाएगी, कितने प्रभावित है ओर कितने नही है.

किसान न्याय योजना पर बीजेपी नेताओं की सूची जारी होने के सवाल पर सीएम वे कहा कि ओछा काम उन्होंने किया. जब वे लोग कांग्रेस के नेताओं के नाम जारी कर रहे थे विधानसभा में पढ़ रहे थे तब उनको ओछापन नजर नहीं आया. आज जब उनके नाम जब साया हो रहा है तब उनको तकलीफ हो रही है तो फिर विरोध किस बात का. एक तरफ आप कहते हैं कि 4 किस्तें नहीं होना चाहिए एक क़िस्त में होना चाहिए और दुनिया भर की बातें करते तो आप को स्वीकार करना पड़ेगा कि राजीव गांधी किसान योजना बहुत अच्छी है. पूरे देश में पूरे अकेले छत्तीसगढ़ में लागू हुआ है. छत्तीसगढ़ में किसानों की मदद मिल रही है ऐसे समय मे जब सब लोग परेशानी में है, मानसिक रूप से परेशान है और आर्थिक परेशानियों को दूर करने का काम छत्तीसगढ़ ने किया है, तो उन्हें प्रशंसा करना चाहिए.

सीएम बघेल ने कहा कि एनआईए से हम बार-बार मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार को जांच का जिम्मा सौंप दें. उन्होंने कहा कि बोधघाट परियोजना बस्तर के लिए महत्वपूर्ण है, वहां पेयजल सिंचाई के लिए बहुत जरूरी है. इस प्रोजेक्ट को बस्तर के लिए लागू करना चाहते है, और सिंचाई क्षमता को बढ़ाना चकते है | कोरोना संक्रमण को देखते हुए कार्यक्रम में मास्क पहनकर एवं सोशल डिस्टेंसिग का पालन किया गया. इस अवसर पर सभी वरिष्ठ कांग्रेसजन, प्रदेश पदाधिकारीगण, सांसद, विधायक, समेत तमाम लोगों की कार्यक्रम में उपस्थित रहे