प्रियंका और राहुल गाँधी समेत कांग्रेस ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी व्हाट्सएप चैट मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की , लगाए गंभीर आरोप  

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नई दिल्ली / रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के वॉट्सऐप चैट लीक मामले को लेकर राजनैतिक गलियारा गरमाया हुआ है | कांग्रेस ने  इस मामले को जोरशोर से उठाकर केंद्र सरकार की घेराबंदी शुरू की है | वाट्सएप चैट की जांच की मांग को लेकर प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सएप बातचीत को लेकर कहा कि राष्ट्रवाद का दावा करने वाले राष्ट्रद्रोही कारनामे करते हुए पकड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में अब इस मामले की निष्पक्ष रूप से जांच होनी चाहिए।

उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘देश की सुरक्षा से जुड़ी अतिगोपनीय बातें एक पत्रकार को बताई गईं। हमारे देश के वीर जवान शहीद हुए। पत्रकार कहता है ‘हमें फायदा होगा’। राष्ट्रवाद का दावा करने वाले राष्ट्रद्रोही कारनामे करते हुए पकड़े गए। यह बहुत गंभीर मामला है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।’ प्रियंका गांधी ने यह भी कहा, ‘एक तरफ ये सरकार (केंद्र सरकार) किसानों की सुन नहीं रही दूसरी तरफ जवानों की जिंदगी से खेल रही है। जय जवान जय किसान हमारे देश का नारा है। सिर्फ इसे बार बार दोहराने से काम नहीं चलेगा, इस पर कायम रहना देश के शहीदों के प्रति हर नेता का नैतिक फर्ज है।’

 उधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी एक प्रेस कांफ्रेस में अर्णब गोस्वामी और सरकार पर निशाना साधा है | उन्होंने कहा कि किसी पत्रकार को देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी प्रदान करना एक ‘आपराधिक कृत्य’ है और इस मामले की जांच होनी चाहिए।  उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक पत्रकार को रक्षा की संवेदनशील जानकारी बालाकोट (एयर स्ट्राइक) से पहले दी जा रही है। उसी पत्रकार ने पुलवामा हमले के बाद कहा कि हमारे लिए बहुत अच्छा हुआ है। यह प्रधानमंत्री की सोच को दर्शाता है। यह सोच है कि 40 लोग मर गए और हम चुनाव जीत जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सूचना चार-पांच लोगों के पास होती है। इस तरह के मिशन में पायलट को आखिरी समय तक जानकारी नहीं होती है। सेना प्रमुख, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पास ही संबंधित जानकारी होती है।’’ 

राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘इन्ही पांच लोगों में से किसी ने एक सूचना दी होगी। यह एक आपराधिक कृत्य है।’’ उन्होंने कहा कि हवाई हमले का राजनीतिक लाभ उठाने में कुछ भी देशभक्ति जैसा नहीं है। उन्होंने दावा किया, ‘‘अगर अर्नब गोस्वामी जानते हैं, यह उनके व्हाट्स ऐप पर थी तो मुझे लगता है कि पाकिस्तानी भी जानते होंगे। यह एक आपराधिक कृत्य है और जांच शुरू होनी चाहिए।’’   

उधर कांग्रेस नेता एके एंटनी ने कहा कि किसी पत्रकार को 3 दिन पहले ही एयरस्ट्राइक की जानकारी कैसे थी? यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। इससे नेशनल सिक्योरिटी खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि मिलिट्री ऑपरेशन के सीक्रेट लीक करना देशद्रोह है। मामले में दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। सरकार को तत्काल मामले में जांच के आदेश देने चाहिए।


वहीं, अर्नब की गिरफ्तारी की मांग के संबंध में महाराष्ट्र के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल कांग्रेस और राकांपा के नेताओं ने गृह मंत्री अनिल देशमुख से मंगलवार को मुलाकात की। इसके बाद देशमुख ने कहा कि अर्नब की चैट से पता चलता है कि उन्हें बालाकोट स्ट्राइक की पहले से ही जानकारी थी, जबकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा था। केंद्र सरकार को इस पर नोटिस लेना चाहिए। हम भी इस पर कानूनी सलाह लेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उधर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने भी हल्ला बोला है |  हाल ही में सोशल मीडिया पर वॉट्सऐप चैट के स्क्रीन शॉट शेयर कर उन्होंने दावा किया था कि ये चैट अर्नब गोस्वामी और पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई थी। दासगुप्ता 2013 से 2019 के बीच BARC के CEO थे। BARC वह संस्था है, जो देश के 45 हजार घरों में टीवी पर लगे बार-ओ-मीटर के जरिए हर हफ्ते बताती है कि कौन-सा चैनल कितना देखा जा रहा है।