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कांग्रेस मुक्त छत्तीसगढ़? बस्तर में रखी गई आधारशिला, वरिष्ठ बीजेपी नेता अजय जामवाल और पवन साय ने दिया जीत का मूल मंत्र, सख्ते में कांग्रेस

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीजेपी को कांग्रेस मुक्त प्रदेश बनाने का सपना इस बार साकार होते दिख रहा है। इसके लिए मोदी गारंटी कारगर साबित हो रही है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस मुक्त लोकसभा को अस्तित्व में लाने में जुटे बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस की हकीकत भी तलाशना शुरू कर दिया है।कांग्रेस मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प बस्तर में आयोजित कोर कमेटी की बैठक में लिया गया है।यहां से प्रत्येक संसदीय सीट के कार्यकर्ताओं को तत्काल मैदान में डटने का निर्देश दिया गया है। पार्टी ने संकल्प लिया है कि इस बार लोकसभा में सभी 11 सीटों पर बीजेपी के सांसद ही जीत दर्ज करेंगे। इसके लिए सभी को जी जान से जुटने की सलाह दी गई है। बीजेपी नेताओं को उम्मीद है कि अबकी बार कांग्रेस मुक्त छत्तीसगढ़ का सपना साकार होगा। कोर कमेटी ने बीते चुनाव की तुलना में प्रत्येक बूथ में लगभग 400 से अधिक वोट बीजेपी के पक्ष में बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

यहां वरिष्ठ नेता जामवाल और पवन साय एक- एक बूथ का हिसाब किताब लेते दिखाई दिए। बैठकों में स्थानीय नेताओं की क्लास लग रही थी, और जीत का संकल्प लेकर कार्यकर्त्ता फूले नही समा रहे थे। संगठन द्वारा कार्यकर्ताओं से अपनी पूरी ताकत झोंकने की अपील की गई है। छत्तीसगढ़ गठन के बाद प्रदेश की संसदीय सीटों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच तगड़ा मुकाबला होता रहा है। लेकिन हाल ही के कुछ वर्षों में कांग्रेस की हालत साल दर साल पस्त होते चली गई।

उसके हाथो से देखते ही देखते आधा दर्जन से ज्यादा संसदीय सीटें खिसक गई, अब लगातार 2 लोकसभा चुनाव से पार्टी की सीटें 2 से आगे बढ़ने का नाम ही नहीं ले रही है। जबकि बीजेपी सर्वाधिक 9-10 पर स्थिर है। इस बार पार्टी ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने का मास्टर प्लान तैयार किया है।वर्ष 2018 में राज्य में मुख्य्मंत्री भू-पे बघेल की अगुवाई ने कांग्रेस की सरकार के गठन के बाद पार्टी को उम्मीद जगी थी कि राज्य की लोकसभा सीटों में उसके पक्ष में मतदान होगा, सीटें बढ़ेंगी।

लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महज 2 सीटों पर ही सिमटी रही। जबकि बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन कर 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी।राज्य में इसके पूर्व के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी का पलड़ा लगातार भारी रहा है। इस बार मोदी गारंटी और मोदी परिवार जैसी योजनाएं अभियान के रूप में मतदाताओं के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है। शहरी इलाके हों या फिर ग्रामीण अंचल, महिलाओं में मोदी का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है। इसकी तसदीक मतदाता भी कर रहे हैं।महिलाएं उन्हें आदर्श प्रधानमंत्री के रूप में देख रहीं हैं, तो पुरूषों को वे मुखिया के रूप में नजर आ रहे हैं।

उन्हें PM मोदी में अपना घर परिवार भी नजर आता है। बस्तर के नारायणपुर, सुकमा, कोंडागांव, और कांकेर में कई महिलाओं से प्रधानमंत्री मोदी ऑनलाइन और साक्षात रूप से रूबरू हो चुके हैं। विभिन्न सरकारी योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के मौके पर आदिवासी महिलाओं से मोदी की बातचीत यहां के लोगों को भूलाए नही भूलती है। स्टार्ट अप से जुड़ी और जल जंगल और जमीन से जुड़ाव रखने वाली कई आदिवासी महिलाएं मोदी और केंद्र सरकार के कार्यों से गदगद दिखाई दी।

इलाके के कई आदिवासी घर परिवार तसदीक करते हैं कि कई केंद्रीय योजनाएं उन तक पहुंची हैं। वे लाभान्वित हुए हैं,इसमें मुफ्त गैस सिलेंडर, स्वास्थ्य योजनाएं और आधुनिकीकरण और श्रमिकों के लिए किट प्रदान करने वाली योजनाएं लाभदायी साबित हुई हैं। ये योजनाएं आदिवासियों के बीच काफी लोकप्रिय हुई है। इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलता नजर आ रहा है। बस्तर से लेकर सरगुजा के आदिवासी अंचलों में बीजेपी की जमीनी बैठकें चर्चा का विषय बनी हुई हैं। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी भी अपनी धार पैनी करने में जुटे हुए हैं।

लेकिन केंद्रीय नेताओं का कोई सहयोग उन्हें प्राप्त होता नजर नही आ रहा है। कार्यकर्त्ता बताते हैं कि प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट आए और गए, लेकिन कार्यकर्ताओं में कोई प्रभाव नही छोड़ पाए। उनका मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कारनामों से कांग्रेस पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा है, मतदाताओं का विश्वास कांग्रेस के प्रति कमजोर पड़ गया है।

न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ की टीम ने जब बस्तर से लेकर सरगुजा तक की राजनैतिक नब्ज टटोली तब पता पड़ा की यहां कई सालों से आरएसएस और उनसे जुड़े कई संगठन आदिवासी कल्याण कार्यक्रमों में काफी सक्रिय हैं। वे आदिवासी शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति काफी सजगता से कार्य कर रहे हैं। इसका लाभ भी पार्टी को मिलता दिखाई दे रहा है। हमारे संवाददाता ने उस बैठक का भी जायजा लिया, जिसमें बीजेपी के क्षेत्रिय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय बस्तर में कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दे रहे थे।

कोर कमेटी की इस बैठक में जगदलपुर, चित्रकूट समेत बस्तर के दूर दराज के कई इलाकों से लोग पहुंचे थे। बीजेपी संगठन के नेता द्वय जामवाल और साय ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों को धरातल पर कामयाब देखकर खुशी जाहिर की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री साय प्रदेश के चहुंमुखी विकास में जुटे हुए हैं। जबकि कांग्रेसी अभी भी भ्रष्टाचार के मामलों को जायज ठहराने में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का हाथ मजबूत कर रहे हैं।

उन्होंने कार्यकर्ताओं को संदेशा दिया कि घर घर जाकर केंद्र सरकार के क्रांतिकारी फैसलों और योजनाओं से मतदाताओं को परिचित कराया जाए। उन्होंने मोदी गारंटी को जीत की गारंटी करार देते हुए राज्य की सभी 11 सीटों से कांग्रेस के पूरी तरह से सफाए का ऐलान किया। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पहले की तर्ज पर एक बार फिर सभी 11 सीटों पर मुकाबले के लिए डटी है। उसके ज्यादातर उम्मीदवारों के सामने मोदी गारंटी बड़ी चुनौती पेश कर रही है।

INDI गठबंधन का कोई भी फायदा कांग्रेस को होते नही दिख रहा है। अलबत्ता कई इलाकों में अनुसूचित जाति के वोट बैंक पर सेंधमारी कर BSP ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मैदान में साफ नजर आ रहा है कि विपक्ष के पास मोदी का तोड़ दूर दूर तक नही है। छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी भी मतदाताओं को रिझाने में नाकामयाब रहे हैं।

बीजेपी के पिछले 15 वर्ष और फिर एक बार कांग्रेस से विधान सभा चुनाव में सत्ता छीन लेने से राजनैतिक फिजां बदली हुई है। हर हर मोदी घर घर मोदी का नारा गांव कस्बों में बुलंद हो रहा है।
केंद्रीय योजनाओं का लाभ, और किसानों को फसलों का वाजिब भुगतान मिलने से ज्यादातर मतदाता केंद्र सरकार के कार्यों से संतुष्ट नजर आ रहे हैं। कई गांव कस्बों में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की टोली भी दिखाई दी है। सुकमा, दंतेवाड़ा और कांकेर में दर्जनों कार्यकर्ता बूथ स्तरीय बैठक में शामिल होते दिखाई दिए। उन्होंने बताया कि महंगाई और इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे मुद्दो को उछालकर उनकी पार्टी मतदाताओं को जागरूक कर रही है। इसने बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।फिलहाल बीजेपी जहां कांग्रेस मुक्त छत्तीसगढ़ का सपना संजोए हुए हैं, वहीं कांग्रेस उसे खयाली पुलाव में डूबी पार्टी बताने में भी पीछे नही है। हालाकि ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो वक्त ही बताएगा ?

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