कांग्रेस की बिकनी गर्ल ने छत्तीसगढ़ में बिखेरा जादू, नौजवानो में संघर्ष की जगी आग,क्या विधानसभा चुनाव में अर्चना गौतम की लग सकती है लॉटरी….?

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रायपुर /दिल्ली : छत्तीसगढ़ की राजनीति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की करीबी अर्चना गौतम की धमाकेदार एंट्री चर्चा में है। प्रदेश के राजनैतिक गलियारों में सौम्या के बाद अर्चना का रुतबा खूब सुर्खियां बटोर रहा है। उनके तेवरों को देखकर कई कांग्रेसी नेताओ ने भी दांतो तले उंगिलयां दबा ली है। अब तक राजनेता हो या नौकरशाही सौम्या चौरसिया के गुणगान करते नहीं थकते थे। लेकिन अब उनकी जुबान पर भी अर्चना का नाम चढ़ गया है। बताते है कि इस नौजवान अभिनेत्री ने सीएम बघेल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कांग्रेस को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उन्होंने OBC लीडरशिप को पार्टी में नई दिशा दी,इस बीच अर्चना के तेवरों से पहली बार कांग्रेसी वाकिफ हुए थे।

(फोटो साभारः Facebook @archanagautamm)

बताते है कि पार्टी को मजबूत करने के लिए अर्चना ने जमकर पापड़ बेले थे। कई मौको पर उन्होंने सीएम बघेल के साथ कांग्रेस को मजबूत करने के लिए जमकर पसीना भी बहाया था। यूपी में हालिया विधानसभा चुनाव में अर्चना पार्टी की “स्टार” उम्मीदवार थी। हालाँकि “हार” उनके हाथ लगी थी। लेकिन जिस तरह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बतौर “स्टार” प्रचारक हस्तिनापुर विधानसभा सीट पर अपने विरोधियों की नींद उड़ा दी थी। बताते है कि इससे “डबल स्टार” की जोड़ी के धुंआधार चुनाव प्रचार से यूपी में विरोधियों की नींद उड गई थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का इलाके की जनता “लोहा” मानने लगी थी। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद मामला ठीक उलट निकला।

(फोटो साभारः Facebook @archanagautamm)

बताते है कि विधानसभा चुनाव में “रोमियो स्कॉट” के मुद्दे को लेकर नौजवानो के रुख से कांग्रेस काफी उम्मीद से थी। राज्य में योगी पुलिस की प्रेमी जोड़ो पर होने वाली ज्यादतियों को देखकर नौजवान हैरान थे। पुलिस ने प्रेमी जोड़ो के चक्कर में कई नौजवान पति-पत्नी को भी नही बख्सा था।उनके दावों पर भी पानी फेर दिया था। प्रेम जाल में फंसी युवा पीढ़ी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को “प्यार-मोहब्बत” का विरोधी ठहराने के लिए दिन-रात एक कर दिया था।

(फोटो साभारः Facebook @INC & Various Social Media )

मोदी का नारा “ना खाया है,ना खाने दूंगा” की तर्ज पर योगी आदित्यनाथ के “ब्रह्मचर्य” पर उनके विरोधियों ने तंज भी कसा था। ‘कहा जा रहा था कि,योगी जी ने “ना प्रेम किया और ना हम नौजवानो को करने देंगे। हालांकि नौजवानो को बाबा की बात जल्द समझ में आ गई थी।बताते है कि ऐसे ही प्यार भरे माहौल में “बिकनी गर्ल” अर्चना गौतम की कांग्रेस में एंट्री हुई थी।

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बताते है कि यूपी में प्यार भरी फिजांओ के बीच अर्चना गौतम ने कांग्रेस में धमाल मचा दिया था। ऐसे समय भड़के हुए नौजवानो ने अर्चना की अगुवाई में कांग्रेस को चुनावी मैदान में ला खड़ा किया। राज्य में हासिये पर जा चुकी कांग्रेस में प्रियंका गाँधी ने जान फूंक दी थी। महिलाओ के लिए टिकट से लेकर आरक्षण और कई सुविधाएँ जुटाने का पार्टी ने “घोषणा पत्र” में वादा भी किया था । मुख्यमंत्री बघेल ने तो कांग्रेस की जीत के लिए जी-जान लगा दिया था । उन्होंने कांग्रेस की सेवा तन मन और धन से की थी।

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बताते है कि हस्तिनापुर विधानसभा सीट में कांग्रेस की जीत और प्रचार की “कमान” भी खुद अपने हाथो संभाले रखी थी। टीम बघेल ने इलाके का कई बार दौरा और चुनावी सर्वे भी किया था। बताते है कि इस विधानसभा सीट पर सीएम बघेल के फोकस से विपक्षी दलों के कई नेताओ की “भौंए” तक तन गई थी। बतौर स्टार प्रचारक सीएम बघेल ने यूपी में अपनी नई पहचान कायम की थी। बताते है कि बघेल का “हुनर” देखकर कई मौको पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को कभी “एयरपोर्ट” में तो कभी हैलीपेड पर रोका गया था। इस मामले को सीएम बघेल ने अभिव्यक्ति की स्वंतंत्रा के खिलाफ बताया था।

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उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस ने बघेल के साथ अपने कई नेताओं-मुख्यमंत्रियों को सक्रिय कर दिया था। खासतौर से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उत्तर प्रदेश में ज्यादा सक्रियता के अलावा कांग्रेस की रणनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। प्रियंका गांधी की खास मुहिम “लड़की हूं…लड़ सकती हूं नारा” एक नया महिला वोट बैंक बनाने की कवायद में काम आया । बघेल के तन मन और धन से समर्पित रहने से कांग्रेस का नया वोट बैंक बना था।

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बताते है कि बघेल के चुनावी घोड़े की रफ़्तार देखकर सपा, बीएसपी और बीजेपी के कई विरोधी नेता हैरान थे। उन्होंने जमीन से लेकर आसमान तक कुलाचे भर रहे घोड़े को अस्तबल में ही बंधक बनाए रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। बताते है कि बघेल के आसमान छू रहे उड़न खटोले को कई इलाको में लैंडिंग की अनुमति तक नहीं दी गई थी। राजनीति के जानकार बताते है कि उड़न खटोले में प्रियंका गाँधी की मौजूदगी के बावजूद कभी टेक ऑफ तो कभी लैंडिंग में गतिरोध उत्पन्न किया गया था।

(फोटो साभारः Facebook @archanagautamm)

कांग्रेस और उसकी “स्टार लीडरशिप” के जादू से विपक्षी दलों के दांत खट्टे हो गए थे। बताते है कि सीएम योगी आदित्यनाथ को भय गाँधी परिवार से नहीं बल्कि सीएम भूपेश बघेल से था। उनका घोड़ा लगातार समीकरण बिगाड़ रहा था ।दरअसल,यूपी में बघेल ने OBC कार्ड खेलकर पिछडो को प्रभावित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। लिहाजा माना जाता है कि बघेल के अरमानो पर पानी फेरने के लिए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,पूरे समय अपनी कमर कसे रहे। उन्होंने आकाश हो या पाताल बघेल के घोड़े की मजबूत घेराबंदी की थी।

(फोटो साभारः Facebook @archanagautamm)

उत्तर प्रदेश चुनाव में सीएम भूपेश बघेल को कभी “एयरपोर्ट” में तो कभी हेलीपैड पर रोका गया था। बताते है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो सीएम बघेल का “लोहा” मानते हुए वाराणसी में उन्हें “बैन” तक कर दिया था। बताते है कि बघेल की ताकत से हैरान सीएम योगी ने बघेल के “घोड़े” पर लगाम लगाने के लिए आसमान तक में निगरानी लगाईं थी।

बताते है कि उड़न खटोले में सवार प्रियंका गांधी और भूपेश बघेल को बनारस और गोरखपुर में उतरने तक नहीं दिया गया था। इस दौरान मऊ में योगी पर बिफरे सीएम बघेल ने पलटवार करते हुए कहा था कि जब कांग्रेस को गोरे नहीं रोक पाए तो काले क्या रोकेंगे ? उन्‍होंने यह भी कहा था क‍ि हम सभी ने भाजपा, सपा और बसपा की सरकार देखी है लेकिन कल्पनाथ राय ने जो काम करवाएं हैं, यह सरकारें उनका रिपेयरिंग भी नहीं करवा पाई है। 

बताते है कि सरकारी संसाधनों की समय पर रिपेयरिंग होने से उसकी दक्षता बनी रहती है। बघेल नई पीढ़ी के अलावा कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए अपना एजेंडा लेकर यहां पहुंचे थे। मऊ में चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए बघेल ने “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” के बारे में बताया था। बघेल ने अपने मॉडल के बारे में कहा था कि सरकार गांव और शहर के विकास के लिए होनी चाहिए। (अर्चना के पिता के साथ स्टार प्रचारक सीएम बघेल) 

(फोटो साभारः Facebook @archanagautamm)

बताते है कि सीएम बघेल के घोड़े की तेज रफ़्तार देखकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी यूपी में जमकर रायता फैलाया था। डॉ रमन सिंह आयुर्वेद के अच्छे जानकार है। उन्होंने यूपी चुनाव की नब्ज टटोलने के बाद कई रहस्यों पर से पर्दा हटाया था। रमन सिंह ने कहा था कि ‘भूपेश जहां भी प्रचार करने जाते हैं कांग्रेस हार जाती है’। इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को स्मृतिलोप का शिकार बताया था।

उन्होंने कहा, स्मृति लोप के शिकार हो चुके हैं रमन सिंह। प्रचार करने विदर्भ महाराष्ट्र गया, वहां जीते। असम में पहले से ज्यादा सीटें आईं। झारखंड में सरकार बनी। “यूपी में खोने को कुछ नहीं है, सब पाना ही पाना है”,  बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के उस बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था, कि ‘भूपेश जहां भी प्रचार करने जाते हैं कांग्रेस हार जाती है। 

बहरहाल यूपी विधानसभा चुनाव में वोटर्स पर बिकिनी गर्ल का जादू तो नहीं चला। राज्य में कांग्रेस की जबरदस्त हार हुई थी। हस्तिनापुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना गौतम की जमानत तक जब्त हो गई थी। हालाँकि अब कांग्रेस में नौजवानो को भविष्य की आस जगी है। कांग्रेस की फायर ब्रांड नेता अर्चना गौतम को छत्तीसगढ़ के नौजवान उम्मीद भरी निगाहो से देख रहे है। उनकी बेबाकी से उन्हें हाथो हाथ लिया जा रहा है। हर कोई उनकी फायर ब्रांड छवि से गदगद नजर आ रहा है।

(फोटो साभारः Facebook @archanagautamm)

हालाँकि पार्टी के कई नेताओ को अर्चना के आरोप नाजायज नजर आ रहे है। जबकि इस भीड़ में अर्चना के आरोपों की तस्दीक करने वालो की भी कोई कमी नहीं है। वो इसे जायज ठहरा रहे है,नाम ना जाहिर करने की शर्त पर ऐसे कई नेताओ की दलील है कि अधिवेशन के दौरान उन्हें भी राहुल और प्रियंका से मिलने से रोका गया था। यहां तक की नेताओ से मिलने के लिए पुलिस के साथ तीखी झड़प झेलनी पड़ी थी। फिलहाल अर्चना गौतम जिस तर्ज पर नौजवानो की निगाहों में चढ़ रही है,उससे भविष्य में छत्तीसगढ़ में उनके विधायक बनने की संभावनाए भी दिनों-दिन प्रबल हो रही है।