कॉलेज में शादी, महिला प्रोफ़ेसर ने अब भेजा इस्तीफा, पहले मांग भरी- सिंदूर लगवाया, पहनाई वरमाला, क्लास में छात्र संग शादी मामले में फंसी प्रोफ़ेसर की सफाई…. 

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कोलकाता/नदिया: क्लास रूम में अपने प्रिय छात्र संग शादी करने के मामले में फंसी यूनिवर्सिटी की प्रोफ़ेसर पायल बनर्जी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पश्चिम बंगाल के एक सरकारी विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर और छात्र की शादी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विवादों के चलते आखिरकार एक महिला प्रोफ़ेसर को इस्तीफा देना पड़ा है। गौरतलब है कि सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो में प्रो. पायल बनर्जी दास ने अपने एक छात्र से कक्षा के अंदर शादी रचाई थी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद घमासान जारी है। 

प्रोफ़ेसर पायल बनर्जी और उनके छात्र की शादी का वीडियो सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच के आदेश दिए थे। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद महिला प्रोफेसर ने अपनी सफाई में कहा था कि यह वास्तविक शादी नहीं थी बल्कि यह एक नाटक था जो उनके विषय की पढ़ाई का हिस्सा था। उनकी तमाम दलीलों को लोगों ने ख़ारिज कर दिया है। इस मामले को लेकर उनकी आलोचना के बीच अब यह जानकारी सामने आई है कि प्रो. पायल बनर्जी ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को इस्तीफे की पेशकश कर अपनी दलीलें दी है। 

कुछ अधिकारी तस्दीक कर रहे है कि विवादित प्रोफ़ेसर ने अपना  इस्तीफा सौंपा है। अधिकारियों ने बताया कि वीडियो के वायरल होने पर विवाद खड़ा हो गया था, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था। उनके मुताबिक महिला प्रोफेसर से स्पष्टीकरण मांगा गया था। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर ने अपनी सफाई में दोहराया है कि यह एक ‘साइको-ड्रामा’ था, जो उनके विषय की पढ़ाई का हिस्सा था और इसमें कुछ भी वास्तविक नहीं है।

यह मामला पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के हरिंगहाटा के मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएकेएयूटी) का है। जानकारी के मुताबिक पायल बनर्जी यहां के एपलाइड साइकोलॉजी विभाग में प्रोफेसर हैं। उनका 28 जनवरी को एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में दुल्हन की तरह सजी प्रोफेसर और प्रथम वर्ष के छात्र को कक्षा में ‘सिंदूर दान’ और ‘माला बदल’ (जयमाला) समेत हिंदू बंगाली शादी के विभिन्न रीति-रिवाज निभाते देखा जा सकता है। फ़िलहाल, इस मामले को लेकर यूनिवर्सिटी में गतिरोध कायम है। 

उधर यूनिवर्सिटी को भेजे पत्र में पायल बनर्जी ने दावा किया कि वीडियो केवल विभाग के लिए ही रिकॉर्ड किया गया था और मनोविज्ञान विभाग की छवि को खराब करने के वास्ते इसे ‘लीक’ कर दिया गया। इधर यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने यह भी बताया कि जांच पूरी होने तक प्रोफेसर को छुट्टी पर जाने के लिए कह दिया गया है। उन्होंने बताया कि एक समिति मामले की जांच कर रही है, जिसमें अन्य विभागों की तीन महिला संकाय की प्रोफ़ेसर बतौर सदस्य शामिल हैं। एमएकेएयूटी के कार्यवाहक कुलपति तापस चक्रवर्ती ने कहा कि महिला प्रोफेसर ने प्रशासन को सूचित किया है कि वह अब यूनिवर्सिटी का हिस्सा नहीं रह सकती हैं। उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए।

उनके मुताबिक प्रोफ़ेसर ने अपने सारे सोशल मीडिया अकाउंट भी डीएक्टिवेट कर लिए हैं। एमएकेएयूटी रजिस्ट्रार पार्थ प्रतिम लाहिड़ी के मुताबिक विवादों में घिरी प्रोफेसर ने उनके कार्यालय को एक ई-मेल भेजा है, जिसमें उन्होंने वीडियो के प्रसार से उत्पन्न वर्तमान स्थिति के मद्देनजर राज्य संचालित विश्वविद्यालय के साथ अपना जुड़ाव जारी रखने में असमर्थता व्यक्त की है। लाहिड़ी ने कहा कि उन्होंने (प्रोफेसर) घटना का जिक्र किया है और पिछले कुछ वर्षों से संस्थान के साथ काम करने का मौका देने के लिए एमएकेएयूटी को धन्यवाद दिया है।

लाहिड़ी ने कहा कि विवाद के बाद प्रोफ़ेसर को छुट्टी पर जाने के लिए कह दिया गया था और प्रोफेसर ने एक फरवरी को ईमेल भेजा था और यह अभी प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि हम आपको सही समय पर अपना फैसला बताएंगे। उधर प्रोफेसर पायल बनर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि वह अपनी सामाजिक और शैक्षणिक प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए कानूनी कदम उठाएंगी। इधर यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने बताया कि जांच समिति ने अपने निष्कर्षों में प्रोफेसर के इस दावे को खारिज कर दिया कि वीडियो दस्तावेजीकरण के लिए ‘साइको-ड्रामा प्रोजेक्ट’ का एक हिस्सा था। उनके मुताबिक प्रोफ़ेसर बनर्जी और उनके छात्र के सैर-सपाटे पर बाहर घूमने का वीडियो भी सामने आये। न्यूज़ टुडे ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए प्रोफ़ेसर पायल से संपर्क किया। लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ पाया गया।