सीएम ममता बनर्जी का हिन्दू साधु – संतों पर सियासी हमला तेज, मुस्लिम वोट खिसकने की चिंता ?  वोटिंग के बीच टेंशन में क्यों आ गईं दीदी ? लोकसभा चुनाव में राम – राम  

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कोलकाता: लोकसभा चुनाव प्रचार अपने उफान पर है। इस बीच कई नेताओं ने हिन्दू साधु – संतों पर हमले तेज कर दिए है। इसमें कांग्रेस के साथ – साथ आप पार्टी और TNC की रणनीति चर्चा में है। आखिरी दो चरणों के लिए विपक्ष ने साझा रणनीति के तहत ध्रुवीकरण तेज कर दिया है। इसमें पश्चिम बंगाल अव्वल है। यहाँ बीजेपी की बढ़त को रोकने के लिए विपक्ष की सियासी हलचल तेज है। बताते है कि हिन्दू वोटों के बिखराव को रोकने के लिए विपक्ष ने अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम समुदाय को एकजुट करना शुरू कर दिया है। पहले चार चरणों में माना जा रहा है कि हिंदुत्व वोटों का बड़ा हिस्सा बीजेपी की झोली में गया है। इसे रोक पाने में विफल विपक्ष ने अब मुस्लिम समुदाय पर नया दांव खेला है। लोकसभा चुनाव भले ही पूरे देश में चर्चा में है, लेकिन इसकी सियासी तपिश बंगाल में अधिक दिखाई दे रही है। 

पश्चिम बंगाल में अचानक एक तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साधु-संतों पर सियासी हमला करना शुरू कर दिया है। उन्होंने ओबीसी रिजर्वेशन से 77 जातियों के हटाये जाने के मामले को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच नई रणनीति के तहत बीजेपी की घेराबंदी शुरू कर दी है। मकसद बीजेपी की बढ़त को रोकना है। इसके लिए मुस्लिम समुदाय के एकतरफा वोट पाने के लिए दीदी ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। इसी बीच केरल में एलडीएफ सरकार के साथी दल आईएनएल ने बंगाल में सीपीएम का साथ देने की घोषणा कर दी है। इससे दीदी की मुश्किलें बढ़ गई है। 

हाल ही में मुर्शिदाबाद में वोटिंग के बाद ममता बनर्जी ने साधु – संतों पर सियासी हमला किया। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भारत सेवाश्रम संघ के साधु कार्तिक महाराज ने उनके पोलिंग एजेंट को बूथ पर बैठने नहीं दिया. इसी के साथ ही ममता ने भारत सेवाश्रम संघ, राम कृष्ण मिशन और इस्कॉन तीनों धार्मिक संगठनों पर उंगली उठा दी। ममता के बयानों से नया विवाद छिड़ गया है। इसे लेकर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ममता पर मुखर हो गए है, साधु – संतों पर हमला बीजेपी को ना गवार गुजर रहा है। 

बताते है कि लोकसभा चुनाव के चार चरणों में एक बड़ा हिन्दू वोट बैंक मोदी की जय – जयकार कर रहा है। शेष बचे दो चरणों में विपक्ष ने बीजेपी को रोकने के लिए अपने आखिरी अस्त्र – शास्त्र निकाल लिए है। चुनावी मैदान से खबर आ रही है कि मुस्लिम वोट बैंक अचानक ममता बनर्जी के पाले से खिसकने लगा है। इसका मुख्य कारण इंडिया गठबंधन की नींव रखने के बाद भी बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट के साथ ममता बनर्जी की पटरी नहीं बैठ पाई। लिहाजा, अब बंगाल में लेफ्ट-कांग्रेस के साथ मिलकर ममता के खिलाफ मैदान में उतरने से मुस्लिम वोट बंटने का खतरा मंडरा रहा है. दीदी यह कहने से नहीं चूक रही है कि बंगाल में सीपीएम और कांग्रेस भाजपा के साथी हैं।