जम्मू – जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोती गांव में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। आसमान से बरसी आफत ने चंद मिनटों में पूरे गांव को मलबे और पानी में तब्दील कर दिया। तस्वीरें और वीडियो इस भयावह मंजर की गवाही दे रहे हैं, जिन्हें देखकर दिल दहल जाता है। हादसे में अब तक 46 शव निकाले जा चुके हैं, जिनमें से 21 की पहचान हो पाई है। बाकी शवों की पहचान का काम जारी है।

अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 160 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है, लेकिन उनमें से 38 की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि कई लोग अब भी मलबे में फंसे हो सकते हैं।
पीड़ितों की आंखों से देखा खौफनाक मंजर
एक पीड़ित ने बताया, “अचानक बम फटने जैसी आवाज़ आई और लोग चिल्लाने लगे – भागो, भागो! मैं भागने ही वाला था कि मलबे में फंस गया और एक बिजली का खंभा मेरे ऊपर गिर गया। मैंने अपनी बेटी को आवाज़ दी, उसने आकर मुझे बाहर निकाला।”

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “मैं वहीं मौजूद था, अचानक जोरदार धमाका हुआ और फिर तेज़ पानी और मलबा आ गया। सिर्फ 2 मिनट में 4 फीट मलबा जमा हो गया। हम 11 लोग थे, सभी बच गए, लेकिन मेरी पत्नी और बेटी मलबे में फंस गई थीं। अब उनकी हालत स्थिर है।”
गांव में बर्बादी का आलम
भूस्खलन और मलबे के साथ आई बाढ़ ने कई घरों, दुकानों और वाहनों को दफन कर दिया। स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। मृतकों की पहचान के लिए व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए प्रभावित परिवारों को तस्वीरें भेजी जा रही हैं।

फिलहाल, मलबा हटाने और लापता लोगों को खोजने का काम युद्धस्तर पर जारी है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और नदी-नालों के किनारे जाने से बचने की अपील की है।
