News Today Exclusive: छत्तीसगढ़ में सीएम और सुपर सीएम के बीच संघर्ष,क्या आधी रात सौम्या चौरसिया सेन्ट्रल जेल से बाहर निकल रही है…?

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में ED समेत अन्य केंद्रीय एजेंसियां अलर्ट मोड़ पर है। बताते है कि ED की जांच और गवाहों को प्रभावित करने के लिए सौम्या चौरसिया और उसकी टोली जोर आजमाईश में जुटी है। बिलासपुर हाई कोर्ट में सौम्या चौरसिया की “जेल या बेल” पर अभी कोई अदालती फैसला नहीं आया है,लेकिन खबर आ रही है कि सौम्या चौरसिया की कद काठी और हुलिया की तर्ज पर एक महिला कुछ खास ठिकानो में रात्रि के तीसरे पहर चहल कदमी करते हुए नजर आ रही है।

सूत्रों के अनुसार एक अज्ञात वाहन में सवार हूबहू सौम्या चौरसिया की तरह दिखने वाली महिला “मोदी” मार्ग में किसी टी-शर्ट पहने व्यक्ति से मेल-मुलाकात करते देखी गई है। 

बताते है कि यह नजरो का धोखा भी हो सकता है। लेकिन रायपुर सेन्ट्रल जेल में ED के आरोपियों को मुहैया हो रही खबरों के बीच सौम्या की तरह दिखाई दी महिला का मामला भी रहस्यमय बताया जा रहा है। कभी सेंट्रल जेल के भीतर से तो कभी इलाज के नाम पर अस्पताल में भर्ती ED के आरोपियों की मौज-मस्ती की खबरें आम है। लेकिन अब उनके नए ठिकानो की भी खबरें सामने आने लगी है,इसके चलते जेल प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध हो चली है। अब तो आरोपियों की कभी जेल से घर तो कभी अस्पताल से भी घर की आवाजाही की ख़बरें मिलने लगी है। 

News Today Cg ने ED की कुख्यात आरोपी सौम्या चौरसिया,सूर्यकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल के हाल-चाल के बारे में रायपुर सेंट्रल जेल प्रशासन से आधिकारिक जानकारी प्राप्त करनी चाही,लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने फोन रिसीव नहीं किया।

उधर,यह भी खबर आ रही है कि अक्सर इलाज़ के नाम पर कभी सरकारी तो कभी गैर सरकारी अस्पतालों का रुख कर रहे आरोपी सुनील अग्रवाल की तरह नजर आने वाला शख्स भी रायपुर के शंकर नगर के मुहाने स्थित एक घर में गाहे बगाहे नजर आता है।

सूत्र बताते है कि हूबहू सुनील अग्रवाल की तरह नजर आने वाला यह शख्स भी रात्रि के तीसरे पहर एक वाहन में सवार होकर अस्पताल के गलियारों से आवाजाही करता है। जानकारी के मुताबिक सुनील अग्रवाल की जमानत हाई कोर्ट बिलासपुर से ख़ारिज हो चुकी है। ऐसे में कई लोगो की दृष्टिभरम से भी इंकार नहीं किया जा सकता।   

अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि रायपुर की कई गली सडको में इन दिनों रात्रि के तीसरे पहर सौम्या चौरसिया और सुनील अग्रवाल का “क्लोन” नजर आ सकता है। लिहाजा सतर्क रहे,प्रजातंत्र के भूत जानलेवा भी साबित हो सकते है। बताते है कि रायपुर सेन्ट्रल जेल के गलियारे से जुड़ने वाली सडको पर होनी-अनहोनी और रहस्यमय घटनाओ से एजेंसियां अलर्ट मोड़ पर आ गई है।

सूत्र बताते है कि सीएम और सुपर सीएम के बीच संघर्ष के हालात है,इन दिनों सुपर सीएम का डबल इंजन सीएम के सामने नई चुनौती पेश कर रहा है। इसमें जेल या बेल का जोखिम उठा रहा एक आरोपी ब्लैकमेलिंग में उतारू है। पुख्ता जानकारी के मुताबिक पांडुलिपियों के मालिकाना हक़ और जैविक पिता को सामने रखकर कई तरह की दुहाई दिए जाने का दौर शुरू हो गया है।