
नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025 — स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी (Goods & Services Tax) रिफॉर्म लागू करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से सामान्य मानवीय आवश्यकताओं पर टैक्स “भारी मात्रा में” घटाए जाएंगे और दिवाली तक यह राज्य/केंद्र समन्वित रूप से लागू किए जाने का लक्ष्य है — जिसे पीएम ने देशवासियों के लिए “बड़ा तोहफा” बताया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस रिफॉर्म के लिए एक हाई-पावर टास्क-फोर्स बनाया जा रहा है, जो वर्तमान नियम, कानून और नीतियों का व्यापक रिव्यू करके 21वीं सदी के अनुरूप व वैश्विक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए सुझाव देगा। टास्क-फोर्स को समय-सीमा में काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
पीएम मोदी के मुताबिक, पिछले आठ वर्षों में जीएसटी में कई बड़े सुधार हुए हैं और अब आगे बढ़कर “नेक्स्ट-जेनरेशन” सुधारों से रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स का बोझ घटेगा जिससे लोगों की जेब पर असर पड़ेगा और उपभोक्ता वस्तुएँ सस्ती होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम घरेलू मांग और आर्थिक सक्रियता को बढ़ाने में मदद करेगा।
विश्लेषकों का अंदाज़ा और तात्कालिक असर
वित्त-विशेषज्ञों और बाजार विश्लेषकों का कहना है कि यदि 12% और 18% जैसी मध्य दरों वाले कई आइटमों को कम स्लैब में लाया गया तो उपभोक्ता-स्तर पर राहत मिलेगी, किन्तु इससे सरकारी राजस्व पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है — जिसका हिसाब सरकार और राज्यों के बीच समन्वय से ही निकलेगा। अगले कुछ हफ्तों में जीएसटी काउंसिल की बैठकों और टास्क-फोर्स की सिफारिशों के बाद ही सटीक रूपरेखा और संभावित कटौतियों का खुलासा होगा।
सरकार का दावा — सस्ता, बेहतर और प्रतिस्पर्धी उत्पादन
पीएम ने अर्थव्यवस्था में किसानों और निर्माण-उद्योग के योगदान पर भी ज़ोर दिया और कहा कि भारत की उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता बढ़ाकर ‘‘दाम कम, दम ज्यादा’’ का लक्ष्य रखना होगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधारों के साथ ही सरकार का उद्देश्य भारत को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना है।
आगे क्या होगा — प्रक्रिया और समयरेखा
प्रधानमंत्री ने टास्क-फोर्स को एक स्पष्ट समय-सीमा में काम पूरा करने का निर्देश दिया; रिपोर्ट और प्रस्तावों पर जीएसटी काउंसिल और संबंधित मंत्रालय विचार करेंगे। सरकार ने संकेत दिया है कि दिवाली (2025) के भीतर कुछ प्राथमिक निर्णय लागू किए जा सकते हैं — पर विस्तृत सूचियाँ और तकनीकी बिंदु टास्क-फोर्स और काउंसिल की सिफारिश के बाद ही सार्वजनिक किए जाएंगे।
समाप्ति
यह घोषणा उपभोक्ताओं के लिए राहत का संकेत है और त्योहारी सीज़न में मांग को बढ़ाने का सरकार-स्तरीय प्रयास भी मानी जा रही है। पर वास्तविक प्रभाव और किस-किस वस्तु पर कटौती होगी — यह अगले कुछ हफ्तों में टास्क-फोर्स की रिपोर्ट व जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद स्पष्ट होगा।