चीन के ऑनलाइन जुआ रैकेट का भंडाफोड़, रंग पहचानने का गेम खिलाकर ठगे करोड़ो रूपये

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हैदराबाद / कोरोना काल में लोगों को गेमिंग ऐप के जरिए लूटने के बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है | शुरुआत में यह छोटी-मोटी धोखाधड़ी का मामला लग रहा था लेकिन बाद में इसके तार चीन तक से जुड़े है | पता चला है कि गिरोह ने पूरे 1100 करोड़ रुपये की चूना लगा चुका है |

गेमिंग ऐप में धोखाधड़ी का यह मामला सबसे पहले हैदराबाद पुलिस की साइबर क्राइम विंग के पास पहुंचा था | पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने एक ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर जुआ खेला और 97,000 और 1.64 लाख रुपये गंवा दिए है | मामले ने हैरान इसलिए भी किया क्योंकि तेलंगाना में ऐसे गेम बैन हैं | लेकिन बाद में पता चला कि कलर पहचानने वाले ऐसे आसान गेम का लालच देकर शर्त लगवाई जातीं और धीरे-धीरे लोगों को कंगाल कर दिया जाता है |

पुलिस ने बताया कि गुड़गांव के दो खातों तक पहुंची है, उसमे से एक चीनी ऐंगाल का भी पता चला है | ये दोनों अकाउंट 2019 से चल रहे थे | जब इन्हें सीज किया गया तो पहले में 14 करोड़ रुपये थे, इसमें से 500 करोड़ का लेन-देन हो चुका था, वहीं दूसरे में 16 करोड़ बैलेंस था इसमें 600 करोड़ का लेन-देन हो चुका था | ये पैसा दूसरे अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है, जिनकी छानबीन हो रही | इस केस में चार लोगों को पकड़ा गया है | इसमें से एक चीनी नागरिक या हाओ है | तीन अन्य लोगों के नाम धीरज सरकार, अंकित कपूर और नीरज तुली हैं |

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टेलीग्राम के जरिए ऑनलाइन गेमिंग का लालच दिया जाता था | इसमें किसी दूसरे के रेफरेंस से ही ऐड हो सकते थे | जिस गेम के जरिए धोखाधड़ी हुई वह एक कलर प्रडिक्शन गेम था | इसमें कलर कॉम्बिनेशन को पहचानने को कहा जाता था और उसी पर शर्त लगती थी |ऐसे गेम खिलवाने के लिए 500 वेबसाइट्स लिंक मिले हैं जिनके डोमेन चीन में रजिस्टर हैं | ये वेबसाइट खुद को ई कॉमर्स साइट जैसा दिखाती थीं | वहीं पर मौजूद एक दूसरा लिंक बेटिंग साइट पर ले जाता था | इस वजह से ये बैन से बच गईं |