हिन्दुस्तान में चीनी ही चीनी ,विश्व में नंबर वन, 40 हजार करोड़ का फायदा,शक्कर के उत्पादन और इस्तेमाल में अव्वल

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दिल्ली : भारत में शक्कर का उत्पादन और उपभोग दुनिया में पहले नंबर पर है | विदेशों में शक्कर एक्सपोर्ट किए जाने की वजह से हिंदुस्तान को 40 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा हासिल हुई है | केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार शुगर का एथेनॉल के निर्माण में इस्तेमाल भी रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंच गया है|

मंत्रालय ने कहा कि भारत ,दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा चीनी उत्पादन और इस्तेमाल करने वाले देश के रूप में उभर कर सामने आया है | उसके मुताबिक सितंबर महीने मे खत्म हुए शुगर सीजन (अक्टूबर-सितंबर) 2021-22 में भारत ने ब्राज़ील को पीछे छोड़ दिया है | अब हम दुनिया का सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश के रूप में स्थापित हुए है | मिनिस्‍ट्री का अनुमान है, ”नए सीजन में चीनी को इथेनॉल में बदलने की उम्मीद 35 लाख टन से बढ़कर 50 लाख टन हो जाएगी, जिससे चीनी मिलों को करीब 25,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल होगा.

मंत्रालय के मुताबिक भारत इस साल के शुगर सीजन में दुनिया का दूसरा बड़ा चीनी निर्यातक भी बना है | इसके पहले ब्राज़ील की गिनती होती है | इस सीजन में भारत में 5,000 लाख मीट्रिक टन (LMT) से ज्यादा गन्ने का उत्पादन हुआ था | इसमें से 3574 लाख मीट्रिक टन गन्ने की चीनी मील में पेराई की गई | इससे 395 लाख मीट्रिक टन चीनी (सुक्रोज) बनाया गया | जबकि इसी सीजन के दौरान 109.8 लाख मीट्रिक टन चीनी का निर्यात किया गया | यह एक नया रिकॉर्ड है |

मंत्रालय ने बताया कि विदेशों में एक्सपोर्ट किए जाने की वजह से भारत को 40 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा हासिल हुई है | मंत्रालय के अनुसार शुगर का एथेनॉल के निर्माण में इस्तेमाल भी रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंच गया है. साल 2018-19 में 3 LMT से बढ़कर 2021-22 शुगर सीजन तक ये आंकड़ा 35 एलएमटी तक पहुंच गया है. आंकड़ों की मानें तो इस सीजन के अंत में 60 एलएमटी शुगर स्टॉक बचा हुआ है जो कि 2.5 महीने की जरूरत पूरी कर सकता है.