नई दिल्ली वेब डेस्क / गलवान घाटी में चीन और भारत की सेनाओं के बीच हुए हिंसक संघर्ष के बाद दोनों देशों के संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं | चीन की तरफ से खतरा सिर्फ सीमा पर ही नहीं बना हुआ है, बल्कि चीन साइबर अटैक करके भी भारत को नुकसान पहुंचाना चाहता है | गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के 5 दिनों के भीतर चीन के हैकरों की तरफ से भारत के साइबर स्पेस में 40 हजार से ज्यादा बार हमले किए जा चुके हैं | यह हमले भारत की महत्वपूर्ण सरकारी वेबसाइटों के अलावा आम जनता से जुड़ी सेवाओं पर भी किए जा रहे हैं |
महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक, चीन के हैकर्स ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संरचना और बैकिंग सेक्टर पर पिछले पांच दिनों में 40 हजार से अधिक साइबर हमले किए हैं। वहीं, गलवन घाटी में खूनी झड़प होने के बावजूद चीन अभी तक पीछे नहीं हटा है। हालांकि, मंगलवार को भारतीय सेना ने बताया कि चीन एलएसी पर भारत की मांग मानने के लिए सकारात्मक नजर आ रहा है।
महाराष्ट्र पुलिस की साइबर शाखा महाराष्ट्र साइबर के अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों को इस तरह के हमले से सतर्क रहना चाहिए और अपने आईटी सिस्टम का साइबर सुरक्षा ऑडिट कराना चाहिए। साइबर शाखा के विशेष पुलिस महानिरीक्षक यशस्वी यादव ने कहा कि एलएसी पर भारत-चीन की सेनाओं के बीच तनाव के बाद ऑनलाइन हमले बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र साइबर ने इन प्रयासों की सूचना जुटाई और उनमें से अधिकतर चीन के चेंगदु इलाके से पाए गए।
महाराष्ट्र के साइबर अधिकारियों के मुताबिक, पिछले चार-पांच दिनों में भारतीय साइबर स्पेस के संसाधनों पर साइबर हमले के कम से कम 40,300 प्रयास हुए। इन हमलों का मकसद सेवा देने से मनाही, इंटरनेट प्रोटोकॉल को हाईजैक करना और जाल में फंसाना शामिल है। इन हैकर्स के पास करीब 20 लाख भारतीय ई-मेल आईडी होने का संदेह है।
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी की आड़ में हैकर्स अपना गोरखधंधा चला रहे हैं। इन दिनों एक फर्जी ई-मेल या संदेश भेजकर गोपनीय पासवर्ड या पास कोड हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। एक फर्जी ई-मेल एनकोव2019एटगोवडॉटइन’ पाया गया है, जो दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई और अहमदाबाद के निवासियों को नि:शुल्क कोविड-19 जांच के लिए फर्जी सूचना के तौर पर भेजा जाता है। इसके अलावा ‘denial-of-service’ साइबर अटैक भी किया जा रहा है, जिसमें सर्विस के लिए बहुत सारी झूठी रिक्वेस्ट भेजी जाती हैं, सरवर पर भीड़ बढ़ाई जाती है | लेकिन हकीकत में सर्विस की जरूरत नहीं होती, जिससे सरवर क्रैश हो जाता है | इसके अलावा इंटरनेट प्रोटोकॉल हाईजैक, जिसमें सरवर के सुरक्षा तंत्र को प्रभावित किया जा रहा है |