एशिया की सबसे बड़ी जोजिला सुरंग और भारत में औद्योगिक गतिविधियों के प्रोजेक्ट से बौखलाया चीन, पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह की ललकार, भारत 1962 वाला नहीं बल्कि 2020 वाला देश है, चीन के समर्थन में कूदे पाकिस्तानी इमरान

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दिल्ली वेब डेस्क / पूर्व सेना अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने चीन को ललकारते हुए चेतावनी दी है कि भारत 1962 वाला नहीं बल्कि 2020 वाला देश है | उन्होंने कहा कि मोदी के भारत को कोई धमका नहीं सकता | वीके सिंह ने कहा कि इन दिनों चीन बौखला गया है | उधर चीन के साथ बढ़ रहे तनाव के मद्देनज़र पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने बेतुका बयान दिया है | उन्होंने कहा है कि चीन और नेपाल के साथ भारत का सीमा विवाद है | इमरान खान ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक खतरे में है | उन्होंने मोदी की नीतियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वे पडोसी देशों के लिए खतरनाक है | इमरान खान ने सीएए से भारत के पश्चिम बंगाल के खतरा बताया है |

उधर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनातनी अभी भी जारी है। दरअसल भारत अपने इलाके में जब कोई निर्माण करता है, तो चीन परेशान हो उठता है। श्रीनगर और लेह के बीच ‘जोजिला सुरंग प्रोजेक्ट’ को लेकर उसकी चिंता बढ़ गई है | हिमालय की 11,578 फुट की ऊंचाई पर भारत ने एक बड़ी सुरंग बनाने पर काम शुरू किया है | इससे चीन ही नहीं, बल्कि उसके दोस्त पाकिस्तान के भी पसीने छूट गए थे।

सामरिक विशेषज्ञों के अनुसार, चीन का प्रयास है कि मौजूदा गतिरोध के चलते भारतीय सीमा में हो रहे निर्माण कार्य बंद हो जाएं। हिमाचल और लद्दाख के दरबूक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी सड़क पर भारत ने तेजी से काम शुरू किया है। जब यह सड़क बनकर तैयार होगी तो भारत को इसका बड़ा फायदा मिलेगा। सड़क के बीच में हो रहे पुल निर्माण को लेकर चीन खासा भयभीत है। चीन इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि यह सड़क भारत को सामरिक महत्व के हिसाब से बढ़त दिला सकती है। इसके चलते भारतीय फौजों की आवाजाही और साजो-सामान पहुंचना आसान हो जाएगा। इस सुरंग के निर्माण कार्य को वो रोकना चाहता है | वह समझ रहा है कि इससे भारत उसे आंख दिखाने की स्थिति में आ सकता है।

अब चीन को लग रहा है कि जोजिला सुरंग और दौलत बेग ओल्डी सड़क प्रोजेक्ट तो उसके लिए खतरा हैं, इसलिए वह लद्दाख में जानबूझकर गतिरोध पैदा कर रहा है। भारत के पास आज यह क्षमता है कि वह चीन की ऐसी किसी भी हरकत का जवाब दे सकता है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 जनवरी 2018 को श्रीनगर से लेह के बीच जोजीला सुरंग के निर्माण कार्य को मंजूरी दी थी। पीएम मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। इस प्रोजेक्ट के तहत 14.14 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जाना है। सात वर्ष में पूरी होने वाली इस सुरंग की लागत 6,809 करोड़ रुपये तय की गई थी। इसे जोजिला सुरंग का नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ‘जोजिला पास’ के निकट बनाए जाएगी।

हर साल दिसंबर से लेकर अप्रैल मई तक इस इलाके में भारी बर्फबारी व हिमस्खलन होता है। इस वजह से लद्दाख क्षेत्र का संपर्क श्रीनगर से कट जाता है। जोजिला सुरंग तैयार होने के बाद इस मार्ग पर रोजाना वाहनों की आवाजाही संभव हो जाएगी। जोजिला सुरंग एनएच-1ए के 95 किलोमीटर वाले मील पत्थर को 118 किलोमीटर मील पत्थर के साथ सीधे जोड़ देगी। इस सुरंग को एशिया की सबसे लंबी सड़क सुरंग बताया जा रहा है। मौजूदा प्रोजेक्ट के तहत इस सुरंग को दो लेन वाली दो तरफा सिंगल ट्यूब के डिजाइन से बनाया जाना था।

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भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपना निर्माण कार्य जारी रखेगा। चीनी सैनिकों ने गलवान नाला एरिया में भी डेरा डाला हुआ है। उधर चीन की तरफ सड़क निर्माण हो रहा है। भारत की ओर जब चीन की गतिविधियों को लेकर एतराज जताया जाता है तो वह कोई सुनवाई नहीं करता। उधर कोरोना संक्रमण को लेकर दुनिया के ज्यादातर देश चीन पर उंगलियां उठा रहे है | वो अलग थलग पड़ता जा रहा है | यही नहीं कई बड़ी कंपनिया चीन से अपना कारोबार समेट कर भारत का रुख करना चाहती है | लिहाजा अपने हितों के लिए चीन भारत में अस्थिरता पैदा करना चाहता है | ताकि उसकी अर्थव्यवस्था गिरने का फायदा उसे हो सके | इसके लिए चीन ने भारत पर हमले की योजना भी बनाई है | चीन ने अपनी सेना को अलर्ट कर इसके संकेत भी दिए है |