
चंडीगढ़: भारत-पाकिस्तान सीमा पर जारी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरहद पर जवानों के साथ 10 साल के एक बच्चे ने भी पाकिस्तान को अपने ही अंदाज में मुँह तोड़ जवाब दिया। जंग के बीच इस बच्चे को खुले मैदान में देख कर भारतीय सैनिकों के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने उसे सुरक्षित स्थल तक पहुंचाने की कवायत शुरू की। लेकिन ये बालक सरहद से तस से मस तक नहीं हुआ। बल्कि देखते ही देखते उसने सैनिकों का दिल जीत लिया। उसकी बाल बहादुरी देखकर सेना ने उसे सम्मानित किया है। 10 साल के इस स्कूली बच्चे का नाम स्वर्ण सिंह बताया जाता है। वो सरहद के सबसे करीब स्थित सेना की तारावाली पोस्ट के गांव में निवासरत है। दरअसल, पाकिस्तान के दांत खट्टे कर रहे भारतीय सेना के जवान सरहद पर भारी गर्मी का प्रकोप झेल रहे थे। प्यास के मारे कई सैनिकों के कंठ सुख रहे थे।

इस बीच दुश्मन देश पाकिस्तान को मुँह तोड़ जवाब देने के लिए एक बच्चा भी रणभूमि में कूद पड़ा। उसने वो कर दिखाया जिसके चलते सेना ने उसे ‘ऑपरेशन सिंदूर का सबसे छोटा नागरिक योद्धा’ घोषित किया है। भारतीय सेना ने इस बच्चे कों सार्वजनिक रूप से सम्मानित कर उसकी हौसला अफजाई की है।बाल वीर स्वर्ण सिंह ने बड़े होकर फौज में जाने की इच्छा जताई हैं।स्वर्ण सिंह की बहादुरी के चर्चे सरहद के गांव-गांव में हो रहे है। स्वर्ण सिंह की हौसला अफजाई करते हुए सरदार ट्विंकल भाटिया ने न्यूज़ टुडे को बताया कि स्वर्ण सिंह बचपन से ही आग के गोलों, मोर्टार और बम धमाकों को करीब से देखते आया है। सरहद में बसे गांव-कस्बों में निवासरत आबादी को आये दिनों पाकिस्तान के खूनी मंसूबों से दो-चार होना पड़ता है। सरदार ट्विंकल भाटिया बताते है कि उनके खेत-खलियानों में पाकिस्तानी सेना के ड्रोन,फायरिंग और गोले गाहे-बाहे बरसते रहते है।

इसने बच्चों से लेकर बूढ़ों तक कूट-कूट कर देशभक्ति भर दी है। ये बच्चे भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पाकिस्तान को मुँह तोड़ जवाब देना चाहते है। छत्तीसगढ़ से पंजाब पहुंचे ट्विंकल भाटिया ने स्वर्ण सिंह की बहादूरी को अविस्मरणीय बताया। मामला बड़ा रोमांचक है, भारतीय सेना पंजाब के फिरोजपुर जिले के तारावाली गांव की सरहद पर बमों की बारिश कर रही थी। भारतीय सेना के गोले-मिसाइलें पाकिस्तान की सरहद पार आग उगल रहे थे। चारों ओर बमों की वर्षा हो रही थी। एक बच्चा बमबारी के बीच आ धमका, उसने देखते ही देखते जवाबी कार्यवाही कर रहे सैनिकों को पानी पिलाना शुरू कर दिया, इससे पहले की जवान कुछ समझ पाते, इस बहादूर बच्चे ने दूध, लस्सी, ठंडा पानी और बर्फ की मौके पर झड़ी लगा दी।

भारतीय सैनिकों का करीब से जौहर देख रहे इस बच्चे को बमबारी से कतई डर नहीं लगा। उसने मोर्टार-ड्रोन को अपने इर्द-गिर्द गिरते भी देखा। फिर भी कतई विचलित नहीं हुआ। उसकी बहादुरी देखकर, सेना और सुरक्षा बलों के जवान गदगद हो गए। उन्होंने इस बच्चे को अपनी गोद में उठा लिया। बताते है कि जंग के मैदान में उतरे इस बच्चे पर देशभक्ति का गुबार इस कदर उफान पर था कि उसकी चहलकदमी तेजी से पाकिस्तान की ओर बढ़ रही थी। उसके कदम थामने के लिए भारतीय सैनिकों को आगे बढ़ना पड़ा। फ़िलहाल, यह बच्चा खूब सुर्खियां बटोर रहा है।