पुलिस हिरासत में बच्चे की पिटाई, हाथ-पैरों में पड़े डंडे और भी यातनाएं, एसपी-गृहमंत्री से लेकर मानवाधिकार आयोग तक शिकायत…

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गरियाबंद: छत्तीसगढ़ में हालिया पुलिस हिरासत में एक शख्स की मौत के बाद गरियाबंद के फिंगेश्वर थाने में नाबालिग के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि थाने में 14 साल के बच्चे के हाथ-पैरों पर डंडे से पिटाई की गई। नाबालिग के हाथ के पंजों को पेन से रगड़ते हुए उसे घंटों प्रताड़ित किया गया। पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक, गृह मंत्री और मानवाधिकार आयोग से की है।

जानकारी के मुताबिक, घटना 17 मार्च की है। गरियाबंद के फिंगेश्वर ब्लॉक के एक गांव में 14 साल के बच्चे का दूसरे बच्चे से विवाद हुआ था। बच्चों की लड़ाई में कुछ देर बाद फिंगेश्वर पुलिस गांव आई। 14 साल के बच्चे को तलाशते हुए उसके घर पहुंची। पीड़ित के पिता के मुताबिक, पुलिसवाले बच्चे को अपने साथ पीसीआर में बिठाकर थाने ले गए। सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक, तकरीबन 5 घंटे उन्हें अपने बच्चे से नहीं मिलने दिया गया। इस दौरान उन्होंने केवल एक बार बच्चे को देखा, जब टीआई गला दबाकर उसे थाने के एक छोर से दूसरी ओर ले जा रहे थे।

वहीं, बच्चे का कहना है कि थाने के भीतर घुसते ही टीआई ने जोर की आवाज लगाकर उसे और पुलिसवाले को अंदर बुलाया। यहां पहले उसके सिर पर कई चप्पलें मारी, फिर पेट पर जोर की लात मारी, जिससे वह बदहवाश होकर दूसरी ओर रखे सोफे पर जा गिरा। इसके बाद टीआई ने पुलिसवाले से कहा कि इसे व्यायाम कराओ। फिर वे उसे अंदर ले गए। बताया जा रहा है कि बिठाया और दोनों पैरों के पीछे डंडा रगड़ने लगे। हड्डियों में अकल्पनीय दर्द से वह चीख उठा।

पुलिसवालों को जब लगा कि अब और सहने की स्थिति में नहीं है, तो टीआई के पास ले गए। टीआई ने कहा कि दोबारा व्यायाम कराओ। इसके बाद पुलिसवालों ने उसके हाथ के दोनों पंजों को प्रणाम की मुद्रा लाने को कहा और इसके बीच एक पेन फंसा दिया। फिर अपने हाथों से उसके पंजों को दबाकर पेन रगड़ने लगे। इस तरह उसे घंटों टॉर्चर करने के आरोप हैं। फ़िलहाल, जांच जारी है।