Saturday, October 5, 2024
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News Today Breaking: मुख्यमंत्री की खुल गई पोल, पल दो पल के मुख्यमंत्री की अनोखी दास्तान, नौकरशाही ने बदला रंग, CM IN WAITING के दरबार की फ़िज़ा सुर्ख, चर्चा में,नवा निज़ाम…..

दिल्ली / रायपुर : मैं अनवर ढेबर,नितेश पुरोहित, एपी त्रिपाठी और पप्पू ढिल्लन,हम सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करते है कि हम सब इन दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कार्य करने से ED के हत्थे चढ़ गए है,हम निर्दोष है,कसूर सिर्फ इतना है कि हमने मुख्यमंत्री पर विश्वास किया था, भूपेश बघेल पिता नंदलाल बघेल,रंग गेहुआ ।

ऊंचाई 5 फुट 8 इंच, बाल सफेद, बार बार मिच – मिचाती आंखो के ऊपर मोटी लैंस चढ़ा चश्मा, हुलिया – कच्चे कान – अक्सर सफेद कुर्ता पायजामा पहने महात्मा गाँधी की तस्वीरें वाले नोटों से लगाव, लिंग पुरुष (बाकि गोपनीय), पद – मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, अस्थाई पता – मुख्यमंत्री निवास सिविल लाइन रायपुर, स्थाई पता – नंदलाल बघेल का निवास पाटन, जिला दुर्ग|

हाल मुकाम – CM हॉउस कार्यालय,(मंत्रालय को छोड़कर, क्योकि साहब मात्र 13 दिन ही यहाँ उपस्थित रहें है), को बहुत अच्छी तरह से जानते पहचानते है, उसकी रग रग से वाकिफ है।

मुख्यमंत्री ने पौने पांच सालो में जो भी निवेश, कल्याणकारी और विकास कार्य, कोल खनन परिवहन, शराब, चिप्स , क्रेडा, जलजीवन मिशन, छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन और राजनीति के नाम पर सेवा के धंधे में जो भी जायज ना जायज कार्य किए गए है, उसकी हम सब भगवान अल्लाह ईश्वर और गॉड को हाजिर नाजिर मान कर तस्दीक करते है।

छत्तीसगढ़ में आबकारी घोटाला अब उसके असली मालिक के गले में चिपक गया है। ED ने बीती रात कांग्रेस विधायक चंद्रदेव राय से भी उनका हालचाल पूछा है, बताते है कि विधायक साहब पार्टी आलाकमान के साथ है, उन्होंने भी सरगना को बेनकाब करने के बाद ED से अपना पीछा छुड़ा लिया है।  कांग्रेस विधायक का दावा है कि बीजेपी जिस शख्स पर कांग्रेस का ATM होने का आरोप लगा रही है, उसे पार्टी ने कभी भी अवैध उगाही के लिए अधिकृत नहीं किया था।

बताते है कि ऐसी ही राय को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अन्य सिपहसालार भी लिपिबद्ध करा रहे है। मुख्यमंत्री उसकी औलाद, ससुर – दामाद, CA कोठारी और भ्रष्टाचार की कोटरी फैमिली पैक के साथ ED और CBI की गिरफ्त में बताई जा रही है।    

सूत्र बताते है कि छत्तीसगढ़ की ब्लैकमनी से पार्टी आलाकमान और उसके कई गलियारों में रौशनी का चिराग जला था। ED ने पार्टी के केंद्रीय नेताओं की हिस्सेदारी वाले अंश का खुलासा अपनी चार्जशीट में भी किया है। कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी के हथकंडों की पड़ताल में जुटी ED की टीम ने अब दिल्ली में कांग्रेस के उन प्रभावशील नेताओं के ठिकानो का भी रुख करना शुरू कर दिया है, जिनकी बघेल के साथ सांठगांठ थी।

सूत्र दावा करते है की घोटालों की आँच गाँधी परिवार तक भी  पहुंचने लगी है, पी.एल.पुनिया और प्रियंका गाँधी जैसे दिग्गज नेताओं को भी ED का समन जल्द जारी हो सकता है।  इसके लिए बघेल समेत राज-पूतों से पूछताछ प्रक्रिया में बताई जा रही है। 

जानकारी के मुताबिक सूबे का नया निजाम भी सुर्ख़ियों में है। अबकी बार नकली नहीं असली राजा जनता की भलाई के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होते दिख रहा है, उसकी सहायता के लिए दो भाई मदन मोहन के रूप में सरकारी कुर्सी पर सवार होने वाले है। सूत्र बताते है कि कांग्रेस द्वारा अब असली राजा ही असली प्रजा के लिए जरूरी बताया जा रहा है। 

इसी राजा ने अपनी तिजोरी से निजी धन खर्च कर सरकारी तिजोरी की रक्षा का बीड़ा उठाया था।  लेकिन ढाई ढाई साल के एक झूठे फॉर्मूले ने नकली राजा को असली प्रजा के हवाले कर दिया,नतीजा प्रदेश की गरीब जनता और फटे हाल आदिवासियों के सामने है। 

आदिवासी समुदाय पांच बरस जैसा पहले था आज भी वैसा ही है। जबकि पौने पांच सालों में गरीब अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग की उन्नति भी जाम हो गई है, लेकिन मुख्यमंत्री बघेल और उनका कुनबा सोने की फसल काट रहा है। 

बघेल खंड के खेतों में चाँदी की फसल लहलहा रही है, इनके ही खेत खलिहानों में उड़ रही मुर्गी सोने का अंडा दे रही है। जबकि दूसरी ओर बीजेपी और मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां देश की अर्थ व्यवस्था को गर्त की ओर ले जा रही है।

मुख्यमंत्री के किसान परिवार को उनकी फसलों का वाजिब भाव भी नहीं मिल रहा है। फिर भी सिर्फ इन्ही के कुनबे की वार्षिक आय साल दर साल एक हजार गुना उछाल मार रही है, ऐसा कैसे संभव हो सकता है। कांग्रेस पार्टी का मोदी सरकार पर लगाए जा रहे कई गंभीर आरोप मुख्यमंत्री बघेल की रोजाना आमदनी के सामने बौने साबित हो रहे है। 

वर्ष 2018 विधान सभा चुनाव में मुख्यमंत्री बघेल ने लगभग 8 करोड़ की संपत्ति उजागर करते हुए लगभग 19 लाख के कर्ज के बोझ तले खुद के दबे होने की तस्दीक चुनाव आयोग से की थी। लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी में बैठने के चंद दिनों के भीतर ही उनकी संपत्ति सीधे बढ़कर 23 करोड़ के लगभग बढ़ गई। हवाला दिया गया कि मोदी सरकार की सफल आर्थिक नीतियों का फायदा आम उद्योगपतियों की तर्ज पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी हुआ है। 

वित्तीय वर्ष 2019 – 20, 2020 – 21, 2021 – 22 में इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा उनकी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल, पुत्र चैतन्य बघेल उर्फ बिट्टू और उसकी पत्नी मतलब मुख्यमंत्री की बहु, दामाद क्षितिज चंद्राकर और उसकी पत्नी मतलब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल  की आधिकारिक पुत्री और साले समेत अन्य तमाम  नाते रिश्तेदार की ही आमदनी इन वर्षो में छप्पर फाड़ कर हुई है। 

जबकि छत्तीसगढ़ की आम जनता अपनी आर्थिक उन्नति की राह तक रही है।  जनता अच्छी तरह से जानती-पहचानती है कि समस्त श्रोतो से मुख्यमंत्री के कुनबे की अर्जित धन – संपत्ति वर्ष 2018 से पूर्व कितनी लम्बी चौड़ी और फलदायक थी। ताजा जानकारी के मुताबिक बघेलखंड एंड संस और प्राइवेट लिमिटेड ED के मुहाने में आमने सामने आ गए है। 

ये भी पढ़ें: आबकारी घोटाले की होगी CBI जाँच, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गले की फ़ांस बनी अदालत की कई नजीरें

छत्तीसगढ़ शासन के हमाम में सारे के सारे हर हर गंगे नज़र आ रहे है, ED और CBI के पाउडर से शुरू हुआ धुलाई का दौर अदालती जमाखाने में धोने पोछने और सुखाने के लिए पेश किया जा रहा है। 

Alsao Read: Is Congress mulling to replace Bhupesh ?

न्याय के मंदिर में जमानत देने वाले बाबा बघेलखंड के गुनहगारों का हिसाब – किताब कर रहे है। राजनीति के अपराधिकरण के पतीले में रखे गए लोकतंत्र के दूध में, दूध का दूध और पानी का पानी साफ़ करने का दौर जारी है।  

रायपुर की जिला अदालत में आज 13 दिनों की रिमांड ख़त्म होने पर करोबारी अनवर ढेबर,आबकारी विभाग के सचिव एपी त्रिपाठी,होटल-शराब कारोबारी पप्पू ढिल्लन,नितेश पुरोहित को पेश किया गया है। अदालत में कारोबारियों की जमानत अर्जी को लेकर दौर ए बहस जारी है।

इस बीच दिल्ली से खबर आ रही है कि 5 जून 2023 से विश्व पर्यावरण दिवस से पहले छत्तीसगढ़ की आबोहवा देश की मुख्यधारा में शामिल हो जाएगी। इसके प्रयास जोरो पर है,भारत के इस “बनाना” स्टेट की बागडोर लबरे राजा के बजाए असली राजा को सौंपे जाने के आसार बढ़ गए है। उम्मीद की जा रही है कि नया निजाम इस पिछड़े राज्य की जनता को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जितना आर्थिक रूप से कमजोर बनाने की राह तय कर सके। ताकि मुख्यमंत्री और उनके कुनबे की गरीबी आम जनता की गरीबी से मेल खा सके। 

ताजा जानकारी के मुताबिक आबकारी घोटाले की गंभीरता और सफ़ेदपोश आरोपियों के गिरेबान तक पहुंचते ED के हाथो के मद्देनजर केंद्रीय जांच एजेंसियों को ऐसे सबूत हाथ लगे है,जिससे पता पड़ता है कि छत्तीसगढ़ की शराब की बोतल के आगोश में कांग्रेस का गलियारा भी मुख्यमंत्री की तर्ज पर झूम रहा था।

राज्य की गरीब जनता के कल्याण के लिए खर्च होने वाली रकम से मुख्यमंत्री के सहयोगी नेता गुलछर्रे उड़ा रहे थे। इसके लिए मोटी रकम की बंदरबांट हो रही थी। सूर्यकांत समेत कांग्रेस के कई नेता सरकार की रकम अपनी तिजोरी में डाल रहे थे। आबकारी घोटाले की रकम भी कांग्रेस सरकार प्रायोजित कार्यक्रमों में खर्च की जा रही थी। ED ने अपनी चार्जशीट में इसका हवाला भी दिया है। 

उधर,जांच में आई तेजी के बाद कारोबारी अनवर ढेबर समेत अन्य आरोपियों को ED ने आज रिमांड ख़त्म होने पर अदालत में पेश किया था। इस पर कोर्ट ने कारोबारी अनवर ढेबर को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक अदालत ने अभी तक अनवर को दो बार चार-चार दिनों के लिए,एक बार 5 दिनों के लिए कुल 3 किश्तों में ED रिमांड सौंपा गया था। लेकिन अबकी बार जहां बचाव पक्ष ने आरोपियों की तत्काल रिहाई-जमानत पर जोर दिया,वही ED की ओर से असल गुनाहगारो के काले चिट्ठो से अदालत को अवगत कराया गया।

अदालती सूत्र बताते है कि ED के द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद अदालत ने कारोबारी अनवर ढेबर को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है, इसके अलावा नितेश पुरोहित को भी 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। अन्य आरोपियों में आबकारी सचिव एपी त्रिपाठी और होटल-शराब कारोबारी पप्पू ढिल्लन को 4 दिनों की रिमांड पर ED को सौंपा गया है।  

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