रायपुर / शादी की तस्वीरें आम तौर पर यादगार की तर्ज पर देखी जाती है। शादी के मौकोंं पर तस्वीरें आम है, लेकिन अब शादी के पूर्व भी जोड़ों की तस्वीरें खीचवाए जानें का चलन है। इसे प्री वेडिंग शूट कहा जाता है| इसकी तस्वीरों को भी यादगार बनाने के लिए भी फोटोग्राफर नई – नई लोकेशन की खोजबीन में जुटे रहते हैं। इसी कड़ी में न जाने किस सख्स ने छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सरकारी हेलीकॉप्टर में प्री वेड़िग सूट करने की अनुमति दे दी।
अनुमति भी दी गई तो बीजेपी के एक स्थानिय नेता को। जशपुर जिले के स्थानिय बीजेपी नेता संकेत साय की जब प्री वेड़ीग तस्वीरें सामने आई तो लोग हैरत में पड़ गए। उन्हे एका – एक यकिन नहीं हुआ की मुख्यमंत्री का सरकारी हेलीकॉप्टर दी प्री वेड़िग सूट के काम आने लगा है। इसके साथ ही विवाद छिड़ गया है कि इसकी अनुमति अखिर किस अधिकारी ने दी । राज्य का विमानन विभाग इस माामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है। उधर इस मामले को मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक से भी जोडकर देखा जा रहा है।
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जानकारी के अनुसार पुलिस लाइन स्थित स्टेट हेंगर में भाजपा नेता की प्री वेड़िंग फोटोशूट का है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय वाहन चालक को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है।
जशपुर के भाजपा नेता संकेत साय ने अपनी पत्नी के साथ पुलिस लाइन स्थित स्टेट हेंगर में फोटोशूट कराया। कुछ दिन पहले ही संकेत की शादी हुई है। नवविवाहित दंपत्ति की फोटो वायरल होने के बाद खलबली मच गई है, और इसको सुरक्षा में गंभीर चूक माना जा रहा है।
बता दें कि भाजपा नेता संकेत साय जशपुर जिले के कुनकुरी के रहने वाले हैं। वह फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का छत्तीसगढ़ के सदस्य हैं। कांग्रेस नेता विकास तिवारी ने आरोप लगाया है कि पूर्व सीएम रमन सिंह की अभी भी इतनी दखल है कि एक भाजपा कार्यकर्ता को फोटोशूट के लिए स्टेट हेंगर खुलवा दिया गया। उन्होंने पूरे मामले पर कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस नेता विकास तिवारी की शिकायत के बाद डायरेक्टर विमानन ने प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं, विमानन विभाग के एक वाहन चालक को निलंबित कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार ड्राइवर ही दोनों को लेकर वहां पहुंचा था, और फिर वहां फोटो खिंचवाई। प्रकरण की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं।
एडिशनल डायरेक्टर कैप्टन जायसवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी से सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।