मध्यप्रदेश में विश्वास मत हासिल करते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने चीफ सेक्रेटरी को हटाया , कमलनाथ के द्वारा नियुक्त चीफ सेक्रेटरी को हटाकर इकबाल सिंह बैस पर जताया विश्वास , अब मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कर रहे है माथापच्ची , जल्द होगा मंत्रीमंडल का गठन   

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भोपाल / मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को विश्वास मत हासिल करने के बाद सबसे पहले चीफ सेक्रेटरी के पद से गोपाल रेड्‌डी की रवानगी का आर्डर साइन किया | उन्होंने इकबाल सिंह बैस को नया चीफ सेक्रेटरी नियुक्त किया है | दरअसल कांग्रेस सरकार के अल्पमत में आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी रवानगी से पूर्व चीफ सेक्रेटरी समेत कई संवैधानिक पदों पर अपने विश्वासपात्रों की नियुक्ति की थी | कार्यभार संभालते ही कमलनाथ के विश्वासपात्रों को उनके स्थानों पर भेजने की कवायत शुरू हो गई है |
 

नए चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नए डीजीपी की तलाश भी शुरू कर दी है | उन्होंने प्रशासनिक कसावट पर जोर दिया है | बताया जाता है कि जल्द ही उनके मंत्रिमंडल में वो तमाम चेहरे नजर आएंगे , जिन्होंने कांग्रेस सरकार के तख्ता पलट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी | इसके साथ ही क्षेत्रीय संतुलन बरकरार रखने के लिए नए चेहरों पर विचार विमर्श भी शुरू हो गया है | पार्टी आलाकमान से ह्री झंडी मिलते ही तमाम मंत्रियों को राजभवन में शपथ दिलाई जाएगी | सूत्रों के मुताबिक अगले हफ्ते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल के साथ जनता की अदालत में कूदने वाले है | फिलहाल उन्होंने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है | गौरतलब है कि विधानसभा में विश्वास मत हासिल करते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी प्राथमिकताएं गिना दी है |     

मंगलवार को सुबह 11 बजे मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई। हालांकि कोरोना के खौफ की वजह से कांग्रेस का एक भी विधायक सदन में नहीं पहुंचा, इसलिए शिवराज ने सर्वसम्मति से विश्वास मत जीत लिया। सभी विधायकों ने ‘हां’ कहकर विश्वास मत प्रस्ताव पारित कर दिया। इससे पहले स्पीकर एनपी प्रजापति ने इस्तीफा दे दिया था। इस वजह से विधायक जगदीश देवड़ा ने विधानसभा की कार्यवाही पूरी कराई। प्रक्रिया के बाद विधानसभा का सत्र 27 मार्च सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया है ।

मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायकों की संख्या वर्तमान में 206 है। बसपा के 2, सपा का 1 और 2 निर्दलीय विधायक हाजिर थे। अगर कांग्रेस के 92 और 2 निर्दलीय भी हाजिर रहते तो वोटिंग होती और बहुमत साबित करने के लिए भाजपा को 104 वोटाें की जरूरत पड़ती। अभी भाजपा के पास 107 विधायक हैं।  विधानसभा में 230 सीटें हैं। 2 विधायकों के निधन के बाद 2 सीटें पहले से खाली हैं। सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 विधायक बागी हो गए थे। इनमें 6 मंत्री भी थे। पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति इन सभी के इस्तीफे मंजूर कर चुके थे। इस तरह कुल 24 सीटें खाली हैं। इन पर 6 महीने में चुनाव होने हैं। शिवराज ने विश्वास मत पेश करते हुए कहा कि राज्यपाल ने सरकार को 15 दिन में बहुमत साबित करने को कहा है, इसलिए वे विश्वास मत पेश कर रहे हैं।

सोमवार की रात शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली | उन्हें राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी |  एक साल, 3 महीने और 6 दिन बाद शिवराज सिंह चौहान फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए है । जानकारी के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासनिक कामकाज निपटाने के साथ ही मंत्री मडंल में अपने सहयोगियों का ब्यौरा तैयार कर लिया है | प्रदेश प्रभारी और वरिष्ठ नेताओं से सहमति लेने के बाद वे दिल्ली का रुख करेंगे | पार्टी आलाकामन से विचार विमर्श के बाद जल्द ही मंत्री मंडल के गठन को अंतिम रूप दिया जायेगा |