छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिखाई गंभीरता , डीकेएस अस्पताल के संचालन व्यवस्था का फिर मांगा प्रस्ताव 

0
17

रायपुर / छत्तीसगढ़ में वेंटिलेटर पर आ चुकी स्वास्थ सेवाओं को चुस्त दुरुस्त और सामान्य बनाने के लिए अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ख़ुद सर्जरी करनी पड़ रही हैं | प्रदेश भर से आ रही शिकायतो को उन्होंने गभीरता से लिया हैं | इसके साथ ही उन्होंने बेहतर स्वास्थ सेवाओं की बहाली शुरू की हैं | उन्होंने वेंटिलेटर, आई.सी.यू. और ऑपरेशन कक्ष सहित सभी आपात सेवाओं को दुरूस्त करने के दिए निर्देश हैं | प्रदेश भर के अस्पतालों में समुचित व्यवस्था के संबंध में उन्होंने सभी कलेक्टर और सीएमएचओ दस दिन के भीतर प्रमाण-पत्र देने के निर्देश दिए हैं | 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने राज्य के सभी शासकीय अस्पतालों में जीवन रक्षक उपकरणों (वेंटिलेटर इत्यादि), सघन चिकित्सा कक्षों (आई.सी.यू.) और ऑपरेशन कक्षों सहित सभी आवश्यक आपात सेवाओं को दुरूस्त करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं।  बघेल ने  सरकारी अस्पतालों में आपात सेवाओं की समुचित व्यवस्था के संबंध में सभी जिलों के कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को दस दिनों के भीतर प्रमाण-पत्र भेजने को कहा है। मुख्यमंत्री ने यह कहा है कि यदि अस्पताल में उपकरण खराब या आपात व्यवस्था ठीक नहीं हैं तो वहां आने वाले गंभीर किस्म के मरीजों को समुचित व्यवस्था वाले दूसरे बड़े अस्पतालों में तत्काल रिफर किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री और मुख्य सचिव को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर रायपुर के डीकेएस अस्पताल केसंचालन व्यवस्था के प्रस्ताव के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई है | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने  डी.के.एस. अस्पताल के संचालन व्यवस्था के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति से तत्काल प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री को भी विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा डी.के.एस. अस्पताल की संचालन व्यवस्था के संबंध में अध्ययन कर विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था। समिति द्वारा अभी तक कोई प्रस्ताव प्रस्तुत नही किया गया है।लिहाजा ताजा आदेश में समय सीमा के भीतर ठोस कदम उठाने के निर्देश लिए गए हैं |