रायपुर / छत्तीसगढ़ विधाननसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को धान खरीद का मुद्दा सदन में गरमाया रहा। विपक्ष ने काम रोको प्रस्ताव के जरिये सरकार को घेरने की कोशिश की। विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार के अहंकार को बनाए रखने, उसको प्रणाम करते हुए उनकी संतुष्टि से लिए एक दिसंबर से केंद्र सरकार की निर्धारित दर पर धान खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम किसानों से किया हर वादा होगा पूरा किया जाएगा।
बघेल ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में धान खरीदी समर्थन मूल्य पर ही होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से धान खरीदी के लिए जो 1850 रूपये प्रति क्विंटल की राशि तय है। वहीं हमारी सरकार 2500 रूपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने वादा किया है, जिसे पूरा किया जाएगा, लेकिन केंद्र के नीतिगत फैसले में आ रही अड़चनों को देखते हुए अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाएगी, इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जा रहा है। इस कमेटी में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल किए गए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में विपक्षी दलों द्वारा धान खरीदी मुद्दे पर लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर हम राजनीति नहीं कर रहे है , और न ही लड़ रहे है हम केवल केन्द्र सरकार से अनुमति मांग रहे है। बघेल ने कहा कि हमारा विरोध केन्द्र सरकार का नहीं है बल्कि सरकार के सिस्टम का है। जिस केन्द्र ने दो साल तक नियम को शिथिल किया अभी उस नियम को शिथिल क्यों नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्या केवल सरकार बदलने से छत्तीसगढ़ के किसानों को सजा मिलेगी।
बघेल ने कहा कि हम केन्द्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी मिलने के लिए समय मांग चुके है। उन्होंने कहा कि पासवान ने हमारी मांगों का समर्थन किया है पर कहा है कि इसका निर्णय पीएमओ से होगा। बघेल ने भाजपा सांसदों के घेराव पर कहा कि हम सांसदों का घेराव करना नहीं चाहते थे लेकिन वे भी प्रदेश के जनप्रतिनिधि है उनकी भी जिम्मेदारी है, इसलिए हमने उन्हें याद दिलाने के लिए पहले निवेदन किया और बाद में घेराव का कार्यक्रम किया।