रायपुर / धान खरीदी को लेकर छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार और केंद्र सरकार के बीच फंसा पेंच अब सुलझ रहा है | केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार से 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने की स्वीकृति दे दी है | ये जानकारी खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दी है | उन्होंने लिखा कि ‘भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार से 24 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की स्वीकृति दे दी है. केंद्र सरकार को धन्यवाद कि उन्होंने हमारे अनुरोध पर विचार किया | उम्मीद है कि पूर्व में दिए गए आश्वासन के अनुरूप भविष्य में और भी चावल लेने की स्वीकृति दी जाएगी |’
दरअसल विवाद धान पर अतिरिक्त राशि देने को लेकर था। प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक भारत सरकार, राज्य सरकार और एफसीआई के बीच समझौते के मुताबिक कोई भी राज्य एमएसपी से ज्यादा पैसा नहीं दे सकता। इसके अलावा राज्य कुल खरीदी उतनी ही कर सकता है, जितना भारत सरकार ने आबंटित किया है। इधर, राज्य सरकार धान समर्थन मूल्य 1865 रुपए में खरीद रही है। लेकिन इसके अलावा 635 रुपए राजीव न्याय योजना के तहत किसानों को दिए जा रहे हैं। केंद्र का मानना था कि यह राशि बोनस के रूप में है, जबकि राज्य सरकार ने कहा कि यह बोनस नहीं है। यह अलग योजना के तहत किसानों को पैसा दिया जा रहा है। इसी बात को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से चर्चा की थी। केंद्र ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 17 दिसंबर को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बारे में बताया है कि वे प्रति एकड़ 10 हजार रुपए की दर से धान खरीद कर सकेंगे। ये एमएसपी से अधिक अप्रत्यक्ष प्रोत्साहन है। एक प्रकार का बोनस है। इसलिए साल 2020-21 के लिए केन्द्रीय पूल के तहत पूर्व में दी गई अनुमति के मुताबिक ही एफसीआई को 24 लाख टन चावल लेगा।
इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि खरीफ वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार द्वारा विकेंद्रीकृत उपार्जन योजना में छत्तीसगढ़ राज्य को 60 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन हेतु सैद्वान्तिक सहमति दी गई, जिसके उपरान्त राज्य सरकार ने 1 दिसंबर 2020 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ की और अब तक 12 लाख किसानों से लगभग 47 लाख टन धान का उपार्जन हो चुका है |