रायपुर : छत्तीसगढ़ की सुपर CM सौम्या चौरसिया को आज मिलेगी बेल, या फिर जाएगी जेल। रायपुर में ED की विशेष अदालत में इसका फैसला होगा ? सौम्या चौरसिया लगभग 2 हप्तो से ED के शिकंजे में है। पहले लगभग 9 दौर की पूछताछ और फिर गिरफ़्तारी के बाद दर्जन भर दिनों की ED रिमांड में सौम्या ने अपनी धूर्तता और चालाकी का जमकर परिचय दिया। उसके प्रदर्शनों से ED कई मौको पर असहज भी दिखाई दी। गरीब जनता की कमाई पर दिन -रात डाका डालने वाले भ्रष्ट अफसरों से सहानुभूति जताने वाले खेमे की धूर्तता के बावजूद केंद्रीय एजेंसियों ने पूछताछ के दौरान अवैध उगाही के स्रोतों और ब्लैकमनी के असल ठिकानो का पता लगा लिया है। जानकारी के मुताबिक ED ने अभी तक मात्र 152 करोड़ की सम्पति जप्त की है, लेकिन पड़ताल बता रही है की अवैध उगाही का पहाड़ करीब हजार करोड़ का है।
सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव और करीबी अफसर सौम्या चौरसिया ने उस शख्स का नाम अपने बयानों में दर्ज कराया है, जो पर्दे के पीछे रहकर गरीब जनता और आम आदिवासियों की गाढ़ी कमाई का असल हिस्सेदार था। उसने पूछताछ में उस शख्स का हुलिया भी साफ़ कर दिया है जो अपने कुनबे और कारोबारियों के साथ आखिर किस तरह से आम जनता और टैक्स पेयर को भी चूना लगा रहा था। बताया जाता है कि ED और उसके साथ अन्य एजेंसियां जल्द ही एक बड़ी कार्यवाही को अंजाम दे सकती है। इसके लिए विधिसंगत प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है।
सूत्र बताते है कि सौम्या के हालिया बयानों की हकीकत आने वाले दिनों राजनैतिक तूफान मचा सकती है। बताया जाता है कि लम्बी पूछताछ के बाद ED ने सौम्या को अदालत को सौंपने का मन बना लिया है। मौजूदा अपराधों की जहाँ उससे पूछताछ पूरी हो चुकी हैं वही अगले संदेहियों के काले कारनामो की तस्दीक कर आरोपी ने जाँच को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। सूत्रों का यह भी दावा है कि भ्रष्टाचार और सरकारी सिस्टम को जाम करने वा लीक से हटकर कार्य करने वाले नए आरोपी नए साल में कानून की चौखट पर नजर आ सकते है।
छत्तीसगढ़ की सुपर CM और ”भ्रष्टाचार की मूर्ति” की शोभा यात्रा की तैयारी जोर -शोर से चल रही है। रायपुर कलेक्टर कार्यालय और अदालत परिसर से लेकर सेंट्रल जेल तक खाकी वर्दी पहने कानून के रखवाले सुरक्षा को लेकर एड़ी – चोटी का जोर लगा रहे है। बताया जाता है कि शोभा यात्रा में कई दिग्ग्गज अधिकारियो की तैनाती की गई है। जेल मार्ग तक शोभा यात्रा को सुगमता पूर्वक ले जाए जाने के लिए उन पत्रकारों को ठिकाने लगाने का प्लान भी तैयार किया गया है, जो भ्रष्टाचार की मूर्ति का करीब से विश्लेषण करते है। उधर सेन्ट्रल जेल में भी भ्रष्टाचार के सौम्य चेहरे के लिए स्वागत सत्कार की पूरी तैयारी की गई है। जेल मैनुअल को धत्ता बताकर यहाँ तैनात कुछ वर्दीधारी ”स्वामी भक्ति” में अपनी नौकरी भी दांव पर लगाने का दम भर रहे है। हालांकि मामले की नजाकत को देखते हुए जेल विभाग के कई वरिष्ठ अफसर कानून का हवाला देकर आम बंदियों की तर्ज पर ही भ्रष्टाचार की मूर्ति का रख -रखाव करने के निर्देशों पर कायम बताये जा रहे है।
एक अनुमान के अनुसार छत्तीसगढ़ में रोजाना करोडो की ब्लैकमनी का उत्पादन हो रहा है। जनचर्चा है कि हर माह समस्त स्रोतों से भ्रष्टाचारियो का गिरोह करीब 800 करोड़ की अवैध उगाही को अंजाम देता था। बताया जाता है कि एजेंसियों ने छापेमारी के बाद जांच में पाया था कि कोल माफिया सूर्यकान्त तिवारी अकेले 2 से 3 करोड़ पर हाथ साफ़ करता था। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता था कि गिरोह के सरगना की रोजाना कमाई कितनी होगी ? बताया जाता है कि इस गिरोह में सौम्या चौरसिया के आलावा कई राजनैतिक शख़्सियते और उस पर आश्रित कारोबारी और खेती किसानी से जुड़े लोग शामिल है।
सूत्रों का दावा है कि अपनी बुजुर्ग माँ और भाइयो समेत अन्य परिजनों के नामो पर खरीदी गई अनुपातहीन संपत्ति और ब्लैकमनी के निवेश की पूरी दास्तान सौम्या ने ED से साझा की है। उसने ED के कई आरोपों को सिरे से ख़ारिज भी किया है। हालांकि दस्तावेजी प्रमाणों के आधार पर एजेंसियां उन मामलो की तहकीकात में जुटी है। सूत्रों ने बताया कि सौम्या से पूछताछ के बाद अगली कड़ी में कलेक्टर रानू साहू और उसकी माया नगरी की असलियत भी सामने आ सकती है। इसकी खोजबीन जारी है। फिलहाल जनता की निगाहें सौम्या चौरसिया के बढ़ते कदमो पर टिकी हुई है। उसे अदालत में पेश किये जाने की बेला के बीच मिलेगी बेल या फिर सौम्या जाएगी जेल, यह देखना गौरतलब होगा।