छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग आम जनता की बना जान का दुश्मन, अफसरों के काले कारनामों और घोटालों के उजागर होने के बाद क़ानूनी कार्यवाही की मांग से गरमाई राजनीति, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- अफसर को सूली पर तो नहीं लटका सकता ? तीखी तकरार…

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रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सिर्फ बीजेपी के नाम सिर चढ़ कर बोल रहा है। बीते 5 सालों में अरबों के भ्रष्टाचार को लेकर सदन सरगर्म है। विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह को सत्ताधारी दल के विधायकों को आपे में रहने के साथ-साथ नरम तेवर अपनाने के लिए कई मौकों पर जोर देना पड़ रहा है। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेसी विधायक सदन में सिर्फ हाथ मल रहे है, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार गवाने के बाद सदन में भी उनकी बोलती बंद है। जबकि बीजेपी विधायक मुखर होकर अपनी ही सरकार को घेरने में कामयाब नजर आ रहे है। ऐसे विधायकों के तेवर और अंदाज-ए-बयां जनता के बीच खूब लोकप्रियता बटोर रहे है। 

ताजा मामला स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भारी-भरकम भ्रष्टाचार का है। विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग की ज्यादातर योजनाएं भ्रष्टाचार की भेट चढ़ने के चलते जनप्रतिनिधियों के निशाने पर है। इस विभाग की गैर-क़ानूनी गतिविधियों से जुड़े सवालों की सदन में झड़ी लगी है। स्वास्थ्य मंत्री से किये गए सवालों के जवाबों को लेकर सदन सरगर्म है। विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत सीजीएमएससी में दवा खरीदी में हुई अनियमितता और धांधली का मुद्दा गूंजा है।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने अपने ही सरकार के मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को प्रश्नकाल में घेर लिया। इस दौरान दोनों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। मंत्री और विधायक का आमना-सामना अब सुर्ख़ियों में है। सवाल-जवाब के दौर में विधायक चंद्राकर ने मंत्री से कहा, भाषण मत दीजिए प्रश्न का उत्तर दीजिए। इसके कुछ देर बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, अब मंत्री को अधिकार नहीं है कि जांच करके अफसर को सूली पर लटका दें।

हालांकि मंत्री ने रिएजेंट खरीदी में गड़बड़ी स्वीकार करते हुए कहा कि सप्लायर और अधिकारियों की मिलीभगत से गड़बड़ी हुई है। सदन में तीखी नोक-झोंक के बीच मंत्री श्याम बिहारी को बीच में टोकते हुए विधायक चंद्राकर ने अपने ही अंदाज में कहा, अरे भाषण मत दीजिए प्रश्न का उत्तर दीजिए। सवाल-जवाब के दौरान आमने-सामने की यह नोकझोंक कुछ देर तक जारी रही। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विधायक अजय चंद्राकर से कहा कि, आप धैर्य से बैठिए, जवाब सुनिए।

सदन में सवाल करते हुए विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा था कि विभाग में कितनी डिमांड थी, कितना बजट था और कितनी सप्लाई हुई ? इस पर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि 120 करोड़ का बजट था, 108 करोड़ आवंटन हुए थे और 385 करोड़ की खरीदी हुई है। इस जवाब पर विधायक चंद्राकर ने फ़ौरन मंत्री को घेर लिया। उन्होंने सवाल किया कि जब बजट नहीं था और खरीदी हुई ? तो अफसरों पर क्या कार्रवाई हुई? इस पर मंत्री ने जवाब में बताया कि इन्हीं गड़बड़ियों के चलते सबसे बड़ी कार्रवाई की। सप्लाई करने वाला जेल में है, 15 अधिकारियों के खिलाफ एनओसी दी है। ईओडब्ल्यू जांच कर रही है।  

एक प्रश्न के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को बताया कि मोहित कांरिनसे 8 से 10 गुना में खरीदी हुई है। अभी तक 700 उपकरण चालू नहीं है। उन्होंने वर्ष सामग्री खरीदी की जानकारी वी और बताया कि वर्ष 2023-24 में 385 करोड़ का क्रय आदेश जारी किया गया था। इसमें से 47 करोड़ का भुगतान हो गया है। 338 करोड़ का भुगतान अभी बाकी है। स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियों से जुड़े इस सवाल का जवाब करीब 1247 पन्नों में दिया गया था।

फ़िलहाल, शनिवार-रविवार सदन की कार्यवाही स्थगित है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मौजूदा सत्र की कार्यवाही से जुड़ी विशेष प्रसारण व्यवस्था से अब आम मतदाता भी माननीय विधायकों और मंत्रियों के कामकाज से रूबरू हो रहे है। उन्हें सदन की कार्यवाही को जानने-बुझने के अलावा उनके इलाकों के नेतृत्व से वाकिफ होने का मौका मिल रहा है। माना जा रहा है कि सोमवार से एक बार फिर सत्र की हंगामेदार शुरुआत हो सकती है।