छत्तीसगढ़ के FIR मंत्री पर कसेगा क़ानूनी शिकंजा ? अदालत में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की गुहार , कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ , कोरोना टेस्ट वाली घटिया रैपिड किट की खरीदी का मामला , जांच में गलत रिजल्ट देने से भी फैला कोरोना , एंटीजन टेस्ट में कई स्वस्थ व्यक्तियों को भी कोरोना संक्रमित बताया गया , मरीजों की मौत और पीड़ितों को मानसिक आघात पहुंचने के मामले में मुआवजे की मांग

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रायपुर / छत्तीसगढ़ के FIR मंत्री टीएस सिंहदेव पर क़ानूनी शिकंजा कस सकता है | इसके लिए कोरोना मरीजों के साथ साथ उन लोगों ने कार्रवाई की गुहार लगाई है , जिन्हे एंटीजन टेस्ट में कोरोना संक्रमित बताया गया था | जबकि लैब में होने वाले RTPCR   टेस्ट में ऐसे मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई | बताया जाता है कि एंटीजन टेस्ट के गलत नतीजों के चलते सैकड़ों व्यक्तियों को मानसिक आघात पहुंचा था | जब तक कि उनकी RTPCR  टेस्ट रिपोर्ट नहीं आई , तब तक ऐसे व्यक्ति घोर मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजरे | यही नहीं कई संक्रमितों की रिपोर्ट RTPCR   टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई | जबकि एंटीजन टेस्ट में उनकी रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई थी |

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने एंटीजन टेस्ट किट की खरीदी के दौरान इसकी गुणवत्ता का दावा किया था | उन्होंने महंगी एंटीजन किट की खरीदी पर अपनी मुहर लगाते हुए यह भी कहा था कि चीन निर्मित एंटीजन किट की तुलना में राज्य में खरीदी गई एंटीजन किट की गुणवत्ता काफी प्रभावशील है | यही नहीं उन्होंने यह भी दावा किया था कि इसके रिजल्ट विश्वसनीय और सटीक है | जबकि सैकड़ों संक्रमितों के सही रिजल्ट नहीं देने से राज्य में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला | स्वास्थ्य मंत्री के तमाम दावे उस समय खोखले साबित हुए जब एंटीजन टेस्ट वाली “टीएस सिंहदेव किट” के नतीजे फेल हो गए | RTPCR टेस्ट ने “राजा साहब” की हकीकत जनता के सामने ला दी |

सांकेतिक तस्वीर 

बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में आपूर्ति की गई एंटीजन किट में गड़बड़ी की शिकायते शुरुआती दौर से ही सामने आने लगी थी | इस दौरान न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने इसकी गुणवत्ता और खरीदी प्रक्रिया में गड़बड़ी का खुलासा कर समाचार प्रकाशन किया था | नतीजतन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने एक कार्यकर्ता के जरिये न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ के खिलाफ फेक न्यूज़ फ़ैलाने का आरोप लगाते हुए बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज करवाई थी | इस मामले में न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने रैपिड एंटीजन किट की खरीदी प्रक्रिया से जुड़े तमाम वैधानिक दस्तावेज अदालत के संज्ञान में लाये थे | न्यूज़ टुडे की यह खबर उस वक्त सोलह आने सच साबित हुई , जब एंटीजन टेस्ट के कई नतीजे फेल हुए |

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन ने आखिरकर खरीदी गई एंटीजन किट में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद आपूर्तिकर्ता कंपनी को तलब किया | बताया जाता है कि 27 नवंबर 2020 को सप्लायर कंपनी माय   लैब के टेक्नीशियन और मार्केटिंग स्टाफ ने रायपुर में CGMSC के अधिकारियों से मुलाकात की थी | माय लैब कंपनी के स्टाफ ने रायपुर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में राज्य के विभिन्न जिलों से लौटाई गई किट की रेंडम जांच भी की थी | जानकारी के मुताबिक माय लैब कंपनी से पांच लाख किट खरीदी गई थी | इनमे से एक लाख से ज्यादा के लॉट वाली किट गुणवत्ताविहीन और उसके नतीजे फेल रहे | यह भी बताया जा रहा है कि खराब नतीजों वाली घटिया किट की प्रमाणिकता के बावजूद जिम्मेदार अधिकारीयों के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कोई कार्रवाई नहीं की | बल्कि मामले को रफा-दफा करने के लिए किट वापसी और रिप्लेसमेंट का राग छेड़ दिया |

सांकेतिक तस्वीर 

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रफ़्तार अभी भी जोरों पर है | राज्य में अभी तक कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 2 लाख 61 हजार 901 पहुंच चुकी है | जबकि इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा 3145 पहुंच गया है | वर्तमान में एक्टिव मरीजों की संख्या 17468 है | जबकि ठीक हुए मरीजों की संख्या 2 लाख 41 हजार 288 है | जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा खरीदी गई एंटीजन टेस्ट में लक्षण वाले मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने से भी तेजी से कोरोना फैला | जबकि RTPCR टेस्ट में “टीएस सिंहदेव किट” के नतीजे फेल पाए गए | फ़िलहाल छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के फैलाव मरीजों के बेमौत मारे जाने और घटिया एंटीजन किट की खरीदी की जिम्मेदारी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की गुहार अदालत से लगाई गई है | इसमें पीड़ितों को न्याय के साथ मुआवजा देने की भी अदालत से प्रार्थना की गई है | इस मामले को लेकर न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य मंत्री से प्रतिक्रिया लेनी चाही | मुख्यालय से बाहर होने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पाया |

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