रायपुर /दिल्ली – देश में लाखों लोगों की श्रद्धा से जुड़े राम मंदिर के निर्माण के लिए..वीएचपी-आरएसएस सहित कई संगठन चंदे के जरिए राशि जुटा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी 14 जनवरी से समर्पण राशि जुटाने का अभियान जारी है। इसी बीच भूपेश बघेल ने चंदा अभियान पर सवाल उठाया था | लेकिन राज्य सरकार की ओर से चीफ सेक्रेटरी ने राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट को पत्र लिखा है और पूछा है कि ’चंदे के लिए कौन-कौन अधिकृत है? इस पर बीजेपी ने कहा था कि धन संग्रहण की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है। अगर गड़बड़ी हुई है, तो सरकार कार्रवाई करे , जबरन भ्रम ना फैलाएं। लेकिन अब राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन के उस पत्र को लेकर नौकरशाही हैरत में है , जिसमे उन्होंने चंदा ले रहे ट्रस्ट और लोगों की जानकारी देने की मांग की है |
यह पत्र श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय को संबोधित किया गया था | सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि केंद्र ने चीफ सेक्रेटरी के इस कदम को काफी गंभीरता से लिया है | दरअसल मुख्यमंत्री बघेल ने बिलासपुर जिले में राम मंदिर के लिए लिए जा रहे चंदे को लेकर दर्ज किये गए एक आपराधिक प्रकरण का हवाला देते हुए बीजेपी पर हमला किया था | इसी दौरान चीफ सेक्रेटरी की ओर से जारी एक पत्र सुर्ख़ियों में आया | अब इस पत्र को लेकर कहा जा रहा है कि चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन ने अपने अधिकारों से बाहर जाकर यह पत्र लिखा है | इस पत्र की MHA में काफी चर्चा है |
बताया जाता है कि बिलासपुर में एक महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा । महिला पर कथित आरोप है कि वो फर्जी रसीद छपवाकर राम मंदिर के नाम पर लोगों से चंदा वसूल रही थी। मामला सामने आने के बाद राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने चंदे के नाम पर अवैध वसूली और फर्जीवाड़े का जिक्र करते हुए चंपत राय को पत्र लिखकर पूछा है कि छत्तीसगढ़ में सहयोग राशि को इकट्ठा करने के किए कौन-कौन अधिकृत है? इसकी जानकारी मुहैया कराई जाए, जिससे मंदिर निर्माण के नाम पर किए जा रहे अवैध वसूली पर रोक लगाई जा सके। राम मंदिर के चंदे पर राज्य सरकार के सवाल पूछने पर पर विपक्ष ने कांग्रेस के चरित्र पर ही सवाल उठाया था । इसके साथ ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया था |
बताया जा रहा है कि पब्लिक एंड चेरिटेबल ट्रस्ट को लेकर जिला कलेक्टर अधिकृत है | लिहाजा बिलासपुर में दर्ज मामले या फिर इस संबंध में किसी भी जानकारी के लिए बिलासपुर कलेक्टर अधिकृत है | यही नहीं दर्ज अपराध को लेकर बिलासपुर पुलिस अधीक्षक का पत्र लिखा जाना भी लाजमी है | यही नहीं पब्लिक एंड चेरिटेबल ट्रस्ट को लेकर अपीलीय अधिकारी भी सचिवालय में मौजूद है | लेकिन चीफ सेक्रेटरी इस मामले आखिर कैसे कूद पड़े ? चीफ सेक्रेटरी का इस तरह का पत्र लिखना काफी हैरत भरा बताया जा रहा है | कुछ अफसर तो इस पत्र को कांग्रेस की राजनीति से जोड़कर देख रहे है |
छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के अलावा MHA के कई अफसर भी सीएस के पत्र को लेकर हैरानी जता रहे है | आखिर किस नियम के तहत चीफ सेक्रेटरी ने यह पत्र लिखा है , इसे लेकर माथापच्ची हो रही है | कहा जा रहा है कि इसी नियम को लेकर शो कॉस नोटिस की अटकले लगाई जा रही है | उधर कहा जा रहा है कि चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन काफी अनुभवी अधिकारी है | उनकी कार्यशैली से परिचित अधिकारियों की दलील है कि साहब ने राजनैतिक दबाव में नहीं बल्कि सोच समझकर ही यह पत्र लिखा होगा |