Saturday, September 21, 2024
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रेड अलर्ट, छत्तीसगढ़ टीचर ट्रांसफर स्कैम: कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर की गिरफ्तारी के आसार, कभी भी धर-दबोच सकती है पुलिस, अग्रिम जमानत ख़ारिज होते ही राजनैतिक गलियारा सरगर्म……         

रायपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर की मुश्किलें बढ़ गई है। टीचर ट्रांसफर स्कैम में पूर्व मंत्री की अग्रिम जमानत याचिका बालोद जिला अदालत से ख़ारिज होने के बाद राजनैतिक गलियारा गरमाया हुआ है। पूर्व मंत्री अकबर की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस सक्रिय बताई जा रही है, रेड अलर्ट जारी बताया जा रहा है। यह भी चर्चा है कि मोहम्मद अकबर कभी भी पुलिस के हत्थे चढ़ सकते है। दरअसल, राज्य की बीजेपी सरकार ने साफ़ कर दिया है कि आरोपी कितना भी प्रभावशील क्यों न हो ? कानून सबके लिए एक है, और वो अपना कार्य कर रहा है। सूत्र तस्दीक करते है कि पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर कभी भी गिरफ्तार किये जा सकते है। उनकी अग्रिम जमानत ख़ारिज होने के बाद पीड़ित परिवार सबूतों के साथ छेड़छाड़ और मामला रफा-दफा करने के लिए किसी भी हद तक दबाव बनाये जाने का अंदेशा जाहिर कर रहा है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस, आरोपी अकबर पर अपना शिकंजा कस सकती है।

राज्य के कई जिलों में आज भी सैकड़ों शिक्षक ‘टीचर ट्रांसफर स्कैम’ का दंश भोग रहे है। पूर्ववर्ती भूपे सरकार के कार्य काल में हज़ारों शिक्षकों से ट्रांसफर के नाम पर अवैध वसूली की गई थी। मामले के खुलासे के बाद हरकत में आई तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कई ट्रांसफर सूची रोक दी थी। घोटाले के जांच के निर्देश भी दिए थे। लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता, हाथ से चले गई। नतीजतन कई मामले रफा-दफा कर दिए गए, तो कई प्रकरणों में अधिकारियों पर गाज भी गिरी। बावजूद इसके शिक्षकों की मोटी रकम की भरपाई नहीं हो पाई। यही नहीं उनकी शिकायते भी नक्कार खाने में तूती की आवाज की तरह दबकर रह गई थी।

इस बीच पीड़ित शिक्षकों ने मौत को गले लगाना शुरू कर दिया है। बालोद जिले में एक शिक्षक ने फांसी लगाने से पहले बाकायदा चिट्ठी लिखकर अपनी तकलीफ से राज्य सरकार और पुलिस को अवगत कराया है। इस मामले में पुलिस ने मोहम्मद अकबर समेत अन्य तीन लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है। इस मामले में आरोपी मोहम्मद अकबर ने पुलिस की कार्यवाही को गैर-क़ानूनी बताते हुए अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। बालोद जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई के बाद याचिका ख़ारिज कर दी गई है। इसके साथ ही राजनैतिक गलियारा गरमा गया है। नेताओं से लेकर प्रशासनिक हलकों में पूर्व मंत्री अकबर के गिरफ्तारी के आसार व्यक्त किये जा रहे है।

सूत्र तस्दीक कर रहे है कि पीड़ित परिवार को संभावित खतरे से बचाने के लिए आरोपियों की फ़ौरन गिरफ्तारी सुनिश्चित है। गवाहों को प्रभावित करने का खतरा मंडराने लगा है। लिहाजा आम नागरिकों पर जिस तरह से कानून प्रभावशील होता है, इसी तर्ज पर पूर्व मंत्री को लेकर भी कानून अपना कार्य करेगा। पुलिस के कई अधिकारी भी यही अंदाज में अपना मत जाहिर कर रहे है। उनके मुताबिक अग्रिम याचिका ख़ारिज होने के बाद पुलिस के बंधे हाथ खुल गए है। हरी झंडी मिलते ही कानून अपना कार्य करेगा, फ़िलहाल रेड अलर्ट जारी है। उधर, यह भी बताया जाता है कि मामला संज्ञान में आते ही राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार की गुहार पर फौरी कार्यवाही कर अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए थे। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपे बघेल सरकार के कार्यकाल में अंजाम दिए गए टीचर ट्रांसफर घोटाले की परते अब उखड़ने लगी है।

जानकारी के मुताबिक प्रदेशभर में ट्रांसफर के नाम पर प्रभावशील नेताओं ने कई शिक्षकों से लाखों रुपये वसूल कर लिए थे। लेकिन उनका ट्रांसफर नहीं हुआ था। इस मामले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह का नाम सुर्ख़ियों में रहा है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के मंत्री मंडल से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। पीड़ित शिक्षक अपनी गाढ़ी कमाई लुटे जाने को लेकर तनाव में गुजर-बसर कर रहे थे। बताते है कि बिलासपुर संभाग में विवादों के बाद शिक्षकों की ट्रांसफर सूची रद्द कर दी गई थी। यही हाल प्रदेश के कई जिलों का था।

ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर कांग्रेस राज में शिक्षकों से हुई अवैध वसूली अब उनके परिवारों पर भारी पड़ रही है। बालोद में एक शिक्षक ने हाल ही में आत्महत्या कर ली। उसने अपने सुसाइड नोट में मौत के लिए पूर्व मंत्री अकबर समेत अन्य तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। इस सनसनीखेज घटना के सामने आने के बाद पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर के खिलाफ थाना दांडी जिला बालोद में अपराध क्रमांक 53/ 20 24 अंतर्गत धारा 108 ,3 (5) भारतीय न्याय संहिता अधिनियम से संबंधित मामले में अपराध दर्ज किया गया था।

बताया जाता है कि मोहम्मद अकबर की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका में उन्हें घसीटे जाने पर आपत्ति जाहिर की गई थी। अकबर ने प्रकरण को झूठा बताते हुए उनके खिलाफ साजिश बताया था। अदालत में आरोपी की ओर से अनिमेष तिवारी अधिवक्ता द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया था। सुनवाई के बाद याचिका ख़ारिज कर दी गई है, जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस एल नवरत्न के द्वारा मामला गंभीर प्रकृति का होने एवं प्रारंभिक स्तर पर आवेदक को अग्रिम जमानत का लाभ दिए जाने पर साक्ष्य को प्रभावित किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया गया है। अतः मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुएा आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ दिए जाने से अदालत ने इंकार कर दिया है।

बताते है कि मोहम्मद अकबर की ओर से प्रस्तुत आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 482 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया है। फ़िलहाल बीजेपी की ओर से इस मामले को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। उधर कांग्रेसी पुलिस के क़दमों का इंतज़ार कर रहे है। यह देखना गौरतलब होगा कि आम आरोपियों की धर पकड़ को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस जिस तरह से सक्रियता दिखाती है, वही चुस्त-दुरुस्ती इस मामले में भी नजर आएगी या नहीं।

Bureau Report
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PUBLISHER/DIRECTOR/EDITOR – SUNIL NAMDEO, ADDERESS – NEAR SHWETA SCHOOL,NEW RAJENDRA NAGAR , RAIPUR CG 492001 , MOBILE NO.- 9993938461
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