रायपुर / छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से जारी एक प्रेस नोट में सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2019 हिन्दी विषय में अनुपस्थित अभ्यर्थी को साक्षात्कार हेतु चिन्हांकित किए जाने की शिकायत पूरी तरह से झूठी और निराधार पाए जाने का दावा किया है। लोक सेवा आयोग के परीक्षक नियंत्रक ने उक्त शिकायत विस्तृत जांच परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों के उपस्थिति पत्रक एवं अन्य संधारित रिकार्ड और केन्द्राध्यक्ष, वीक्षकों के बयान के आधार पर शिकायत की जांच का दावा किया । बताया गया है कि परीक्षा से संबंधित रिकार्ड एवं बयान के आधार पर शिकायत कर्ता वीरेन्द्र कुमार पटेल द्वारा की गई शिकायत पूर्णतः असत्य और निराधार पाई गई है। परीक्षा नियंत्रक ने अपने जांच प्रतिवेदन में दस्तावेजों एवं बयान के आधार पर इस शिकायत को तथ्यहीन और निराधार बताते हुए इस शिकायत को नस्तीबद्ध किए जाना प्रस्तावित किया है।
गौरतलब है कि उक्त शिकायत सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2019 हिन्दी विषय के अभ्यर्थी वीरेन्द्र कुमार पटेल द्वारा की गई थी। जिसका रोल नंबर 190204103691 था। उसने उक्त परीक्षा में अनुपस्थित अभ्यर्थी अनुक्रमांक 190204103692 का साक्षात्कार सूची में नाम आने संबंधी शिकायत की गई थी। उसने अपनी शिकायत में इस बात का भी उल्लेख किया था कि उसके पीछे बैठे परीक्षार्थी जिसका रोल नंबर 190204103692 था। ठंड से बचने के लिए उसके पीछे की सीट जिसका अनुक्रमांक 190204103693 था, वीक्षक से अनुमति लेकर वहां जाकर बैठ गया। उसने परीक्षा कक्ष में परीक्षार्थियों की वीडियोग्राफी कराए जाने का भी उल्लेख अपनी शिकायत में किया था।
शिकायतकर्ता वीरेन्द्र कुमार पटेल की उक्त शिकायत के संबंध में लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक द्वारा आज 01 फरवरी को शिकायतकर्ता सहित केन्द्राध्यक्ष श्रीमती सरला लालवानी, वीक्षक श्रीमती सपना नायडू, श्रीमती इन्द्रजीत कौरसेठी, श्रीमती रजनी कुशवाहा एवं विशाल अहुजा के बयान लिए गए | केन्द्राध्यक्ष सहित सभी वीक्षकों ने अपने बयान में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि सभी परीक्षार्थी परीक्षा के दौरान निर्धारित स्थान पर बैठे थे। किसी भी परीक्षार्थी को स्थान परिवर्तन की अनुमति नहीं दी गई और न ही किसी परीक्षार्थी के द्वारा स्थान परिवर्तन किया गया है। परीक्षा केन्द्र में वीडियोग्राफी नहीं कराई गई। शिकायतकर्ता वीरेन्द्र कुमार पटेल द्वारा की गई शिकायत पूरी तरह झूठी और निराधार है। परीक्षा नियंत्रक ने अपने जांच प्रतिवेदन में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि आयोग द्वारा साक्षात्कार हेतु चिन्हांकित लिखित परीक्षा परिणाम में अनुपस्थित अभ्यर्थी का अनुक्रमांक नहीं दर्शाया गया है। शिकायतकर्ता वीरेन्द्र कुमार पटेल के ठीक पीछे वाले अभ्यर्थी जिसका अनुक्रमांक 190204103692 है, उसका नाम चिन्हांकन सूची में नहीं है क्योंकि वह परीक्षा में अनुपस्थित था। आयोग द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं है।