बस्तर मूल सर्व आदिवासी समाज का छ.ग. के सुकमा जिला मुख्यालय में 3 सूत्री मांगों को लेकर जबरदस्त रैली व सभा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम पूर्व सांसद सोहन पोटाई मनीष कुंजाम सहित आदिवासी नेताओं ने भरा बीते दिन हुंकार, धर्म परिवर्तन को लेकर एक मंच पर दिखे सभी राजनीतिक नेता

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रिपोर्टर- रफीक खांन

सुकमा / छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला मुख्यालय में बीते दिन धर्म परिवर्तन को लेकर बस्तर के मूल सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले विशाल एवंम जबरदस्त रैली सभा का आयोजन किया गया । इस रैली एवं सभा में बस्तर संभाग के सर्व आदिवासी समाज के सैकड़ों दिग्गज नेता सामाजिक कार्यकर्ता पदाधिकारी शामिल हुए । ज्ञात हो कि बीते दो दशक के आसपास से छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्रों में धर्म परिवर्तन चरम पर हैं । जिसको लेकर अब तक की यह सबसे बड़ी सर्व आदिवासी समाज की एकजुटता एवं आयोजित रैली को देखा जा रहा है । बस्तर मूल सर्व समाज ने अपनी 3 सूत्री मांग जिसमें । मूलनिवासी आदिवासी समाज पिछड़ा वर्ग के लोगों को जबरन प्रलोभन देकर शामिल कर ईसाई धर्म द्वारा आदिवासी समाज के देवी देवताओं को परेशान करने वाले जो कि अन्य राज्यों से यहां आकर धर्म प्रचार करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई करने ।

धर्मांतरण पर ग्राम के सियान गायता पेरमा पुजारी पटेल सरपंच आदि समाज के प्रमुखों पर जो कानूनी केस दर्ज किए गए हैं उन्हें शून्य घोषित करने । और समाज व ग्राम सभा के द्वारा कार्रवाई किए जाने पर ऐसे लोगों पर केस दर्ज होने की मांग प्रदेश के मुख्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपा गया । इस दौरान आदिवासी समाज के प्रांतीय संरक्षक पूर्व सांसद सोहन पोटाई पूर्व केंद्रीय मंत्री रहें अरविंद नेताम पूर्व विधायक मनीष कुंजाम राजाराम तोड़ेम धनीराम बारसे पोज्जा राम मरकाम वेक्को हूंगा संजय सोड़ी सहित आधे दर्जन जिलों के सैकड़ों आदिवासी समाज के पदाधिकारियों तथा पच्चीस हजार के आसपास आदिवासी समाज के ग्रामीण उपस्थित थे ।

आदिवासीयों को गुमराह करने वालों की खैर नहीं – अरविंद नेताम

सभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने धर्मांतरण पर जमकर हमला बोला । उन्होंने कहा कि जिसे जो धर्म मानना है जिस संस्कृति का पालन करना है करें । उससे एतराज नहीं है । लेकिन हमारे आदिवासी भाइयों को गुमराह कर यदि कोई धर्मांतरण की कोशिश करेगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे । उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की आस्था प्राचीन सभ्यता संस्कृति व धर्म पर है । इस पर उंगली उठाने वालों को स्वीकार नहीं किया जाएगा । उन्होंने कहा कि एक ही संविधान में एक ही व्यक्ति को दो-दो आरक्षण का लाभ दिए जाने का भी आरोप लगाया गया ।

हिंदू करण भी आदिवासी संस्कृति के लिए खतरा – मनीष कुंजाम

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मनीष कुंजाम ने कहा कि आदिवासियों का धर्मांतरण केवल ईसाई धर्म से ही नहीं है बल्कि हिंदूकरण से भी है । हिंदू करण से भी आदिवासी संस्कृति को खतरा है । हिंदू धर्म में मनाने वाले सभी त्योहार आदिवासियों के राजा और देवी-देवताओं के हत्या का जश्न है । महिषासुर और दुर्गा के संबंध में बयान देने पर मेरे खिलाफ बस्तर के विभिन्न थानों में एफ आई आर दर्ज है । आदिवासी संस्कृति में बस्तर के अंदर हर गांव में गाय की बलि देना अनिवार्य है । आदिवासी संस्कृति और सभ्यता है जिसे इनकार नहीं किया जा सकता । मनीष कुंजाम ने कहा कि आदिवासी इलाकों में पांचवी अनुसूची के लिए प्रावधान है । जिसका पालन नहीं होता । छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल्य राज्य है लेकिन पैसा कानून के नियम लागू नहीं होते हैं ।

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