रायपुर। छत्तीआसगढ़ के चर्चित मदनवाड़ा कांड में न्या यिक जांच आयोग की रिपोर्ट सरकार आज बुधवार विधानसभा में पेश की गई। मुख्य मंत्री भूपेश बघेल ने रिपोर्ट पर सरकार की तरफ से की गई कार्यवाही से सदन को अवगत कराया। आयोग की जांच रिपोर्ट में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
आयोग रिपोर्ट के मुताबिक आईपीएस मुकेश गुप्ता घटना के दौरान अगर बुद्धिमता दिखाई होती तो शायद ही नतीजा कुछ और ही होता। इतना ही नहीं आयोग ने जांच रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया है कि आईपीएस मुकेश गुप्ता ने नक्सलियों से मुकाबला के लिए एसपी विनोद चौबे को आगे भेज दिया और खुद अपनी बुलेटप्रूफ कार में बैठा रहा। उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया जैसा कि उसके पुरस्कार के उद्धरण में लिखा गया है।
read also – ऑफलाइन परीक्षाओं को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान , पढ़े पूरी खबरे
बता दें कि कांग्रेस ने सत्ताे में आने के बाद करीब दो वर्ष पहले इस मामले की न्याोयिक जांच के आदेश दिए थे। जांच की जिम्मेादारी इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव को सौंपी गई थी। राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा में तत्कािलीन एसपी वीके चौबे सहित 29 जवान 2009 में नक्सिली मुठभेड़ में बलिदान हो गए थे।
जांच आयोग ने पिछले महीने फरवरी 2022 में ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। अब इसे विधानसभा में पेश किया जा रहा है। बता दें कि राजनांदगांव के नक्स ल प्रभावित मदनवाड़ा स्थित पुलिस के कैंप के दो जवानों की नक्स लियों ने गोली मार कर हत्याो कर दी थी। घटना 12 जुलाई 2009 की है।
read also – सगी बहन को सौतन बनाना चाहती है पत्नी ,जीजा ने साली को किया गर्भवती अब परिजन परेशान,और पुलिस हैरान
इस घटना के बाद तत्का लीन एसपी वीके चौबे फोर्स के साथ घटनास्थ ल के लिए रवाना हुए तो नक्सटलियों ने घात लगाकर पूरी टीम पर हमला कर दिया। इस घटना में एएपी सहित करीब 29 जवान बलिदान हो गए थे। इस घटना को लेकर काफी विवाद हुआ। पुलिस के ही आला अफसरों पर आरोप लगे, लेकिन मामला शांत हो गया, लेकिन 2018 में सत्ताु में आने के बाद कांग्रेस ने इस मामले की न्याोयिक जांच कराने का फैसला किया।
इस घटना के बाद तत्कायलीन एसपी वीके चौबे फोर्स के साथ घटनास्थ ल के लिए रवाना हुए तो नक्सटलियों ने घात लगाकर पूरी टीम पर हमला कर दिया। इस घटना में एएपी सहित करीब 29 जवान बलिदान हो गए थे। इस घटना को लेकर काफी विवाद हुआ। पुलिस के ही आला अफसरों पर आरोप लगे, लेकिन मामला शांत हो गया, लेकिन 2018 में सत्ताु में आने के बाद कांग्रेस ने इस मामले की न्याोयिक जांच कराने का फैसला किया