
रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सड़कों पर उतर कर नकली और नशीली दवाओं के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। उनके दौरे कार्यक्रम को लेकर मेडिकल कारोबारियों की सांसे फूली हुई है। ग्राहकों-मरीजों, पीड़ितों की समस्याओं से रूबरू होने के साथ ही मौके पर ही जरुरी कदम उठाये जाने के उनके फरमानों को लेकर सरकारी अमले में भी हड़कंप है। नकली और नशीली दवाओं के गोरखधंधे में शामिल कारोबारी भी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की सक्रियता को लेकर पसोपेश में देखे जा रहे है। ताजा जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद औषधि परीक्षण विभाग भी हरकत में आ गया है। यहाँ परिक्षण के दौरान अमानक साबित हुई दवाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने की मुहीम ने जोर पकड़ लिया है।

जानकारी के मुताबिक मंत्री के निर्देश के बाद 3 दवाओं को राज्य में प्रतिबंधित कर दिया गया है। विल्डमेड टैबलेट (बैच नं. VGT 242068A) – निर्माता: वृंदावन ग्लोबल, सोलन (हि.प्र.), रिफलीवे एम टैबलेट (बैच नं. HG 24080598) – निर्माता: आई हील फार्मास्युटिकल्स, बद्दी (हि.प्र.) और डोंलोकैर डी एस सस्पेंशन (बैच नं. DCN-002) – निर्माता: क्विक्सोटिक फार्मा, मोहाली (पंजाब) को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। प्रदेश के बाजारों में इन दवाओं की खरीदी बिक्री पर रोक लगा दी गई है।

इन दवाओं का उपयोग मधुमेह, बुखार व संक्रमण जैसे रोगों के उपचार में किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग को संबंधित उत्पादकों एवं वितरकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने साफ़ किया है कि “जनस्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि अमानक औषधियां बेचने या वितरित करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जायसवाल ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है। सभी औषधि विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे केवल मान्यता प्राप्त व प्रमाणित दवाएं ही विक्रय करें।

उधर मंत्री के निर्देश के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 249 दुकानदारों पर कोटपा एक्ट के तहत जुर्माना ठोका है। नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग एक खास मुहीम चला रहा है। इसके तहत दवा दुकानों के निरीक्षण से लेकर दवाओं की गुणवत्ता परखी जा रही है। विभिन्न जिलों से एकत्र किए गए औषधि नमूनों की जांच के अलावा अमानक पायी गई दवाओं की रोकथाम के उपाय किये जा रहे हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सक्ति, राजनांदगांव, कोंडागांव, सूरजपुर सहित अन्य जिलों से कुल 34 औषधि नमूनों को एकत्र कर रायपुर स्थित राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया था। मई 2025 में जांच उपरांत इनमें से 03 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं।

नशीली दवाओं के विरुद्ध सख्ती के फरमानों के बाद इसके दुरुपयोग-रोकथाम के प्रयास शुरू किये गए है। औषधि निरीक्षकों की टीमों मेडिकल स्टोर्स पर लगातार छापेमारी कर रही है। शासन के निर्देश पर सभी मेडिकल प्रतिष्ठानों को सीसीटीवी कैमरे से युक्त किए जाने की दिशा में भी तेजी से कार्य जारी है। मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मुताबिक नशा और तंबाकू निषेध को लेकर भी विशेष अभियान छेड़ा गया है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) के अवसर पर कोटपा अधिनियम, 2003 की धारा 4 व 6 के तहत शिक्षण संस्थानों के समीप पान दुकानों और सार्वजनिक स्थलों पर 249 चालान जारी किए गए। उल्लंघन करने वालों पर ₹100 की दर से जुर्माना लगाया गया है। मंत्री जायसवाल ने कहा कि जुर्माना लगाने से ज्यादा जोर लोगों को जागरूक बनाने पर दिया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे दवाओं की खरीद करते समय गुणवत्ता और वैधता की जांच अवश्य करें तथा संदिग्ध औषधियों की सूचना विभाग को दें।