- वित्त विभाग ने मितव्ययता पर चर्चा के लिए विभागवार समय-सारणी जारी की
रायपुर / छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोविड-19 तथा सामान्य आर्थिक मंदी से राज्य की राजस्व प्राप्तियों में कमी को देखते हुए विभागोें द्वारा सरकारी व्यय की सीमा को कम किया गया है। राज्य शासन द्वारा विभागों को जारी बजट का अब वो पूरे साल में 100 प्रतिशत की जगह 70 प्रतिशत ही बजट खर्च कर सकेंगे। विभागों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आबंटित बजट को साल केे चार तिमाहियों में खर्च करने की पूर्व निर्धारित सीमा में भी संशोधन किया गया है। वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा इस आशय का परिपत्र सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, अध्यक्ष राजस्व मंडल बिलासपुर और सभी विभागाध्यक्षों को जारी कर दिया गया है।
वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत प्रथम तिमाही में व्यय की सीमा 25 प्रतिशत को संशोधित कर 10 प्रतिशत, द्वितीय तिमाही में व्यय की सीमा 15 प्रतिशत को संशोधित कर 10 प्रतिशत, तृतीय तिमाही में व्यय की सीमा 25 प्रतिशत को संशोधित कर 20 प्रतिशत, चतुर्थ तिमाही में व्यय की सीमा 35 प्रतिशत को संशोधित कर 30 प्रतिशत और शत-प्रतिशत व्यय की सीमा को संशोधित कर 70 प्रतिशत किया गया है।
परिपत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में व्यय सीमा कुल बजट प्रावधान के 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। विभाग द्वारा अति आवश्यक होने की स्थिति में इस व्यय सीमा में शिथिलता हेतु औचित्य सहित प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रस्तुत करना होगा। वित्तीय वर्ष के अंतिम माह मार्च में व्यय की अधिकतम सीमा कुल बजट प्रावधान के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
वित्त विभाग द्वारा निर्देशित किया गया है कि निर्माण विभागों सहित जिन विभागों के वर्ष 2020-21 के बजट में पूंजीगत व्यय मद में व्यय के लिए प्रावधान किए गए उनमें से विभागों द्वारा कार्यों की अत्यावश्यकता के आधार पर प्राथमिकता तय की जाए। विभागों द्वारा यथासंभव पहले निर्माणाधीन कार्याें को पूर्ण करने को प्राथमिकता दी जाए एवं नवीन कार्यों के अति आवश्यक होने की स्थिति में प्राथमिकता आधार पर उनको वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन के अनुसार स्वीकृति हेतु विचार किया जाए। जिन नवीन मद कार्याें की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया जाना है उनको विभागीय मंत्री के प्रशासनिक अनुमोदन से प्राथमिकता तय करने के बाद ही प्रस्तुत किया जाए।
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सभी विभागाध्यक्ष और बजट नियंत्रण अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ आहरण एवं संवितरण अधिकारियों (जिला एवं अन्य कार्यालयों सहित) को बजट का पुर्नआवंटन कर ई-कोष के सर्वर में प्रविष्टि हेतु 26 अप्रैल तक समय-सीमा निर्धारित की गई थी। तालाबंदी के कारण इस प्रक्रिया में कतिपय कार्यालयों को बजट आवंटन समय पर नहीं हो पाने को ध्यान में रखते हुए इस समय-सीमा में वृद्धि करते हुए अब 30 मई 2020 तक निर्धारित कर दिया गया है। सभी बजट नियंत्रण अधिकारियों को त्रैमासिक व्यय की पुनरीक्षित सीमा को ध्यान में रखते ही अपने अधीनस्थ आहरण संवितरण अधिकारियों को बजट पुर्नआवंटन करने को कहा गया है, अन्य सभी निर्देश यथास्वरूप प्रभावशील रहेंगे।
मितव्ययता पर चर्चा के लिए विभागवार समय-सारणी
वित्त विभाग द्वारा कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए बजट 2020-21 के लिए मितव्ययता पर चर्चा के लिए विभागवार समय-सारणी निर्धारित की गई है। यह चर्चा 15 मई से 02 जून तक अलग-अलगा तिथियों में मंत्रालय महानदी भवन में होगी। समय-सारणी के अनुसार 15 मई को दोपहर 12 बजे वित्त विभाग, 18 मई को स्कूल शिक्षा विभाग, 19 मई को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, 20 मई को ऊर्जा विभाग, 22 मई को कृषि विभाग, 23 मई को लोक निर्माण विभाग, 26 मई को गृह विभाग और 27 मई को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से संबंधित बजट पर चर्चा की जाएगी। 27 मई को शाम 4 बजे नगरीय प्रशासन विभाग, 28 मई को दोपहर 12 बजे जल संसाधन विभाग और शाम 4 बजे आदिम जाति कल्याण विभाग, 29 मई को दोपहर 12 बजे महिला एवं बाल विकास विभाग और शाम 4 बजे वन विभाग, 30 मई को दोपहर 12 बजे राजस्व विभाग और शाम 4 बजे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, एक जून को दोपहर 12 बजे समाज कल्याण विभाग और शाम 4 बजे उच्च शिक्षा विभाग तथा 2 जून को दोपहर 12 बजे तकनीकी शिक्षा विभाग के बजट पर चर्चा होगी। बैठक में फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए वित्त विभाग की ओर से दो और प्रशासकीय विभाग की ओर से दो अधिकारी ही उपस्थित होंगे। यदि प्रशासकीय विभाग में अन्य अधिकारियों की उपस्थिति आवश्यक होगी तो वे वीडियो काॅन्फ्रेंस से शामिल हो सकेंगे।