श्रीलंका की तर्ज़ पर दिवालिया होने की कगार में छत्तीसगढ़ सरकार ? कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने में खड़े किए हाथ ,हड़ताल की वजह से सरकारी दफ्तरों में काम काज ठप्प ,स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा इतना पैसा देने की सरकार की औक़ात नहीं ,वीडियो वायरल….

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रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की माली हालत को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का एक बयान सोशल मीडिया में तेज़ी से वायरल हो रहा है | इसे सुनकर लगने लगा है कि यह प्रदेश दिवालिया होने की कग़ार पर है |  स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने राज्य की वित्तीय स्थिति का जिक्र करते हुए कर्मचारियों से कहा है कि आप लोगों का 5 से 6 हजार करोड़ रुपए बन रहा है. 5-6 हजार करोड़ रुपए देने की औकात सरकार के पास नहीं है |

इस बयान के बाद प्रदेश में राजनीति तेज़ हो गई है | दरअसल,छत्तीसगढ़ की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने विभिन्न बैंको से लगातार भारी-भरकम क़र्ज़ लिया है | छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने  अपने 04 वर्ष के कार्यकाल में विभिन्न बैंको से लगभग 84 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ ले लिया है | जबकि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के 15 वर्षो के कार्यकाल में रमन सिंह ने मात्र 41 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ लिया था | बताया जाता है की आज छत्तीसगढ़ के प्रत्येक नागरिक पर लगभग 1 लाख 20  हज़ार रुपए का क़र्ज़ है | भूपेश बघेल आने वाले समय यदि और क़र्ज़ लेते है ,तो इसका वित्तीय भार आम जनता पर पड़ेगा | याने यहाँ का प्रत्येक नागरिक और अधिक क़र्ज़दार हो जाएगा | 

उधर हालात यह है कि छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक सरकारी दफ्तरों में हड़ताल की वजह से काम काज ठप्प हो रहा है |वहीँ कई योजनाएं भी फंड के अभाव में अधर पर लटक गई है |  कर्मचारियों की दलील है कि देश के गरीब से गरीब राज्य भी अपने कर्मचारियों को जायज़ वेतन-भत्ते दे रहे है | लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं हो रहा है |उनका कहना है कि कांग्रेस ने चुनाव के समय जो वादा किया था,उसे निभाने में पीछे हट रही है | उनके मुताबिक इस वादे का पालन कराने के लिए आज उन्हें सड़को पर उतरना पड़ रहा है | हड़ताली कर्मचारियों ने बड़ी उम्मीद के साथ मंत्री सिंहदेव का रुख किया था |लेकिन,ना उम्मीदी उनके हाथ लगी है | हालाँकि उनकी मांगों को वे मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाएंगे | 

2:20 मिनट के वायरल वीडियो में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव कह रहे हैं कि मैं आप लोगों की तरफ से ही बोल रहा हूं. सरकार की तरफ से नहीं बोल रहा. आपकी समस्या को मैं भी समझ रहा हूं लेकिन पैसा नहीं है. ईमानदारी की बात है आप लोगों का 5 से 6 हजार करोड़ रुपए बन रहा है. 5-6 हजार करोड़ रुपए देने की औकात ही नहीं है. आप लोगों को 40 हजार करोड़ रुपए तो दे ही रहे हैं. 5 हजार करोड़ और देने की स्थिति नहीं है. मैं घुमाने फिराने की बात नहीं कर रहा हूं, सही स्थिति बता रहा हूं. कर्मचारियों के दूसरे राज्य से महंगाई भत्ते की तुलना पर सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नरवा गरुआ गोबर ज्यादा हो गया है. कितना समझाएं. आगे नियमितीकरण करना है, और कर्मचारी हैं, उनके लिए भी तो काम करना है.   

छत्तीसगढ़ में अगले साल विधान सभा चुनाव होने है | कांग्रेस सरकार ने पार्टी घोषणा पत्र के अलावा जनसभाओं में जो वादे किये थे, उसे लेकर यूटर्न की स्थिति देखी जा रही है | पार्टी ने नौजवानो को ढाई हजार रुपए प्रतिमाह बे रोजगारी भत्ता देने का जो वादा किया था,उसके लिए बे रोजगारो को अभी तक बाठ ढोनी पड़ रही है |इन बे रोजगारो को यह रकम मिलेगी या नहीं ,अब तक सरकार ने स्पष्ट नहीं किया है | जानकारों के अनुसार धन की कमी के चलते छत्तीसगढ़ सरकार और श्रीलंका सरकार की स्थिति एक जैसी बताई जा रही है |हालाँकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकारी विज्ञापनों में जनता की खुशहाली और विकास का राग अलाप रहे है |

 इधर सिंहदेव के वायरल बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और कर्मचारियों के बीच बातचीत का वीडियो ट्वीट किया है | रमन सिंह ने इसे शेयर करते हुए कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया है |  उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री स्वीकार कह रहे हैं कि सरकार के पास पैसे देने की औकात नहीं है! भूपेश बघेल जी के कुप्रबंधन ने छत्तीसगढ़ को कर्ज में डुबोकर दिवालिया कर दिया है | उन्होंने भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का ‘मिस्टर बंटाधार’ बताया है. रमन सिंह ने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल जी के कुप्रबंधन ने छत्तीसगढ़ को कर्ज में डुबोकर दिवालिया कर दिया है. कर्मचारियों को ना वेतन देने के पैसे हैं और ना ही घोषणा पत्र के वादे पूरे करने को पैसे हैं| 

रमन सिंह के इस हमले के जवाब में प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लेकर सरकार और कांग्रेस दोनों ही की ओर से कोई प्रतिक्रिया अब तक सामने नहीं आई है | मामले के तूल पकडे जाने के बाद मंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्विटर पर साफ़ किया है कि उनसे शब्द चयन को लेकर बड़ी त्रुटि हुई है | इसके लिए वे खेद व्यक्त करते है |