
रायपुर : छत्तीसगढ़ में बचपन से दृष्टिहीन एक बच्ची को ”दिव्य दृष्टि” प्राप्त हुई है, वो भी सरकारी अस्पताल में, हैरान करने वाले 4 जटिल ऑपरेशन के बाद सरकारी डॉक्टरों ने यह कामयाबी हासिल की है। इसकी खबर लगते ही स्वास्थ महकमें में ख़ुशी की लहर है। रायपुर के पं. जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में इस 6 वर्षीय बच्ची का इलाज किया गया। 15 अगस्त के मौंके पर इस बच्ची को नेत्र रोग विभाग सह क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के कुशल एवं दक्ष नेत्र रोग विशेषज्ञों की टीम ने आखिरकार दिव्य दृष्टि प्रदान कर दी है। ये बच्ची पैदा होते ही दृष्टिहीनता की समस्या से जूझ रही थी। आमतौर पर ऐसे ऑपरेशन उच्च मेडिकल संस्थानों और विदेशों में ही उपलब्ध है।

प्रदेश में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में कॉर्निया प्रत्यारोपण (केराटोप्लास्टी) की एक के बाद एक चार जटिल शल्य क्रियाएं सफलतापूर्वक संपन्न कर डॉक्टरों ने इतिहास रच दिया हैं। स्वास्थ मंत्री जायसवाल को जैसे ही ऑपरेशन की कामयाबी की खबर मिली, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। स्वास्थ मंत्री ने बगैर समय गवाए, अस्पताल का रुख किया और डॉक्टरों की पीठ थपथपाई। दरअसल, प्रदेश में गंभीर बीमारियों से लेकर आम उपचार के लिए कई सुविधा संपन्न लोग सरकारी अस्पतालों के बजाय निजी अस्पतालों का रुख करने के मामले में पीछे नहीं रहते। कई मौंको पर तो सरकारी अस्पतालों से कतराते भी देखे गए है। लेकिन पिछले लगभग डेढ़ वर्षो में राज्य की बीजेपी सरकार ने कई सरकारी अस्पतालों का काया कल्प कर दिया है। एक बार फिर बड़ी तादात में मरीजों ने सरकारी अस्पतालों में दस्तक देना शुरू कर दिया है।

सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट अस्पतालों की तर्ज़ पर विकसित कर बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में स्वास्थ मंत्री जायसवाल जोर -शोर से जुटे बताये जाते है। यही कारण है कि कार्निया ट्रांसप्लांट की जानकारी लगने पर स्वास्थ मंत्री फ़ौरन डॉक्टरों की हौसला अफजाई के लिए अस्पताल पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक कॉर्निया प्रत्यारोपण डॉ. निधि पांडे के मार्गदर्शन में डॉ. रेशु मल्होत्रा, डॉ. स्मृति गुप्ता (कार्निया विशेषज्ञ) तथा डॉ. अंजू भास्कर द्वारा किए गए। डॉक्टरों के मुताबिक इस तकनीक को अपनाने से मरीजों में शल्य चिकित्सा के पश्चात संतोषजनक सुधार देखा जा रहा है। डॉक्टरों ने इस उपलब्धि का श्रेय नेत्र रोग विभाग की विशेषज्ञता, उच्च गुणवत्ता वाली शल्य चिकित्सा सुविधा तथा टीम वर्क को दिया है।

कार्निया विशेषज्ञ डॉ. स्मृति गुप्ता के अनुसार हाल ही में किए गए कॉर्निया प्रत्यारोपण ने सबसे छोटी 6 वर्षीय मासूम मरीज की अंधेरी दुनिया में रोशनी भर दी है। उनके मुताबिक जन्म से ही कॉर्नियल ओपेसिटी के कारण दोनों नेत्रों से पूर्णतः दृष्टिहीन बालिका की दृष्टि में लगातार सुधार हो रहा है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर के मुताबिक नेत्र रोग विभाग द्वारा हासिल की गई यह उपलब्धि न केवल चिकित्सकीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं का भी श्रेष्ठ उदाहरण है। उन्होंने कहा कि छह वर्षीय बालिका के जीवन में रोशनी लौटाने का प्रयास करना इस संस्थान के लिए गर्व की बात है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अम्बेडकर अस्पताल की इस बड़ी कामयाबी को मील का पत्थर बताते हुए कहा है कि एक बार फिर यह साबित हो गया है कि नेत्रदान सिर्फ एक अंगदान नहीं, बल्कि किसी के जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना है। उन्होंने कहा कि वो उन लोगों को तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने नेत्रदान जैसा महान कार्य करने का निर्णय लिया और अब उन लोगों की आंखों से जरूरतमंद लोग इस खूबसूरत दुनिया को देख पाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अपील की है कि वो नेत्रदान के लिए आगे आएं ताकि और भी जरूरतमंद लोगों को अंधेरे से उजाले की तरफ आने का मौका मिल सके।दृष्टिहीन बच्चों के लिए सरकारी अस्पतालों में आँखों की रोशनी का इलाज आने वाले दिनों वरदान साबित होगा। स्वास्थ मंत्री ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के साथ – साथ आधुनिक उपकरणों को मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है। इसके तहत सरकारी स्वास्थ सेवाओं को विकसित और जनसुलभ बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार, सरकारी अस्पतालों के कायाकल्प की ओर तेजी से अपने क़दम बढ़ा रही है।