छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह को हाईकोर्ट से राहत मिली है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में दर्ज मामले को निरस्त कर दिया है।
अधिवक्ता अभिषेक सिन्हा ने सोमवार को यहां बताया कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का फैसला सुनाया। सिन्हा ने बताया कि रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा की शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने फरवरी वर्ष 2020 में सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।
अधिवक्ता ने बताया कि सिंह और उनकी पत्नी ने मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि ईओडब्ल्यू की जांच में आय से अधिक संपत्ति का प्रकरण नहीं बनता है इसलिए मामला निरस्त किए जाने योग्य है। सिन्हा ने बताया कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश एनके व्यास की एकल पीठ में चार अक्तूबर 2021 को मामले की अंतिम सुनवाई हुई थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उन्होंने बताया कि सोमवार को न्यायालय ने फैसला सुनाया। न्यायालय ने अपने फैसले में अमन सिंह और यास्मीन सिंह के खिलाफ दर्ज मामले को निर्धारित कानून के विपरीत माना। न्यायालय ने यह कहते हुए मामले को निरस्त कर दिया कि इसके अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अमन सिंह या उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम या भारतीय दंड संहिता के तहत कोई अपराध नहीं बनता है।
फरवरी वर्ष 2020 में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने तथा अन्य वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के मुताबिक सामाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा की शिकायत पर ब्यूरो ने यह मामला दर्ज किया था।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन ने अमन सिंह की सेवाएं भारतीय राजस्व सेवा से प्रतिनियुक्ति पर ली थी। वह छत्तीसगढ़ शासन में वर्ष 2004 से वर्ष 2010 तक प्रतिनियुक्ति पर रहे। उनकी पत्नी यास्मिन सिंह वर्ष 2005 से दिसंबर 2018 तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और ग्रामीण विकास विभाग में संविदा पर कार्यरत रही। सिंह और उनकी पत्नी ने वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद पद से त्यागपत्र दे दिया था।