
रायपुर : – छत्तीसगढ़ में क्रेडा विभाग कमीशनखोरी को लेकर चर्चा में है। कमीशन के बटवारे और पैमाने को लेकर यहाँ शिकायती ठेकेदार और अध्यक्ष आमने -सामने आ गए है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा क्रेडा के अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी पर लगे 3 फीसदी कमीशनखोरी की जाँच शुरू कर दी गई है। जबकि सवन्नी उन पर लगे आरोपों को बेबुनियाद ठहरा रहे है, इस बीच जाँच की कछुवा चाल से ठेकेदारों में उहापोह की स्थिति देखी जा रही है। कमीशनखोरी का मामला सामने आने के बाद क्रेडा की प्रतिष्ठा दांव पर है | इसका असर योजनाओं के तहत लगने वाले उपकरणों पर भी नजर आने लगा है।

दरअसल, विभागीय कमीशन को लेकर तय पैमाना इन दिनों राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच बीजेपी नेता सवन्नी ने उन पर लगे आरोपों को लेकर सफाई दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसी अज्ञात व्यक्ति की शिकायत को संज्ञान में लेकर उनके खिलाफ मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जाँच के निर्देश दिए गए है। उन्होंने साफ़ किया कि शिकायत पत्र में शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर तक नहीं है, यहाँ तक की शिकायतकर्ता का नाम और पहचान व पता ठिकाना भी दर्ज नहीं है ? इसके बावजूद भी उनके खिलाफ जाँच के निर्देशः दिए गए है। उधर, सवन्नी के समर्थन में छत्तीसगढ़ बिजनेस वेलफेयर एसोसिएशन भी मैदान में कूद गया है। बीजेपी नेता भूपेंद्र सवन्नी के समर्थन में उतरे व्यापारियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव को पत्र लिख कर सवन्नी के खिलाफ शिकायत को फर्जी बताया है।

उन्होंने साफ़ किया कि शिकायत पत्र में शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर तक नहीं है, यहाँ तक की शिकायतकर्ता का नाम और पहचान व पता ठिकाना भी दर्ज नहीं है ? इसके बावजूद भी उनके खिलाफ जाँच के निर्देशः दिए गए है। उधर, सवन्नी के समर्थन में छत्तीसगढ़ बिजनेस वेलफेयर एसोसिएशन भी मैदान में कूद गया है। बीजेपी नेता भूपेंद्र सवन्नी के समर्थन में उतरे व्यापारियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव को पत्र लिख कर सवन्नी के खिलाफ शिकायत को फर्जी बताया है।

पत्र में कहा गया कि, “जनदर्शन में क्रेडा के मौजूदा अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी के खिलाफ फर्जी शिकायत की गई है। पत्र में, लिखा गया है कि क्रेडा पर पूरी आस्था एवं विश्वास है कि वे क्रेडा जैसी प्रतिष्ठित संस्था की उन्नति एवं राज्य में संस्था के योगदान को ऊँचाई पर ले जाने में श्री सवन्नी अपने अनुभवों का लाभ पहुँचायेंगे।” एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री कार्यालय में की गई शिकायत में दर्शित तथ्यों का खण्डन करते हुए कहा गया है कि, ”किसी शरारती तत्व के द्वारा अध्यक्ष की छबि को खराब करने अथवा अन्य कारणों से ऐसी झूठी शिकायत मुख्यमंत्री को प्रेषित की गई है।

मुख्यमंत्री कार्यालय में की गई एक शिकायत में क्रेडा के वेंडर्स और ठेकेदारों ने कहा था कि क्रेडा के चेयरमैन भूपेंद्र सवन्नी 3% कमीशन की मांग कर रहे है। कमीशन की रकम नहीं देने पर विभागीय कार्यों की जांच कराने और ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने की धमकी दी जा रही है। शिकायतकर्ता वेंडर्स ने यह भी बताया कि वे विगत कई सालों से वेंडर के तौर पर कार्य कर रहे हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सवन्नी के द्वारा उनके निजी सहायक वैभव दुबे के माध्यम से 3% कमीशन की मांग की जा रही है।

उधर, CM सचिवालय में की गई शिकायतों का पुलिंदा बाहर आने से बीजेपी के भीतर की राजनीति भी गरमाई हुई है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का पालन करते हुए इस शिकायत की जाँच शुरू कर दी है, ऊर्जा सचिव से इस बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। जाँच कब परवान चढ़ेगी, इसे लेकर भी गहमा -गहमी देखी जा रही है।

क्रेडा के सीईओ ने चेयरमैन भूपेंद्र सवन्नी के खिलाफ जारी जाँच को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। इधर शिकायतकर्ता, सवन्नी के बयानों को आधारहीन और फर्जी करार दे रहे है। उनके मुताबिक शिकायत वापस लेने के लिए उन पर दबाव डाला जा रहा है, जबकि शिकायत में कमीशनखोरी के तथ्यों से राज्य सरकार को विधिवत अवगत कराया गया है। शिकायतकर्ताओं ने निष्पक्ष जाँच और त्वरित जाँच की मांग दोहराई है। फ़िलहाल, क्रेडा में कमीशनखोरी पर विराम लग गया है ? या फिर सरकारी योजनाओं में नए पैमानों के साथ नया कमीशन, प्रभावशील है, इसका खुलासा तो जाँच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही होगा।