छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के विभाजन का भंडाफोड़, पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के नई पार्टी गठन पर ब्रेक, सकते में कांग्रेस और बीजेपी, बवाल…. 

0
21

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की तर्ज पर एक बार फिर कांग्रेस पार्टी विभाजन की कगार पर खड़ी है। इस बार नई पार्टी के गठन का सेहरा पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल पर बंध रहा है। बताते है कि पूर्व मुख्यमंत्री अपने करीबी सहयोगियों की अगुवाई में नई पार्टी के गठन को लेकर हाथ-पांव मार रहे है। इससे जुड़ी एक बैठक में मचे बवाल के बाद कांग्रेस के भीतर विभाजन का खतरा मंडराने लगा है। बताया यह भी जा रहा है कि नई पार्टी के गठन को लेकर लगभग 500 उन स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था, जिन्हे राजीव मितान क्लब की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

कांग्रेस के दो फाड़ को लेकर लगातार आयोजित होने वाली ऐसी बैठकों में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की हिस्सेदारी भी सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को ऐसी बैठकों से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इस सिलसिले में रायपुर के सरोना स्थित एक मैरिज हॉल में आयोजित बैठक सुर्ख़ियों में है। इस बैठक के मकसद और एजेंडे को लेकर राजनैतिक गलियारों में बवाल मचा है। कांग्रेस के तोड़-फोड़ से जुड़ी इस बैठक का भंडाफोड़ होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का पारा सातवें आसमान पर बताया जा रहा है।

इस खुलासे के बाद आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला कर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने अपनी सफाई दी है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर विभाजन की ओर बढ़ रही है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की भूमिका महत्वपूर्ण बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक नई पार्टी के गठन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जोर-शोर से जुटे हुए है।

रायपुर में आयोजित बैठक में प्रदेश स्तरीय आंचलिक पार्टी के गठन का मसौदा पेश कर भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया है। बताते है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों से समान दूरी तय कर नया राजनैतिक दल जल्द सामने आ सकता है। यह भी बताया जाता है कि बघेल के करीबी सहयोगी नेता गिरीश देवांगन की अगुवाई में गैर-राजनैतिक संगठन राजीव मितान क्लब को इस नई पार्टी में विलय कर दिया जायेगा।

इस क्लब से जुड़े महत्वपूर्ण पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिए जाने की खबरे भी सामने आ रही है। इधर बीजेपी ने ट्वीट कर लोगों  को आगाह किया है कि जोगी की तर्ज पर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल कांग्रेस के दो फाड़ में जुटे है। छत्तीसगढ़ सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने इस मामले पर एक्स पर लिखा कि जैसी भविष्यवाणी स्व.अजीत जोगी के बारे में सही साबित हुई थी, वैसी ही भविष्यवाणी आज करने का पर्याप्त आधार है कि शनै:शनै: भूपेश बघेल जी कांग्रेस से अलग एक नया क्षेत्रीय दल बनाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। 

X में लिखा कि भाजपा ने चुनाव के दौरान जितने भी मुद्दे उठाए थे उनमें एक भी ऐसे नहीं थे जो आधारहीन रहे हों। उनके मुताबिक अनेक बार पार्टी ने यह कहा कि शासन के खर्चे पर जनता की गाढ़ी कमाई से बना हुआ कथित राजीव मितान क्लब वास्तव में भूपेश बघेल जी की निजी सेना है जो वे प्रदेश में बनाना चाहते हैं। 

उन्होंने आगे लिखा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल में प्रदेश भर में ऐसा एक अवैधानिक संगठन खड़ा करने की कोशिश की थी, जो केवल व्यक्ति विशेष भूपेश जी के लिए जिम्मेदार था। सरकार तो छोडि़ए, स्वयं उनकी पार्टी के लोग भी उनसे ऐसे मामले से सहमत नहीं थे। छत्तीसगढिय़ों के पैसों की लूट होती रही, और बघेल जी स्वयं को स्थापित करने में लगे रहे।

उधर नई पार्टी गठन के लिए जारी कवयतों का भंडाफोड़ होते ही पूर्व मुख्यमंत्री बघेल खुद मैदान में उतर आये है। उन्होंने राजीव मितान क्लब से जुड़ी ऐसी बैठकों को लेकर अपनी सफाई दी है। कांग्रेस विभाजन से जुड़ी कवयतों और बैठकों की खबरे राजनैतिक गलियारों में गरमाई हुई है। मामले के तूल पकड़ने के बाद बघेल ने अचानक बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होने सफाई देते हुए कहा कि राजीव मितान क्लब के पदाधिकारियों से लंबे समय से उनकी मेल-मुलाकात नहीं हुई थी। संवाद स्थापित करने के लिए उन्हें इकट्ठा कर रायपुर बुलाया गया था। 

बैठक के सार्वजनिक होने से तिलमिलाए पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर भी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि बीजेपी में इतना अकाल पड़ गया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ खड़े होने वाला कोई नहीं है। उनके सलाहकार अपनी नौकरी बचाने के लिए ऐसा बयान दे रहे है। बहरहाल, राजीव मितान क्लब की बैठकों से राजनैतिक बू आना शुरू हो गई है। 

दिग्गज कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को ऐसी बैठकों ने हैरत में डाल दिया है। कई नेताओं की दलील है कि पार्टी विरोधी ऐसी बैठकों में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की हिस्सेदारी संदेहस्पद है, जब सब कुछ साफ है तो कांग्रेस संगठन और आम कार्यकर्ताओं को बैठकों से दूर क्यों रखा जा रहा है ? हालांकि कांग्रेस संगठन की ओर से इस मामले को लेकर कोई आधिकारिक बयान अभी सामने नहीं आया है। 

गौरतलब है कि 18 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने आवास में आयोजित एक समारोह के दौरान गर्मजोशी के साथ ‘राजीव युवा मितान क्लब योजना’ का शुभारंभ किया था। इसके लिए प्रत्येक जिलों में क्लब के गठन एवं संचालन के लिये मोटी रकम भी सरकारी तिजोरी से जारी की थी। इस दौरान प्रत्येक ज़िलों में इससे जुड़ी गतिविधियों को आयोजित करने के लिए 19.43 करोड़ रुपए की राशि भी जारी की गई थी। ऐसे क्लबों को वर्ष भर में 132.69 करोड़ रुपए की अनुदान राशि आवंटित की गई थी। इस योजना के तहत राज्य की सभी ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में चरणबद्ध रूप से कुल 13,269 राजीव युवा मितान क्लब गठित किये गए थे।